Article 370 Hearing: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर पर कह दी बड़ी बात…राजनीति में हलचल हुई तेज

Article 370 Hearing
Article 370 Hearing: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर पर कह दी बड़ी बात...राजनीति में हलचल हुई तेज

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। Article 370 Hearing:  उच्चतम न्यायालय के समक्ष केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में वह किसी भी समय चुनाव कराने को तैयार है, लेकिन पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं बता सकती। पूर्ण राज्य बहाल करने में कुछ समय लगेगा।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एस के कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के इस बयान को रिकॉर्ड पर लिया, लेकिन स्पष्ट किया कि संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर योग्यताओं के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।

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Article 370 Hearing: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर पर कह दी बड़ी बात…राजनीति में हलचल हुई तेज

मेहता ने जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने पर एक निश्चित समय सीमा बताने से परहेज किया। उन्होंने वहां निवेश, रोजगार और पर्यटकों की संख्या बढ़ने सहित विकास के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में अदालत को बताया।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 29 अगस्त को केंद्र सरकार को आधिकारिक बयान देने के लिए कहा था। शीर्ष अदालत द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार अब किसी भी समय जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची को अपडेट करने का काम चल रहा है। इस दिशा में काफी काम पूरा हो चुका है। अंतिम फैसला चुनाव आयोग और राज्य चुनाव पैनल को लेना है।

मेहता ने कहा कि जिला विकास परिषद के चुनाव पहले ही हो चुके हैं और अब जल्द ही पंचायत चुनाव होंगे। लेह हिल डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव खत्म हो गए हैं और कारगिल के चुनाव सितंबर में होंगे। इन चुनावों के बाद नगर पालिका चुनाव होंगे और फिर विधान सभा के चुनाव होंगे‌। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य बनाने का कदम उठाने का कार्य धीरे-धीरे पहले ही शुरू किया जा चुका है, लेकिन वह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं दे सकता है।