सैल्यूट इस परिवार को, जवान बेटे की पार्थिव देह मेडिकल रिसर्च के लिए कर दी दान

Dera Sacha Sauda body donation campaign

Dera Sacha Sauda body donation campaign

पार्थिव देह को मेडिकल रिसर्च के लिए वर्ल्ड कॉलेज आफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च गुरावर झज्जर हरियाण को दान

सच कहूँ/गौरव सोनी
डिंग। ब्लॉक अमरजीतपुरा में उसम समय शोक की लहर दौड़ गई जब ब्लॉक अमरजीतपुरा के गांव सुचान के भंगीदास संदीप इन्सां के बड़े भाई सुरेन्द्र इन्सां का आसमिक निधन हो गया। सुरेन्द्र इन्सां पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। कल शाम 12 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। पिता तिलक राज ने अपने बेटे का अंतिम संस्कार करने की बजाय पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा चलाई गई शरीरदान मुहिम (Dera Sacha Sauda body donation campaign) के तहत पार्थिव देह को मेडिकल रिसर्च के लिए दान करने का फैसला लिया। परिजनों ने बेटे की पार्थिव देह को मेडिकल रिसर्च के लिए वर्ल्ड कॉलेज आफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च गुरावर झज्जर हरियाण को दान किया।

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पूज्य गुरु जी पावन वचनों पर चलते हुए सुरेन्द्र इन्सां को उसकी बहन स्नेहा इन्सां व रितिका इन्सां ने कंधा दिया। व अमर रहे के नारों से पार्थिव देह को रिश्तेदारों, स्नेहियां और बड़ी संख्या में पहुंची ब्लॉक की साध-संगत के अलावा क्षेत्रवासियों ने नम आंखों से मृतक के निवास स्थान से काफिले के रूप में अंतिम विदायगी दी।

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इस मौके क्षेत्रवासियों ने कहा कि बेशक यह बहुत ही हिम्मत का काम है, परंतु डेरा श्रद्धालुओं ने अपने
पूज्य गुरु जी की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए असंभव को संभव कर दिखाया है। इस मौके जानकारी देते ब्लॉक भंगीदास जयचन्द इन्सां और 15 मैंबर रेशम इन्सां ने बताया कि यह परिवार पिछले लम्बे समय से डेरा सच्चा सौदा के साथ जुड़ा हुआ है। सुरेन्द्र इन्सां ने मरणोंपरात पार्थिव देह को मेडिकल रिसर्च के लिए दान करने का प्रण लिया हुआ था, जिसे उसके पारिवारिक सदस्यों ने पूरा किया है।

आज सुरेन्द्र इन्सां इस संसार से विदा हो चुके हंै। उसकी पार्थिव देह को परिवार द्वारा मेडिकल रिसर्च के लिए दान किया गया है। इस परिवार ने अपने नौजवान बेटे की पार्थिव देह मेडिकल रिसर्च के लिए दान कर नई मिसाल पेश की है और अन्य लोगों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। सुरेन्द्र इन्सां ने जीते जी भी मानवता की सेवा के लिए हमेशा आगे रहते थे और मरणोंपरात भी पार्थिव शरीर रिसर्च के लिए दान कर समाज पर उपकार कर गए।
-ब्लॉक भंगीदास जयचन्द इन्सां।

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