एक कर्मचारी के सहारे चल रही कस्बा शेरपुर की टैलिफोन एक्सचेंज

Telephone-exchange

सिर्फ हफ्ते में दो दिन ही खुलती है कस्बे की यह टैलिफोन एक्सचेंज

सच कहूँ/रवी गुरमा शेरपुर (संगरूर)। कस्बा शेरपुर की टैलिफोन एक्सचेंज जो कि करोड़ों रुपये की मशीनरी सहित एक शानदार बिल्डिंग में बनी हुई है। यह टैलिफोन एक्सचेंज कस्बे सहित आसपास के 20 -25 गांवों को सुविधा देती है परन्तु हैरानी की बात यह है कि इस टैलिफोन एक्सचेंज में केवल एक कर्मचारी ड्यूटी कर रहा है, जिस कारण जहां लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं ड्यूटी कर रहे कर्मचारी को भी अनेकों कठिनाईयां सह कर अपनी ड्यूटी करनी पड़ रही है।

टैलिफोन बिल भरवाने, नए कनैक्शन, बैंक काम के अलावा फील्ड ड्यूटी के लिए सिर्फ एक कर्मचारी ही काम कर रहा है। एक रिटायर कर्मचारी ने बात करने उपरांत बताया कि इस टैलिफोन एक्सचेंज में पहले 6-7 कर्मचारी काम करते थे परन्तु अब पूरी सब डिवीजन में 7 मुलाजिमों से काम लिया जाता है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट अधीन रिटायर किया गया क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों की तनख्वाहें दो – दो महीने लेट आनी शुरू हो गई थी।

सरकारों की कर्मचारियों प्रति बुरी नीतियों के कारण कर्मचारी रिटायरमेंट होने उपरांत नयी भती सरकार की तरफ से बिल्कुल बंद की गई है। सरकारों की नीतियों के कारण यह विभाग अब बिल्कुल ठप्प होने किनारे खड़ा है, जिसके मुकाबले यदि हम प्राईवेट सैक्टर की कंपनियां जीओ, एयरटेल, आईडिया की बात करें तो वह कंपनियां 5जी लांच करने जा रही हैं परंतु बीएसएनएल अभी तक 3जी नैट तक ही सिमट कर रह गई है। सरकारों द्वारा कॉरपोरेट घरानों को प्रफुल्लित करने के लिए सरकारी विभागों को फेल किया जा रहा है या फिर कॉरपोरेट घरानों के अधीन कर उनको फायदा दिया जा रहा है।

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