स्वच्छता में गुरु जी के नक्शे कदम पर देश का यह राज्य

असम की अच्छी पहल: सफाई की

असम सरकार ने सफाई के क्षेत्र में एक अच्छी पहल की है और अन्य राज्यों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री Hemant Biswa Sharma ने सफाई के इंटर जिला मुकाबले करवाने का ऐलान किया है। सफाई करने में अव्वल आने वाले जिले को विकास के लिए 100 करोड़ रुपये पुरस्कार के रूप में दिए जाएंगे। यह एक अच्छी प्रतियोगिता साबित है, क्योंकि इससे लोगों में स्वच्छता प्रति जागरूकता बढ़ेगी। इससे पहले भी इस राज्य में सफाई में पहले पांच स्थान प्राप्त करने वाले गांवों को दो किलोमीटर सड़क निर्माण, छह लाख से 16 लाख तक की वित्तीय मदद दी जा चुकी है। नि:संदेह हमारे जीवन में सफाई की बहुत महत्वता है।

सफाई शारीरिक तंदरुस्ती व विचारों की खूबसूरती से जुड़ी हुई है। यदि दूसरे राज्य भी इस मुहिम को अपनाएं तब देश की नुहार ही बदल जाएगी। इससे पहले डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां (Baba Ram Rahim) के नेतृत्व में शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने 32 शहरों से लाखों टन कूड़ा-कर्कट हटाकर चकाचक कर चुके हैं। डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत ने सफाई के प्रति ऐसा जज्बा दिखाया जो विश्व में मिसाल है।

साध-संगत ने हरियाणा व राजस्थान के सभी हजारों गांव-शहरों को कुछ ही घंटों में साफ कर दिया। वास्तव में इन राज्यों में केवल सफाई ही नहीं बल्कि एक नई सोच का भी आगाज हुआ है। जिन लोगों ने डेरा सच्चा सौदा के सफाई अभियानों व बदहाल शहरों को स्वच्छ होते देखा है, वह सफाई के महत्व से अच्छी तरह अवगत हो गए। सरकार के पास बड़ा बजट है, बस आवश्यकता है इच्छा शक्ति की। यदि असम जैसे राज्य सफाई में मिसाल कायम कर सकता है, तो दूसरे राज्य भी इस मुहिम को अपनाकर स्वच्छता की सौगात दे सकते हैं।

खुशहाल राज्यों को भी इस मुहिम को अपनाने में पीछे नहीं हटना चाहिए। सफाई कोई हीनता नहीं। हर किसी को सफाई रखनी चाहिए। गुजरात के राज्यपाल की भी सफाई में बड़ी मिसाल हैं। उन्होंने लगातार सात दिन महात्मा गांधी से जुड़ी विद्यापीठ की सफाई में हिस्सा लिया और विद्यार्थियों व अध्यापकों में सफाई के प्रति एक जज्बा पैदा किया। इस दौरान अध्यापकों व विद्यार्थियों ने रोजाना एक घंटा सफाई के लिए निकालने का संकल्प लिया। यदि राज्यपाल जैसे प्रतिष्ठित पदों पर बैठी हस्तियां सफाई करने को गर्व महसूस करती हैं तब आमजन को सफाई से संकोच क्यों?

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