खाद्य आपूर्ति विभाग के गेहूं भंडारण में भ्रष्टाचार की बू!

The smell of corruption sachkahoon

रात के अंधेरे में कट्टे भरते हुए वीडियो वायरल

  • उपायुक्त को सौंपी शिकायत, डीएफएससी ने बनाई पांच अधिकारियों की कमेटी

सच कहूँ, देवीलाल बारना, कुरुक्षेत्र। जिले के लाडवा क्षेत्र में एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है। खाद्य आपूर्ति विभाग के भंडारण से सरकारी गेहूँ की घोटाले की बू आ रही है। मामले में मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुई, जिसमें रात्रि के अंधेरे में गेहूँ के कट्टे भरे जा रहे हैं। अब यह वीडियो कब की है, यह तो जांच के बाद ही मालूम पड़ेगा, लेकिन इस मामले में बड़े घोटाले की बू जरूर आ रही है।

बता दें कि मामले में बाबैन के गांव संघौर निवासी दीपक ने 17 मई को उपायुक्त को शिकायत सौंपी थी, जिसमें कहा गया है कि खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों द्वारा लाडवा से 8 हजार गेहूँ के कट्टे बेचने का आरोप लगाया है। दीपक ने कहा है कि वह भी विभाग में नौकरी कर रहा था। अधिकारी उसे बार-बार इस घोटाले में शामिल करना चाहते थे, लेकिन उसने मना कर दिया। जब वह इस घोटाले के बारे में आवाज उठाने लगा तो उसे नौकरी से निकलवा दिया गया। मामले में उपायुक्त कार्यालय से 10 जून को दीपक की शिकायत को जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी को शिकायत पर कार्रवाई करने के लिए भेजा।

उपायुक्त की ओर से मामले में 7 दिन के अंदर जांच के आदेश भी दिए गए हैं। शिकायत में 8 हजार गेहूँ के कट्टों के गबन की बात कही गई है। 10 जून के बाद पांच दिन बीत जाने के बाद भी खाद्य आपूर्ति अधिकारी द्वारा जांच कमेटी नहीं बनाई गई। इसके बाद मंगलवार को एक वीडियो व शिकायत की कॉपी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई। वीडियो वायरल होने के बाद जिले भर में यह चर्चा का विषय बन गई है व सरकार के पास भी यह वीडियो पहुंच चुकी है।

5 अधिकारियों की बनाई है जांच टीम : गोयल

मामले में जब जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी के.के. गोयल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वीडियो वायरल होने के बाद वे मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले में 4-5 अधिकारियों की जांच टीम बनाई जा रही है। जांच में जो भी सामने आएगा, कार्रवाई की जाएगी। देखने वाली बात होगी कि मामले जांच कब तक हो पाएगी। वहीं दूसरी बात यह भी है कि मामले में 10 जून को शिकायत को खाद्य आपूर्ति अधिकारी के पास उपायुक्त कार्यालय की ओर से भेजी गई थी जबकि डीएफएससी के.के. गोयल ने मामले की वीडियो वायरल होने के बाद जांच करने की बात कही है।

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