हाँसी(सच कहूँ/मुकेश)। साध-संगत किसी भी खुशी के मौके पर भी मानवता भलाई का कार्य करना नहीं भूलती। अब तो साध-संगत को सबसे बड़ी खुशी हासिल हुई है। क्योंकि साध-संगत के पीरो मुर्शीद अब साध-संगत के बीच पहुंच गए हैं। इस खुशी में हांसी की साध-संगत ने पांच यूनिट रक्तदान किया। समाज में जहाँ कहीं भी खून की जरूरत आन पड़ती है उसी वक़्त डेरा अनुयायी खूनदान के लिए पहुँच जाते हैं। इसी कड़ी में हांसी व गढ़ी ब्लॉक के दो सेवादारों ने खूनदान किया। खूनदान करने वालों में मुकेश इन्सां और कपिल इन्सां ने जरूरतमंद के लिए आयी कॉल पर पहुंचकर खूनदान किया।
मुकेश इन्सां ने बताया कि वह हर तीन महीने बाद लगातार खूनदान करता रहता है। और अब तक बहुत बार रक्तदान कर चुके है। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा ऊपर चलते हुए खूनदान करता रहता है। वहीं कपिल इन्सां का कहना था कि खूनदान से किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं आती बल्कि नियमित तौर पर खूनदान करके बीमारियों से बचा जा सकता है। एक इंसान के द्वारा दी गई एक यूनिट के द्वारा तीन इन्सानों की जान बचायी जा सकती है। डेरा अनुयायी हाँसी के विभिन्न ब्लड बैंकों में पहुंचकर खूनदान कर रहे हैं। समाज में इसे ही इसी जज्बे के कारण है डेरा अनुयायियों को ट्रू ब्लड पंप के खिताब से नवाजा जाता है।
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