महाराष्ट्र सरकार पर संकट: 30 जून को हो सकता है फ्लोर टेस्ट, भाजपा में भी हलचल तेज

मुम्बई (एजेंसी)। कल ही उच्चतम न्यायालय की ओर से महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी खेमे के 16 विधायकों को विधानसभा उपाध्यक्ष के नोटिस का जवाब देने के लिए 12 जुलाई तक समय मिलने और न्यायालय द्वारा बागी गुट के सदस्यों और उनके परिजनों की स्वतंत्रता एवं जान-माल की रक्षा के लिए सोमवार को निर्देश दिये जाने के बाद राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है।

न्यायालय के फैसले के बाद विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का खेमा भी सक्रिय हो गया है और भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस के निवास पर पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक हुई। वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बागी नेता एकनाथ शिंदे जल्द मुम्बई वापस जा सकते हैं। उधर निर्दलीय विधायक और प्रहार पार्टी के दो विधायक सरकार से समर्थन वापस की चिट्ठी राज्यपाल को सौंप सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 30 जून को अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है।

उद्धव ठाकर की भावूक अपील

महाराष्ट के सीएम ठाकरे ने आज बागी विधायकों से अपील की है कि किसी की गलतियों के झांसे में न आएं। उन्होेंने कहा कि शिवसेना आपको सम्मान देगी। इस बीच उन्होंने बड़ा दावा किया कि बागी विधायक हमारे सम्पर्क में है।

क्या है मामला

बागी गुट ने संकेत दिया है कि उसके नेता एकनाथ शिंदे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर विधानसभा में उद्धव ठाकरे सरकार के शक्ति परीक्षण की मांग कर सकते हैं। महाराष्ट्र के ताजा ‘सियासी संकट’ से संबंधित विवाद पर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को शिवसेना के बागी विधायकों को 12 जुलाई तक की अंतरिम राहत दी तथा विधानसभा उपाध्यक्ष, केंद्र सरकार एवं अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।

आरोप-प्रत्यारोप तेज

उल्लेखनीय है कि शिवसेना के प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने कल था कि ये ऐसे शरीर हैं जिनकी आत्मा मर चुकी है, उनका मस्तिष्क मर चुका है, 40 शव असम से आयेंगे, पोस्टमार्टम के लिए सीधे मुर्दाघर भेजे जायेंगे। उनकी इस टिप्पणी को भड़काऊ बताकर उनके विरोधी गुट ने कड़ी आलोचना की है। उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद मुम्बई में दिन में इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि शिंदे खेमा मंगलवार को कोश्यारी से मिलकर उद्धव सरकार से समर्थन वापस लेने की जानकारी दे सकता है। शिंदे ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद ट्वीट कर कहा था कि बालासाहब के हिंदुत्व की जीत है। यह आनंदे दिघे की विचारधारा की जीत है और यह असली शिवसेना की जीत है।

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