Kids Care: ऐसे टिककर पढ़ेगा आपका बच्चा, हर तरीका है अच्छे से भी अच्छा!

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Kids Care: ऐसे टिककर पढ़ेगा आपका बच्चा, हर तरीका है अच्छे से भी अच्छा!

Best Method To Teach Children: आपको अपने बच्चे को अगर कुछ बनाना है, उसे सफलता की सीढ़ी चढ़ाना है, बुलंदियों पर पहुंचाना है तो इसके लिए आपको यानि बच्चे के माता-पिता को एक अहम रोल अदा करना पड़ेगा। क्योंकि बच्चे के सबसे पहले गुरू, अध्यापक, टीचर उसके माता-पिता ही होते हैं। सबसे पहले बच्चा अपने घर से ही, अपने माता-पिता से ही सीखता है। वैसे बच्चों का पालन-पोषण करना कोई शान बात नहीं है। बल्कि हर कदम फूक-फूक कर यानि बहुत सोच-समझकर रखना पड़ता है। बच्चों के साथ बच्चा भी बनना पड़ता है, कभी नरम कभी सख्त होना पड़ता है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको अपने बच्चों को टिककर पढ़ाने के लिए कुछ अति आवश्यक टिप्स देने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपने बच्चे के एक अच्छे गुरू, एक अच्छे प्रशिक्षक बन सकते हैं और आपको बच्चा भी टिककर पड़ सकेगा। Kids Care

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Kids Care: अगर आपको बच्चा जिद्दी है और पढ़ने के लिए टिककर नहीं बैठता बच्चा तो अपनाएं ये तरीके

आत्मविश्वास से लबरेज रखें अपना बच्चा

बता दें कि जब बच्चे छोटे होते हैं तो वो खुद को अपने माता-पिता की नजरों से देखते हैं। आपको देखकर ही बच्चे सीखते हैं, आप किस तरह से बात करते हैं और कैसे खाते हैं, कैसे व्यवहार करते हैं, बच्चे सब देखते हैं और सीखते रहते हैं। आपका बोला हुआ एक-एक शब्द और आपके द्वारा किया गया कार्य बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ाता है। इसलिए जितना हो सके, आपको अपने बच्चे की छोटी-छोटी बातों को प्रोत्साहित करना चाहिए और बढ़ावा देना चाहिए। इससे उन्हें खुद पर गर्व महसूस होगा तथा वे अपने कार्य खुद करना शुरू करेंगे। कभी भी अपने बच्चों की तुलना दूसरों से नहीं करनी चाहिए, ये गलती बड़ी भारी पड़ सकती है। इससे बच्चे के अंदर आत्मग्लानि भर सकती है, बच्चा डिप्रेशन में आ सकता है, बच्चे में अपने प्रति हीन भावना भर सकती है, जोकि घातक सिद्ध हो सकती है। इसलिए ऐसी गलती कभी नहीं करनी चाहिए।

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बच्चे को अनुशासन में रखें

अनुशासन सर्व प्रथम जरूरी होता है और यह हर घर में होना लाजमी है। इससे क्या होता है कि बच्चे को सही-गलत की पहचान होती है। घर में मर्यादा बनाकर रखनी चाहिए। इससे बच्चे को पता चलता कि उसे कहां खुद को कंट्रोल करना है और कहां पर किस तरह से व्यवहार करना है तथा कैसे व्यवहार को बर्दाश्त करना है और किसके प्रति कैसा व्यवहार करना है।

नियम बहुत जरूरी

अपने बच्चे को अनुशासन में रखने के लिए आपको अपने घर में कुछ नियम बनाने की जरूरत हो सकती है। इससे क्या होता है आपका बच्चा आपकी उम्मीदें समझता है और वह आत्म-नियंत्रण सीखता है। इन नियमों के तहत जब तक होमवर्क पूरा नहीं हो जाता तब तक टीवी न देखना, रात को कितनी देर तक जागना है, कब सोना है, कब खेलना है और घर या बाहर गलत शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना आदि शामिल हंै।

बच्चों को समय जरूर दें

आज इस महंगाई के दौर में माता-पिता दोनों ही जॉब करने वाले हो गए हैं और ऐसे में बच्चे अपने माता-पिता के साथ को, किसी अपने के साथ को तरसते रहते हैं। ऐसे में वो कोई सहारा ढूंढते रहते हैं। तो हो सकता है इस दौरान उन्हें किसी गलत का साथ मिल जाए और आपका बच्चा किसी गलत संगत में पड़ जाए जिससे उसका जीवन बर्बाद हो जाए। इसलिए जितना हो सके, अपने बच्चे को समय जरूर दें। उनके साथ समय बिताएं। उनके साथ दोस्ताना व्यवहार करें। उनसे उनके दोस्तों के बारे में पूछें, उनके स्कूल में जाकर उनके बारे में जानें, बच्चों के साथ लंच नहीं कर सकते हैं, तो सुबह 10 मिनट जल्दी उठकर उनके साथ नाश्ता कर लें। रात को उनके साथ ही डिनर करें, बच्चों के साथ दस मिनट वॉक पर भी आप उनसे बात कर सकते हैं।

बच्चों के अच्छे पथ प्रदर्शक बनें

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बच्चे अपने माता-पिता को देखकर ही सब सीखते हैं, यह बात आप भी अच्छी तरह से जानते होंगे, इसलिए आपको अपने बच्चों के सामने अच्छा व्यवहार करना चाहिए, कभी भी पत्नी-पत्नी को बच्चों के सामने लड़ना नहीं चाहिए, बच्चों के सामने अच्छी तरह से पेश आना चाहिए। क्योंकि आपका गुस्सा और आपके बात करने का ढंग, बच्चे हर बात को बड़े ही गौर से, बड़ी बारीकी से देखते हैं और फिर उसे फोलो करते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो जो बच्चे ज्यादा गुस्सैल होते हैं, अक्सर देखा जाता है, उनके घर पर नेगेटिव माहौल पाया गया है।

बच्चों से बात करना जरूरी

आप जब भी अपने घर में अपने बच्चे के लिए कोई नियम बनाते हैं तो उन नियमों के बारे में अपने बच्चे को बताना पड़ेगा कि यह नियम आपने क्यों और किसलिए बनाया है और उसका क्या फायदा होगा? इससे क्या होगा कि बच्चे समझ पाएंगे कि उनके लिए क्या अच्छा और क्या बुरा है, सही और गलत की पहचान करना सीखेंगे बच्चे तथा व्यवहार करना सीखेंगे। इस दौरान आप अपने बच्चे को अपनी उम्मीदें बता सकते हैं, बच्चे से अपनी एक्सपेक्टेशन जाहिर कर सकते हैं। इससे हो सकता है कि बच्चा आपकी भावनाओं को समझे और आपकी उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करें।

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