मुर्शिद से ओड निभाकर सचखंड जा विराजे प्रेमी रामनाथ इन्सां

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बेटा- बेटी एक समान मुहिम के तहत प्रेमी रामनाथ इन्सां की बेटियों ने उनकी अर्थी को दिया कन्धा

सचकहूँ /लाजपतराय
यमुनानगर। डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी अपने मुर्शिद की प्रेरणा पर चलते हुए जीते जी मानवता भलाई के कार्यो में बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं ओर मरनोपरांत आंखे व शरीरदान कर एक नया अध्याय लिख जाते हैं, मंगलवार को ब्लॉक कैल के गांव कैल निवासी 15 मैंबर प्रेमी रामनाथ इन्सां अपनी स्वांसों रूपी पूंजी पूरी कर मालिक के चरणों में ओड निभाते हुए सचखंड जा विराजे। प्रेमी रामनाथ इन्सां द्वारा मरणोंपंरात आंखेंदान के संकल्प को पूरा करते हुए माधव नेत्र बैंक करनाल को उनकी आंखे दान की गई।

वहीं बेटा-बेटी एक समान मुहिम के तहत पे्रमी रामनाथ इन्सां की बेटियों सुरेखा इन्सां, सोनाली इन्सां, अंकिता इन्सां, व मोनिका इन्सां ने अपने पापा की अर्थी को कन्धा दिया। प्रेमी रामनाथ इन्सां के सपुत्र विजेन्द्र इन्सां ने अपने पापा की चिता को मुखिग्री दी। संस्कार से पूर्व मौजूद सभी साध-संगत व सगे-सम्बिधयों ने विनती शब्द बोलकर अरदास की। इस अवसर पर ब्लाक 15 मैंबर भगवानदास व बलजीत इन्सां ने बताया कि आज उनसे एक बेहतरीन सेवादार बिछुड़ गया हैं जो सेवा कार्यों में अग्रणी थे। हमेशा सेवा कार्यों को तव्वजो देते थे। उन्होंने पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के चरणों में अरदास करते हुए कहा कि प्रेमी रामनाथ इन्सां के परिवार को दुख सहने की ताकत देना। व इस परिवार को हमेशा अपने चरणकमलों से जोड़े रखना।

45 मैंबर चमनलाल इन्सां, एसडीओ जसबीर इन्सां व सचिन इन्सां ने बताया कि पे्रमी रामनाथ इन्सां का परिवार करीब 27 वर्षों से डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हुआ हैं उस समय पे्रमी रामनाथ इन्सां एक बैक में कैशियर के पद पर कार्य करते थे। उन्होने बताया कि प्रेमी रामनाथ इन्सां ने बैंक में कार्यरत टाईम मे भी अपनी ड्यूटी को बड़ी जिम्मेदारी से निभाया और अब रिटायर होने के बाद ज्यादा से ज्यादा समय सेवा कार्यों में ही लगाते थे। धन्य है ऐसे मुर्शिद के प्यारे जो ओड निभाकर जाते हैं।

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