समझौता एक्सप्रेस बिस्फोट मामला: असीमानंद समेत सभी चारों आरोपियों बरी

All four accused including Aseemanand acquitted

पंचकूला (एजेंसी)। हरियाणा में पंचकूला की विशेष एनआईए अदालत ने 18 फरवरी 2007 को पानीपत के दीवाना रेलवे स्टेशन के निकट दिल्ली-लाहौर समझौता एक्सप्रैस रेलगाड़ी में हुये बिस्फोट के मुख्य आरोपी असीमानंद समेत सभी चारों आरोपियों को आज बरी कर दिया। बरी किये गये तीन अन्य आरोपी लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंद्र चौधरी हैं।

चारों आरोपियों में से केवल असीमानंद ही जमानत पर बाहर थे जबकि शेष तीनों न्यायिक हिरासत में थे। इस मामले में कुल आठ आरोपी थे जिनमें से एक सुनील जोशी की मामले की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है तथा तीन अन्य आरोपी रामचंद्र कलसंगरा, संदीप डांगे और अमित फरार हैं। इन्हें भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। रेलगाड़ी में बिस्फोट की इस घटना में 68 लोगों की मौत हो गई थी तथा 12 अन्य घायल हो गये थे। मृतकों में अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे। इनमें 16 बच्चे और चार रेलवे कर्मी भी शामिल थे।

धमाकों में जिंदा जल गए थे 68 लोग

2007 समझौता एक्सप्रेस ईआईडी विस्फोटों में कम से कम 68 लोग मारे गए थे। आतंकवादी हमले में पाकिस्तान के कुल 43 नागरिक मारे गए थे। 2010 से पंचकूला एनआईए अदालत में मुकदमा चल रहा है और कुल 299 में से लगभग 224 गवाह अदालत के सामने हाजिर हुए। स्वामी असीमानंद उर्फ नबा कुमार सरकार इस मामले में मुख्य आरोपी थे और तीन अन्य आरोपी- कमल चौहान, राजिंदर चौधरी और लोकेश शर्मा इस समय सेंट्रल जेल अंबाला में हैं। अब सबको बरी कर दिया गया है।

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