महिलाओं ने ‘नारी अधिनियम’ को बताया क्रांतिकारी कदम

Women Reservation Bill
27 वर्षों के बाद लोकसभा में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पेश

27 वर्षों के बाद लोकसभा में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पेश

  • बोली, लंबे सघर्ष के बाद आधी आबादी को मिलेगा उसका हक | Women Reservation Bill

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। नए संसद भवन में मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान पहला ही बिल महिला आरक्षण संबंधित (Women Reservation Bill) पेश किया गया। इसे ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ का नाम दिया गया है। इस बिल में लोकसभा और विधानसभा में 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है यानी अब लोकसभा व विधानसभा में हर तीसरी सदस्य महिला होगी।

हालांकि यह विधेयक करीब 27 साल बाद पेश किया गया है। औरतों को विधान सभाओं और संसद में 33 प्रतिशत आरक्षण मिले, इसके लिए लंबे समय से महिलाएं आंदोलन करती आ रही है। बरसों-बरस के संघर्ष के बाद महिला आरक्षण बिल साकार रूप लेने जा रहा है। इस पर सच कहूँ ने अलग-अलग महिलाओं से बात की है, जिन्होंने इस विधेयक को संसद में पेश करने पर खुशी प्रकट की है। केंद्रीय केबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है।

हमारी संस्कृति में मातृ शक्ति को जो स्थान प्राप्त था, उसे पुर्नस्थापित करने में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ बिल मिल का पत्थर साबित होगा। महिला आरक्षण बिल संसद में पेश करना सरकार की पारदर्शिता सोच का परिणाम है। इससे महिलाएं और अधिक पावरफुल होगी। साथ ही महिलाएं अपनी बात को अच्छे तरीके से सरकार के सामने रख पाएगी। इससे महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे भारतीय संविधान में महिला सशक्तिकरण का एक नया अध्याय लिखा गया है।
                                                                – सुमन शर्मा, अध्यक्ष स्वर्ण परि संस्था, एवं निवर्तमान पार्षद।

अभी लोकसभा में 15 व राज्यसभा में 13 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी है। बिल के कानून बनने से लोकसभा व विधानसभाओं में इनकी संख्या बढ़ेगी। जिससे महिलाओं के अधिकार और बढेंगे। इससे महिला अधिक मजबूत होगी। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार का एतिहासिक फैसला है। इस ऐतिहासिक और प्रगतिशील निर्णय के लिए प्रधानमंत्रीजी का मेरे सहित समूची मातृशक्ति हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करती है, उनका अभिनंदन करती हैं।
                                                                                            – शिखा शर्मा, बंसल कॉलोनी सरसा।

महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) आज के समय की जरूरत है। इससे पंचायत से लेकर विधानसभाओं और विधान परिषदों तथा संसद में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ेगी। बिल के कानून बनने से महिलाओं की हर क्षेत्र में भागीदारी बढ़ेगी। देश की आधी आबादी को उनका हक देने तथा भारतीय लोकतंत्र को और अधिक मजबूत व सहभागी बनाने वाला यह कालजयी निर्णय विकसित भारत के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाएगा।
                                                                                      – सुमन गौतम, गोल डिग्गी चौक सरसा।

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज एक और इतिहास रचा गया है। भारत का महान लोकतंत्र आज सच्चे अर्थों में गौरवभूषित हुआ है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक युगांतरकारी कदम है। इससे लोकतंत्र मजबूत होगा। यह एक ऐसा निर्णय है, जिससे हमारी नारी शक्ति को सही मायने में उनका अधिकार मिलेगा। प्रधानमंत्री जी के इस निर्णय से देश और समाज में बड़ा सकारात्मक परिवर्तन आएगा।
                                                                                         – सुनीता शर्मा, बंसल कॉलोनी सरसा।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ बिल संसद में पेश होना महिला आंदोलन के बरसों-बरस के संघर्ष का नतीजा है। इस बिल के कानून बनने से महिलाओं के लिए हर क्षेत्र में तरक्की के नए-नए रास्ते खुलेंगे। इससे महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों में भी कमी आएगी।
                                                                                                        – सुमन शर्मा, प्रिंसीपल।

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