सुनहरी हुआ अन्नदाता का ‘सोना’

Wheat-Croap

आंदोलन के बीच होगी गेहूँ की कटाई या फिर आंदोलन की गति होगी धीमी

सच कहूँ/देवीलाल बारना कुरुक्षेत्र। अन्नदाता का पीला सोना पककर तैयार होने को है। हालांकि अभी गेहूँ पकाई में कुछ समय जरूर है लेकिन किसान गेहूँ कटाई में प्रयोग होने वाली मशीनरी को तैयार करने में जुटे हैं। दूसरी ओर दिल्ली बोर्डर पर हरियाणा व पंजाब के किसान तीन कृषि कानूनों के विरोध में धरना दे रहे हैं। ऐसे में गेहूँ कटाई किसान आंदोलन की गति को धीमा करेगी या फिर किसान आंदोलन यूं ही चलता रहेगा, यह भी देखने वाली बात होगी। बता दें कि गेहूं पकने का सही समय बैशाखी पर्व पर माना जाता है।

मौसम में कुछ ज्यादा ठंडक रहे तो बैशाखी पर कटाई होती है, वरना अप्रेल शुरु होते ही कटाई शुरु हो जाती है। मार्च माह खत्म होने को है और रात्रि के समय मौसम में ठंडक बरकरार होने के कारण आसार जताए जा रहे हैं कि गेहूँ कटाई का सीजन अप्रैल के दूसरे सप्ताह में ही शुरु होगा। गेहूं के लहलहाते खेत अब सुनहरी दिखने लगे हैं। माना जाता है कि ठंड का गेहूँ की फसल पर सीधा असर पडता है। जिस वर्ष ठंड ज्यादा होती है उस वर्ष गेहूँ का उत्पादन भी ज्यादा होता है और जिस वर्ष ठंड कम रहती है उस वर्ष गेहूँ का उत्पादन भी कम ही रहता है। उत्पादन कैसा रहेगा यह तो फसल के मंडी में पहुंचने के बाद ही पता चलेगा लेकिन इस बार ठंड गेहूँ की फसल के अनुकूल रही है।

6 माह की मेहनत पर आस रखे बैठा किसान

धरतीपुत्र कहा जाने वाला किसान 6 माह तक इसी आस में मेहनत करता है कि इस बार उसकी फसल अच्छी होगी व मुनाफा देकर जाएगी, जिससे पिछले वर्षाें से हो रहे घाटे की भरपाई हो सके। लेकिन इस वर्ष किसान व राजा की तीन कृषि कानूनों को लेकर लडाई चल रही है। सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर सरकार का मानना है कि ये कानून किसान की किस्मत बदलने वाले हैं वहीं किसान इसे स्वीकार नही कर रहे और इन तीन कानूनों को काले कानून करार दे रहे हैं। इस बार गेहूँ कटाई का सीजन किसानों के लिए सिर्फ खेत ही नहीुं बल्कि दिल्ली बोर्डर पर भी बीतना दिखाई दे रहा है।

मशीनरियों की रिपेयर में जुटे किसान

जैसे ही मौसम में गर्मी बढ़ी और फसल का रंग सुनहरी हुआ तो किसानों ने सीजन में प्रयोग होने वाली मशीनरी की रिपेयर करना शुरू कर दिया है। इसमें सबसे पहले कंबाईन का काम शुरू होगा। किसानों के अनुसार कुछ दिनों में ही कंबाईन से कटाई शुरू हो जाएगी। वहीं इसके बाद तूड़ी बनाने के लिए स्ट्रा-रिपर, हाथ से कटाई की फसल में से गेहूं व तूडी अलग करने के लिए थ्रैसर मशीनों की भी किसानों नें रिपेयर शुरू कर दी है।

जिले की 22 मंडियों में होगी गेहूं खरीद

उपायुक्त शरणदीप कौर बराड़ ने कहा है कि 1 अप्रैल से कुरुक्षेत्र में गेहंू खरीद का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जिले में 22 मंडियों और खरीद केन्द्रों में गेहूं खरीद का कार्य किया जाएगा। इसके लिए प्रशासन की तरफ से तमाम व्यवस्थाएं पूरी करने के आदेश सम्बन्धित अधिकारियों को दिए गए है। जिले में करीब 260 राईस मील में से 230 राईस मील चल रही है। इस सीजन में गेहंू खरीद का कार्य सुचारू रूप से चलाने के लिए जिला खादय एवं आपूर्ति नियंत्रक को सख्त आदेश दिए गए है, जो भी खामिया है उन्हें समय रहते सम्बन्धित विभाग द्वारा पूरी की जानी है। इस मामले में जरा सी भी लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।

मेरी फसल मेरा ब्यौरा के तहत प्राप्त हुए 3472 आवेदन

बराड़ ने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना के तहत बाबैन, ईस्माइलाबाद, लाडवा, पिहोवा, शाहबाद से कुल 3472 आवेदन प्राप्त हुए और इनमें से 2922 आवेदनों को स्वीकार किया गया है तथा 510 आवेदनों को रद्द किया गया है और 40 आवेदनों पर कार्य चल रहा है। इसमें से 99 आवेदन बाबैन, 223 इस्माईलाबाद, 146 लाडवा, 1581 पिहोवा और 527 आवेदन शाहबाद से प्राप्त हुए थे।

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