उप्र: मायावती ने सपा के साथ गठबंधन तोड़ा

UP: Mayawati breaks alliance with SP

कहा- अकेले उपचुनाव लड़ेंगे; अखिलेश बोले- अलग रास्ते का स्वागत

बसपा प्रमुख मायावती ने 5 महीने बाद सपा के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया

लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने 5 महीने बाद मंगलवार को समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव अपनी पार्टी के हालात सुधारें, अभी गठबंधन पर यह स्थाई ब्रेक नहीं है, लेकिन उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में 11 सीटों पर बसपा अकेले लड़ेगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में सपा का बेस यानी यादवों के वोट ही उन्हें (सपा को) नहीं मिले। खुद डिंपल यादव और उनके बड़े नेता चुनाव हार गए। यह चिंता का विषय है। इस पर अखिलेश ने कहा कि अगर रास्ते अलग हो चुके हैं तो इसके लिए बधाई और उसका भी स्वागत।

इससे पहले सोमवार को उन्होंने दिल्ली में लोकसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा की थी। मायावती ने पदाधिकारियों और सांसदों के साथ हुई बैठक में कहा था कि सपा से गठबंधन का फायदा नहीं हुआ। सपा और बसपा ने 12 जनवरी को गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। दोनों पार्टियां 26 साल बाद साथ आई थीं। मायावती ने कहा, ”जब से सपा-बसपा गठबंधन हुआ, तब से अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल ने मुझे काफी सम्मान दिया। मैंने भी राष्ट्रहित के लिए सारे मतभेद भुलाकर उन्हें सम्मान दिया था। हमारे रिश्ते केवल राजनीतिक नहीं थे। मैंने उन्हें परिवार की तरह पूरा आदर दिया और यह सम्मान हर सुख-दुख की घड़ी में बना रहेगा। लेकिन राजनीतिक हालात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

लोकसभा के जो नतीजे सामने आए, इससे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि लोकसभा चुनाव में सपा का बेस वोट पूरी तरह गठबंधन के साथ खड़ा नहीं रहा। कन्नौज से डिंपल यादव, बदायूं से धर्मेंद्र यादव और रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय का फिरोजाबाद से हारना चिंताजनक है। बसपा और सपा का बेस (यादव) वोट जुड़ने से इन उम्मीदवारों को कभी नहीं हारना चाहिए था। सपा का वोट खुद उनसे छिटक गया है तो बसपा को उनका वोट कैसे मिला होगा।”

‘सपा के लोगों ने एकजुटता का मौका गंवाया’

मायावती ने कहा, ”हमने दिल्ली की समीक्षा बैठक में गठबंधन और लोकसभा के नतीजों इस पर चिंतन किया। बसपा को गठबंधन करने से कुछ खास सफलता नहीं मिली है। सपा को बसपा की तरह सुधार लाने की जरूरत है। सपा के लोगों ने एकजुटता का मौका इस चुनाव में मौका गंवा दिया। मुझे लगता है कि यह स्थाई ब्रेक नहीं है। आगे अखिलेश यादव बेहतर कर पाए तो हम साथ काम करेंगे। अगर उन्होंने ठीक से काम नहीं किया है तो अच्छा होगा कि हम अलग हो जाएं। लिहाजा उपचुनाव में हमने अकेले लड़ने के फैसला लिया है।”

गठबंधन टूटा है तो इस पर विचार करूंगा: अखिलेश

गाजीपुर में सपा कार्यकर्ता की हत्या के बाद पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा, ”गठबंधन टूटा है या इस पर बात रखी गई है तो मैं इस पर विचार करूंगा। सपा भी आम राय बनाकर 11 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अगर रास्ते अलग हो रहे हैं तो इसके लिए बधाई और उसका भी स्वागत। अभी हमारे लिए गठबंधन अहम नहीं है, लेकिन भाजपा सरकार में जो हत्याएं हो रही हैं, इसके लिए कानून व्यवस्था मजबूत करनी चाहिए।”

Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।