प्रेरणादायक : डबवाली की सीमा सग्गू ने घर की वेस्टेज चीजों का इस्तेमाल कर बना डाला आकर्षक बगीचा

Dabwali Seema Suggu

वेस्टेज सामान में भी छुपी है खुबसूरती

  • घर की छत व बगीचे में लगाए 500 पौधें

  • 10 वर्ष से घर की कोई भी टूटी-फूटी चीजों को कवाड़ में नहीं फेंका

सच कहूँ/राजमीत इन्सां डबवाली। जहां लोग घर की टूटी-फूटी चीजों को फेंक देते हैं या फिर कबाड़ में बेच देते हैं। वहीं डबवाली शहर के मेन बस स्टैंड के पास रहने वाली एक महिला ने घर की वेस्टेज चीजों को बेस्ट बनाने का कार्य किया। महिला ने घर की वेस्टेज चीजों से घर व घर की छत पर सुंदर-सुंदर फूलों का बगीचा बना डाला। हम बात कर रहे हैं सीमा सग्गू पत्नी अंग्रेज सिंह सग्गू निवासी मंडी डबवाली की।

उन्होंने अपने घर वेस्टेज चीजों का सदुपयोग कर एक सुंदर बगीचा बनाया है। वे कहती हैं कि लगभग 10 वर्ष से घर की किसी भी टूटी-फूटी चीज को कबाड़ में नहीं फेंका। घर में अगर कोई कप, बर्तन, प्लास्टिक वाल्टी, मटका, बोतल आदि टूट जाते हैं तो वे उसका सदुपयोग कर पौधें व फूल लगा देती हैं। उन्होंने बताया कि वह घर में बनने वाली सब्जियों के छिलके भी बाहर नहीं फैंकती बल्कि उनको पौधों के गमलों में मिट्टी में मिलाकर खाद बनाने के काम में ले लेती हैं। साथ ही उनकी सजावट के लिए रंग रोगन भी वे स्वयं करती हैं।

बगीचे की देखभाल में रोजाना लगाती हैं दो घंटे

सीमा सग्गू कहती हैं कि उन्होंने घर व छत सहित सीढ़ियों में अनेक प्रकार के फूलों के पौधें लगाए हुए हैं। जिनकी संख्या लगभग 500 के करीब है। उन्होंने बताया कि वह खुद ही पौधे लगाती हैं, उनकी देखभाल करती हैं। उन्होंने बताया कि रोज वे कम से कम दो घंटे बागीचे में जरूर लगाती हैं। इस दौरान वो घर की वेस्टेज चीजों का सदुपयोग कहां और कैसे करने का प्लान तैयार कर, उसमें पौधे लगाती हैं। घर की वेस्ट चीजों से तैयार बगीचे की सुंदरता देखते ही बनती है। बगीचे में घर की सभी वेस्टेज चीजें ही इस्तेमाल की गई हैं।

खुद संवारती हैं रंग-रोगन करके टूटा सामान

गर्मी व धूप से पौधों को बचाने के उन्होंने बाजार से लकड़ी के बांस मंगवा कर पौधों के लिए छाया का प्रबंध किया। वे बताती हैं कि घर में टूटी हुई ग्रिल को रेगमार्क से साफ कर रंग-रोगन कर बगीचें में सजावट में इस्तेमाल किया। अगर घर में गलती से कोई चीज टूट जाती है, उसे वो रंग रोगन कर बगीचे में सजावट के कार्य में प्रयोग कर लेती हैं। जहां तक की घर में झाड़ू भी खराब हो जाते हैं तो उसे भी वह बाहर नहीं फैंकते। टूटे हुए मटकों में पौधें लगाकर सुंदर-सुंदर डिजाइनिंग तैयार करती हैं।

बचपन से ही है पेड़-पौधे से प्यार

सुखबिंदर कौर उर्फ सीमा सग्गू ने बताया कि वह 12वीं कक्षा पास हैं। उन्हें बचपन से ही पेड़- पौधों से ही लगाव था, उनका परिवार पहले देहरादून (उत्तराखंड) में रहता था। जहां से उन्हें पेड़ पौधों से प्रेम हो गया। शादी के बाद भी उन्होंने अपने घर में पौधे लगाने शुरू कर दिए। जिसमें उन्होंने बगीचे व घर की छत पर लगभग 500 पौधें लगाए। जबकि रोड किनारे पड़े गोल पत्थर को वो घर में लाकर उन्हें रंग रोगन कर बगीचे की सजावट में इस्तेमाल कर लेती हैं। उन्होंने बताया कि वातावरण को बचाने के लिए पेड़ पौधे लगाने बहुत जरूरी है।

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