वर्ष 1992 में अन्न ग्रहण नहीं करने का संकल्प लिया था | Ram temple
जयपुर (सच कहूँ न्यूज)। अयोध्या में राम मंदिर के लिए सताईस (Urmila Ram temple will break its fast after construction) साल पहले अन्न का त्याग करने वाली समाजसेवी उर्मिला चतुवेर्दी राम मंदिर बनने के बाद ही अपना उ पवास तोड़ेगी। बियासी वर्षीय उर्मिला चतुवेर्दी का शुक्रवार मुरलीपुरा स्कीम में स्थित श्री जीण माता चरण मंदिर में सम्मान किया गया। इस अवसर पर कहा कि अयोध्या मामले पर शीर्ष अदालत का फैसला आने के बाद अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया है और उनका संकल्प भी पूरा हो गया लेकिन वह अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होने के पश्चात ही अपना उपवास तोड़ने के लिए वहां जाएंगी। इसके लिए अयोध्या में एक उद्यापन किया जाएगा।
- वह पिछले सताईस साल से भी अधिक समय से केवल दूध और फलाहार के सहारे हैं।
- उर्मिला चतुवेर्दी ने सरकारी नौकरी छोड़कर समाजसेविका के रूप में ख्याति प्राप्त की ।
- उन्होंने वर्ष 1992 में राम मंदिर मामले का समाधान होने तक अन्न ग्रहण नहीं करने का संकल्प लिया था।
छह दिसंबर 1992 की घटना के बाद शुरू हुई हिंसा को लेकर काफी परेशान थीं
उनके बेटे विवेक चतुवेर्दी ने कहा कि उनकी मां भगवान रामकी अनन्य भक्त हैं और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए समाधान का इंतजार कर रही थीं। वह अयोध्या में छह दिसंबर 1992 की घटना के बाद शुरू हुई हिंसा को लेकर काफी परेशान थीं। इसके बाद उसकी मां ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण होने तक अन्न का त्याग करने का संकल्प ले लिया और तब से बिना अन्न के ही हैं।
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