ट्योढि का पुस्तकालय अपनी दुर्दशा पर बहा रहा आंसू

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ट्योढि का पुस्तकालय अपनी दुर्दशा पर बहा रहा आंसू

अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक डॉ रामकरण शर्मा ने अथक प्रयासों से छात्रों के लिये खुलवाया था पुस्तकालय | Baraut News

  • पुस्तकालय बंद होने पर लाखो की पुस्तकों को खा रही दीमक | Baraut News

बड़ौत (सच कहूँ/सन्दीप दहिया)। बडौत के ट्योढि गांव में छात्रों और युवाओ की परीक्षा की तैयारी के लिए प्राइमरी स्कूल में जो पुस्तकालय (Library) खुलवाया गया था उसका ताला आज तक नही खुल पाया। जिससे छात्र पुस्तकालय की सुविधा से लगातार महरूम चल रहे है। ट्योढि में छात्रों और युवाओ को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए बडौत या अन्य स्थाओ पर जाना पडता था। गांव में इस समस्या को देखते हुए गांव के वैज्ञानिक डॉ रामकरण शर्मा ने अपने अथक प्रयासों से ओएनजीसी के माध्यम गांव के प्राइमरी स्कूल में लाखो रुपये खर्च कर पुस्तकालय खुलवाया था जिसमे प्रतियोगिता की सैकड़ो पुस्तके, कम्प्यूटर, कुर्सी, मेज और छात्रों की सुविधा के अन्य सामान उपलब्ध कराए थे।

बड़े ही धूमधाम के साथ बागपत सांसद डॉ सत्यपाल सिंह ने 23 फरवरी को क्षेत्र के गणमान्य लोगों और ग्रामीणों की मौजूदगी में पुस्तकालय का उद्घाटन किया था। जिसके बाद छात्रों व युवाओ को गांव में ही परीक्षा की अच्छी तैयारी करने की उम्मीद जग गयी थी लेकिन गांव के ही जिम्मेदार लोगों की उदासीनता के चलते उनकी उम्मीद टूट गयी। उद्घाटन के दिन के बाद से पुस्तकालय का दरवाजा नही खोला गया। हालत ये हो गए कि दरवाजे में लगे ताले भी जंग खा गए। छात्रों ने अनेको बार पुस्तकालय खोलने की मांग भी की लेकिन अभी तक किसी ने कोई सुध नही ली। गांव में पुस्तकालय के प्रति इतनी उदासीनता को देखते हुए वैज्ञानिक डॉ रामकरण शर्मा ने इस पर अफसोस प्रकट करते हुए गांव में पहुंच कर बैठक कर गणमान्य लोगों से पुस्तकालय खुलवाने के लिए कहा। Baraut News

उन्होंने कहा कि गांव में युवाओ के रूप में अनेको प्रतिभाएं मौजूद है जो स्कूली शिक्षा के पश्चात सुनहरे भविष्य का सपना लेकर बडौत, बागपत या फिर दिल्ली जाकर कोचिंग कर रहे है।अपने गांव में ही उन्हें समस्त सुविधा देने के लिए और विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में पढ़ने के लिए पुस्तकालय के रूप में ऑनलाइन शिक्षा देने का प्रयास किया था लेकिन उनका प्रयास पूरी तरह विफल होता नजर आ रहा है। क्योंकि पुस्तकालय में जो सुविधा दी गयी थी उसका अब तक गांव के बच्चे कोई लाभ नही उठा पाए है। यंहा तक स्कूल में चारो तरफ गंदगी भी फैली रहती है लेकिन किसी का कोई ध्यान नही है। उन्होंने बैठक में गणमान्य और गांवों के जिम्मेदार लोगो से जल्द ही इस दिशा में जरूरी कदम उठाने और प्रशासन से छात्र और युवा हित में जल्द से जल्द पुस्तकालय खोलने की मांग की। Baraut News

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