सच्ची सेवा को सदा याद रहेंगे लावारिसों के वारिस रवि कालरा

Ravi Kalra SACHKAHOON

रविवार को दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन

  • अर्थ फाउंडेशन बनाकर कर रहे थे दीन-दुखियों की सेवा

  • 6 हजार से अधिक लावारिस लाशों का कर चुके थे दाह संस्कार

सच कहूँ/संजय मेहरा, गुरुग्राम। हजारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पर रोती है, बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दिदा-वर पैदा। ऐसे ही दीदा-वर पैदा हुए थे कर्मयोगी रवि कालरा, जिन्होंने अपना जीवन दीन-दुखियों की सेवा, सहायता को समर्पित कर रखा था। रविवार की सुबह दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।

उनके निधन के साथ गुरुग्राम ही नहीं, बल्कि देश ने एक ऐसा कर्मयोगी खो दिया, जो दिन-रात सड़कों से, गलियों से लावारिस, घायल, बीमार लोगों को उठाकर अपने आश्रम में सेवा करते हुए उनके जीवन को बचाता था। रवि कालरा जन्में तो दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय परिवार में थे, लेकिन उन्होंने अपनी कर्मस्थली द्रोण नगरी गुरुग्राम में बनाई। वैसे वे गुरुग्राम के अलावा दिल्ली, फरीदाबाद समेत अनेक शहरों में दीन-दुखियों की सेवार्थ काम करते थे। दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर पिता से सेवा की भावना उन्होंने जरूर सीखी, लेकिन रास्ता अलग चुना।

दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद उन्होंने जनसेवा भी शुरू की। उन्होंने ताइक्वांडो मार्शल आर्ट में ब्लैक बेल्ड की इंटरनेशनल डिग्री हासिल की। वर्ष 2008 में रवि कालरा ने द् अर्थ सेवियर्स फाउंडेशन के नाम से गैर सरकारी संस्था की नींव रखी। इस एनजीओ के बैनर तले अनाथालय, गुरुकुल, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन और गौशाला चलाई जा रही है। उन्होंने ऐसे लोगों की सेवा का बीड़ा उठाया, जिनका इस दुनिया में कोई नहीं, या फिर अपनों द्वारा ठुकराए गए लोग। उनकी संस्था परिसर में वृद्धाश्रम, बाल सुधार गृह है, जहां पर बीमार, लाचार लोगों की सेवा की जाती है। कुछ दिनों पूर्व ही उन्होंने अपने आश्रम की कमान अपने बेटे को सौंपते ही इसी तरह दीन-दुखियों की सेवा करने को प्रेरित किया था। रवि कालरा के निधन पर गुरुग्राम के हर आम और खास ने शोक व्यक्त करते हुए अपूरणीय क्षति बताया।

पर्यावरण संरक्षण को मिला इंटरनेशनल अवार्ड

पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए कार्यों की बदौलत वर्ष 2012 में रवि कालरा को सरकार वल्लभ भाई पटेल इंटरनेशनल अवार्ड दिया गया। पर्यावरण सुरक्षा के लिए उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में जनाधिकार याचिका लगाई थी।

अंगदान कर बने मिसाल

रवि कालरा ने अधिकारिक रूप से यह निर्णय लिया हुआ था कि वे मरणोपरांत अपने अंगों का दान करेंगे। इसलिए रविवार को उनके निधन के तुरंत बाद उनके परिवार की ओर से अंग दान की प्रक्रिया को पूरा करवाया गया। चिकित्सकों की टीम ने उनके अंग निकाले, जिन्हें अति जरूरतमंद लोगों को लगाया जाएगा। रवि कालरा दुनिया से विदा होने के बाद भी लोगों के जीवन को रोशन कर गए हैं।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।