मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे अध्यापक, काले झंडे उठाकर निकाला मोटरसाइकिल रोष मार्च

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सच कहूँ/जसवीर सिंह गहल, बरनाला। राज्य भर से बड़ी संख्या में अध्यापकों ने वीरवार को काले झंडे उठाकर सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब के आह्वान पर मोटरसाईकल, स्कूटर मार्च निकालने के बाद शिक्षा सचिव का पुतला फूंककर अपना गुस्सा जाहिर किया और नारेबाजी करते शिक्षा और अध्यापक विरोधी फैसलों के विरोध में सख़्त रोष जताया। मोर्चे के जिला नेता सुखबीर, गुरमीत सुखपुर और हरिन्दर ने आरोप लगाया कि सचिव ने कैबिनेट मंत्री ब्रह्म महेन्द्रा के नेतृत्व वाली कैबिनेट सब समिति के 5 मार्च 2019 को किये फैसले अनुसार संघर्षों दौरान हुई विकटेमाईजेशनें रद्द नहीं की, बल्कि विभाग का आकार घटाने के अंतर्गत बड़ी संख्या में सरकारी स्कूल पक्के तौर पर बंद करने की नीति को आगे बढ़ाया है।

बेरोजगारों को पक्का रोजगार देने व कच्चे अध्यापकों को पक्का करने की बजाय नयी शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत लगातार शिक्षा को बर्बाद किया जा रहा है, नियमों में अध्यापक विरोधी शोध की जा रही है और प्रसोनल विभाग के कोरोना पीड़ित अध्यापकों के लिए 30 दिन की एकांतवास छुट्टी वाला पत्र लागू न करते हुए मैडीकल छुट्टी काटी जा रही है। नेताओं ने कहा कि अलग-अलग वर्गों की पैंडिंग प्रमोशनें नहीं की जा रही और बदली नीति को मनचाहे ढंग से लागू कर, नॉन बॉर्डर (3582, 6060 आदि) अध्यापकों को बदली प्रक्रिया पर विचार नहीं किया जा रहा और न ही प्राथमिक सहित अन्य कई वर्गों के तबादले किए गए हैं।

नेताओं ने कहा कि विभाग में धक्केशाही वाला राज स्थापित करते अध्यापकों को निरस्त करने की प्रवृत्ति अपनाई जा रही है और सेवानिवृत अध्यापकों को स्कूलों में पढ़ाने का काम देने जैसे गैर -वाजिब फैसले लिए जा रहे हैं इस मौके सुखदीप, रघबीर सिंह, सतपाल, अमरीक भद्दलवढ्ढ, लखवीर भदौड़, मालविन्दर सिंह, जगतार पत्ती, अमृतपाल, गुरमेल भुटाल, रमनदीप, प्रमिन्दर ठीकरीवाला, बिक्रमजीत पंडोरी, तजिन्दर तेजी, एकमप्रीत, गुरमेल भुटाल, सतनाम, अध्यापक यूनियन के लखवीर ठुल्लीवाल, कुलवंत, 6060 अध्यापक यूनियन के सुखप्रीत, संयुक्त किसान मोर्चे के नेता मनजीत राज, बाबू सिंह व बड़ी संख्या में अध्यापक उपस्थित थे।

अध्यापकों ने सरकार पर लगाया अनदेखी करने का आरोप

* सरकार ने 1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती होने वालों पर पुरानी पैंशन प्रणाली बहाल नहीं की, न ही छटे पंजाब तनख़्वाह कमीशन की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया।
* कच्चे अध्यापकों को पक्के करने और पिकटस अधीन रेगुलर कम्प्यूटर अध्यापकों को विभाग में शिफ्ट करने में टालमटोल किया जा रहा है।
* महंगाई भत्ते के बकाए जारी नहीं किये जा रहे, बल्कि नयी भर्ती पर केंद्रीय तनख़्वाह स्केल और ग्रेड से भी कम तनख्वाहें थोपी जा रही हैं।

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