जानें, बरनाला की साध-संगत ने ऐसा क्या जिसकी हर जगह हो रही है प्रशंसा

साध-संगत ने जरूरतमंद विधवा महिला मनजीत कौर को बनाकर दिया ‘आशियाना’

  • पति की मौत के बाद दो अपनी बेटियों के साथ मेहनत-मजदूरी कर काट रही है जिन्दगी

बरनाला। (सच कहूँ/जसवीर सिंह गहल) डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा मानवता भलाई के लिए 147 कार्य किए जा रहे हैं, जिनको साध-संगत अपने-अपने क्षेत्रों में बिना किसी भेदभाव के निरंतर कर रही है, जो न केवल अनेकों जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं बल्कि समाज में भाईचारक सांझ को मजबूती देने का काम भी कर रहे हैं। ऐसा हीएक महान कार्य ब्लॉक बरनाला, धनौला की साध-संगत द्वारा गांव सेखा में किया गया है, जहां साध-संगत ने सिर्फ 24 घंटे में ही एक जरूरतमंद विधवा महिला को नया बनाकर दिया है और उसके खस्ताहालत मकान के गिरने की चिंता को सदा के लिए खत्म कर दिया है।

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जानकारी के अनुसार ब्लॉक भंगीदास हरदीप सिंह इन्सां ने बताया कि विधवा महिला मनजीत कौर के पति जगजीत सिंह की तकरीबन 15 साल पहले मौत हो चुकी है। मनजीत कौर की 4 बेटियां हैं, जिनमें से दो की शादी हो गई है, जबकि दो बेटियां अभी अविवाहित हैं, जिनका पेट वह मेहनत-मजदूरी कर भर रही है। उन्होंने बताया कि मनजीत कौर ने साध-संगत से मकान बनाकर देने की अपील की थी, जिस पर ब्लॉक कमेटी में विचार विमर्श करने उपरांत अमली जामा पहनाया है। उन्होंने बताया कि मकान बनाने की सेवा में विभिन्न गांवों की साध-संगत के अलावा मिस्त्री तारा सिंह इन्सां सोहियां, मिस्त्री गुरप्रीत सिंह जोधपुर, मिस्त्री हरमीत सिंह इन्सां, मिस्त्री रूप सिंह डोगर इन्सां और मिस्त्री बूटा सिंह इन्सां ने अपना सराहनीय योगदान दिया।

इस मौके रंजीत इन्सां कर्मगढ़, जगदेव इन्सां बरनाला, सुखदेव इन्सां अमला सिंह वाला, बलजिन्द्र इन्सां बरनाला, सुखदीप इन्सां, नम्बरदार गुरमेल इन्सां, भंगीदास सेखा, सुरेन्द्र इन्सां भद्दलवढ्ढ, राजा इन्सां, मिट्ठू इन्सां, सुरेन्द्र इन्सां, पे्रम इन्सां भंगीदास, जगतार इन्सां भंगीदास, रणबीर इन्सां और रंजीत सिंह इन्सां, राज रानी इन्सां, रमा इन्सां और साध-संगत उपस्थित थी।

सभी चिंताएं हुई खत्म : मनजीत कौर

मनजीत कौर ने बताया कि उसके पति जगजीत सिंह की 15 साल पहले हुई मौत के बाद वह मेहनत-मजदूरी कर जिन्दगी गुजर-बसर कर रही है। जैसे-तैसे कर उसने अपनी चार बेटियों में से दो बेटियों की शादी कर दी है। पति की मौत के बाद मकान बनाना उसके लिए बहुत मुश्किल था और कमाई का कोई पक्का साधन न होने कारण वह मकान को नये सिरे से बनाने में पूरी तरह असमर्थ थी लेकिन डेरा श्रद्धालुओं ने पहली अपील पर ही बिना किसी स्वार्थ के उसे पूरा घर बनाकर दिया है। मनजीत कौर ने पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां और साध-संगत का तहेदिल से धन्यवाद करते कहा कि साध-संगत ने बहुत बड़ा नेक कार्य किया है। मनजीत कौर ने कहा कि सेवादारों ने उसकी सभी चिंताओं के सदा के लिए खत्म कर दिया है।

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