अभिभावक बोले, ऑनलाइन करवाई जा सकती थी परीक्षा

12वीं की परीक्षा रद्द करने पर चिंता में डूबे विद्यार्थी

सच कहूँ/अनिल नंदन, गोरीवाला। सीबीएसई व हरियाणा बोर्ड की 12वीं बोर्ड ने कोरोना के चलते परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया है। इस फैसले से ग्रामीण आंचल के विद्यार्थी चिंतित और शिक्षाविद असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस समय बाद सरकार व बोर्ड को पूरी प्रक्रिया के साथ निर्णय देना चाहिए था। विद्यार्थियों के साथ साथ हम भी असमंजस में है कि किस आधार पर उन्हें पास किया जाएगा। बहुत से विद्यार्थी परीक्षा देने के पक्ष में भी थे। क्योंकि 12वीं बोर्ड के अंक कॉलेज में दाखिला लेने के लिए अधिक मायने रखते हैं। जब इस बारें में छात्रों, अभिभावकों व अध्यापकों से उनकी राय जानी तो उन्होंने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

‘‘12वीं बोर्ड की कक्षा के भविष्य को देखते हुए परीक्षा रद्द करना सही नहीं है। हर बार परीक्षा रद्द करने के लिए शैक्षणिक गुणवत्ता करने से शैक्षणिक गुणवत्ता प्रभावित करेगी। वहीं दूसरी ओर जिन विद्यार्थियों ने पूरे साल कड़ी मेहनत की थी। उन्हें भी निराशा हाथ लगी है।

सुनील डुड्डी, प्रवक्ता अर्थशास्त्र।

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‘‘मेरी बोर्ड परीक्षाओं को लेकर तैयारी अच्छी थी। अब किस आधार पर अंक लगेंगे। यह आधार कितना सही होगा। इन सब कारणों को लेकर परिणाम का तनाव है। परीक्षा होती तो यह तनाव ना होता। अंकित, छात्र।

 

‘‘बोर्ड परीक्षाओं को लेकर शुरूआत से ही तैयारी कर रहे थे परीक्षा होनी चाहिए थी, क्योंकि इससे सभी विद्यार्थियों को एक निष्पक्ष मौका मिलता है और हम अंको को लेकर अधिक संतुष्ट होते। मानसी, छात्रा।

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‘‘इस बात से संतुष्ट हैं कि कोई एक निर्णय पर पहुंचे हैं। क्योंकि पिछले कुछ दिनों से तनाव के कारण पढ़ाई भी नहीं हो पा रही थी। सरकार निष्पक्ष प्रणाली से अंक दें, ताकि कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए बच्चों को कोई समस्या ना आए। राजबाला, छात्रा।

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‘‘फैसले से सभी असमंजस में है विद्यार्थियों को किस आधार पर अंक मिलेंगे कॉलेज में किस आधार पर दाखिला मिलेगा इन सब सवालों के जवाब नहीं मिले हैं। होशियार सिंह, अध्यापक।

 

 

 

‘‘वर्तमान हालात के हिसाब से सरकार का फैसला सही है इस समय संक्रमण का अभिभावकों को ज्यादा है लेकिन सभी बच्चों का प्राथमिक आधार पर टीकाकरण करवाकर परीक्षा आयोजित करवाई जा सकती थी। जयदेव, अभिभावक।

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‘‘परीक्षा नहीं होनी चिंताजनक है लेकिन वर्तमान हालातों को देखते हुए बच्चों का स्वास्थ्य अधिक जरूरी है अभिभावक के तौर पर इस समय बढ़ते से आक्रमण को देखते हुए यह फैसला ठीक लग रहा है।

महावीर सिंह, अभिभावक।

 

 

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