डेरा सच्चा सौदा ने किया Tweet

Dera Sacha Sauda

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। डेरा सच्चा सौदा के official twitter account पर ट्वीट आया है। ट्वीट में लिखा, संयुक्त अरब अमीरात में रक्तदान के प्रयासों के लिए #DeraSachaSauda के स्वयंसेवकों के निस्वार्थ समर्पण की सराहना! जीवन का उपहार देकर, वे सच्ची मानवतावादी भावना का उदाहरण देते हैं। #रक्तदान #रक्तदान करें #जीवन बचाएं सेवादारों ने कहा कि ये सब डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की दया, मेहर रहमत से ही संभव हुआ है। पूज्य गुरु जी ने हमेशा मानवता भलाई करना सिखाया है, जिस पर साध-संगत निरंतर चल रही है।

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गौरतलब हैं कि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर अमल करते हुए दोहा कतर की शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने हमाद मेडिकल सेंटर में 41 यूनिट रक्तदान किया। सेवादारों के इस कार्य की मेडिकल सेंटर के अधिकारियों ने भरपूर प्रशंसा करते हुए प्रशंसा पत्र भी सौंपा। सेवादारों ने कहा कि ये सब डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की दया, मेहर रहमत से ही संभव हुआ है। पूज्य गुरु जी ने हमेशा मानवता भलाई करना सिखाया है, जिस पर साध-संगत निरंतर चल रही है।

क्यों नशा बेच रहे हो: पूज्य गुरु जी

आप जी ने नशों के सौदागरों को भी कहा कि क्यों नशा बेच रहे हो, और भी बहुत से व्यापार हैं, वे कर लो, लेकिन नशे बेचना छोड़ दो। आप जी ने फरमाया कि कोई भी दीन-दुखी हो तो जाकर उसकी मदद की जाए, डेरा सच्चा सौदा की यही शिक्षा है। यह रास्ता बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने दिखाया, जिसका नाम डेरा सच्चा सौदा रखा। आप जी ने फरमाया कि 1948 से लेकर आज तक कोई बताए कि डेरा सच्चा सौदा ने किसी धर्म की निंदा की हो। डेरा सच्चा सौदा में सभी धर्मों का सत्कार करने की शिक्षा दी जाती है व डेरा सच्चा सौदा के 6 करोड़ से अधिक श्रद्धालु इन्सानियत की संभाल कर रहे हैं। आप जी ने फरमाया कि हम सभी का सत्कार करने वाले हैं, इज्जत करने वाले हैं, किसी को भी बुरा नहीं कहते, अगर हम कहते हैं तो मानवता भलाई के कार्य करने के लिए कहते हैं, हर धर्म-स्थल के आगे सजदा करने के लिए कहते हैं।

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि अगर सभी अपने-अपने धर्म को मानने लग जाएं तो कहीं भी ठगी नहीं होगी, कहीं चोरी नहीं होगी, कहीं भी नशा नहीं होगा, कहीं भी मांस खाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, कहीं भी वेश्यावृति नहीं होगी, कोेई बुरा काम नहीं होगा। इस मिनट मानने का प्रण कर लो और अगले मिनट धरती स्वर्ग बन जाएगी। लेकिन बात है मानने की। हमारे धर्माें में लिखा है कि सभी का भला मांगों, किसी की निंदा न करो। अगर आप किसी की निंदा करते हो तो यह भी सोचा करो कि आपमें भी कोई अवगुण न हो, अगर हैं तो पहले अपने दूर करो। हमारे सभी धर्म कहते हैं कि इन्सानियत की सेवा करो, प्रकृति की सेवा करो, भला करो किसी गिरे हुए को उठाने का, भला करो किसी मरते हुए को पानी पिलाने का, भला करो आज के समय में चल रहे समुद्र रूपी नशे को रोकने का ताकि वे माएं आपको दुआएं दें, जिनके बच्चे छोटी आयु में ही इस दुनिया से जा रहे हैं, नशों के कारण। सभी धर्मों का सार है कि सभी का भला करो। सो बातों से नहीं कर्म के साथ धर्म को मानकर देखो।

 


नशा छोड़ने के लिए गीत, प्रवचनों से रोजाना दिया गहरा संदेश

  • परिवारों में एकता, सुख-शांति के लिए समय निकालने का किया आह्वान
  • मानवता भलाई के लिए नई मुहिम भी शुरू की

 पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां…। जिनका हर एक घंटा नहीं, हर मिनट नहीं, हर एक सेकेंड नहीं, बल्कि नैनो सेकेंड मानवता की भलाई के नाम रहता है। पूज्य गुरू जी 40 दिन के रूहानी सफर पर यूपी में बरनावा आश्रम पहुंचे, लेकिन वे वहां से दुनियाभर में फैले डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत के साथ आम लोगों से भी जुड़े रहे। इस अंतराल में पूज्य गुरूजी ने समाज सुधार के कई संदेश दिए। पूर्व में किए गए वचनों के अनुरूप अब पूज्य गुरूजी आॅनलाइन गुरूकुल के माध्यम से ही साध-संगत तक पहुंचे।

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शनिवार 15 अक्टूबर की सुबह डेरा सच्चा सौदा के करोड़ों श्रद्धालुओं के चेहरों पर नूर आ गया। मस्ती छा गई। पूज्य गुरूजी ने अपने यूट्यूब चैनल पर मात्र 2 मिनट 26 सेकिंड का वीडियो जारी किया। पूज्य गुरूजी ने फरमाया-हमें अपने बच्चों पर गर्व है। परम पिता सबको खुशियां दें। ये 2 मिनट 26 सेकिंड संगत के लिए खुशियों के समुंद्र बहा गए। अपने सतगुरू के दर्श-दीदार पाकर संगत झूम उठी। किसी ने अपने घर पर तो किसी ने गुरूघर जाकर जश्न मनाया। इसके बाद 40 दिन तक पूज्य गुरूजी रोजाना अपने सोशल मीडिया के माध्यम से संगत को निहाल करते रहे।

पूज्य गुरूजी का यह 40 दिन का रूहानी सफर रुहानियत की दृष्टि से एक सच्चे संत और उनके अनुयायियों के बीच के रिश्ते में बहुत ही वैराग्य और भावनात्मक भरा रहा। इस समय में पूज्य गुरूजी संत डा. राम रहीम सिंह जी इन्सां ने इंसानों को इंसान बनने का संदेश दिया। हमेशा की तरह से वे समाज में फैले नशे और इससे बर्बाद होती देश की जवानी को लेकर उसे सुधारने में लगे रहे।

इसमें कोई दोराय नहीं कि पूज्य गुरूजी हर उम्र के व्यक्ति को बुराइयों के अंधकार से निकालकर अच्छाईयों के प्रकाश में ले जाने के वाहक बनें हैं। युवाओं को उनकी भाषा, उनकी पसंद से ही गुरूजी सुधारने का भी प्रयास करते हैं। इसी के चलते उन्होंने नशे के खात्मे के लिए गीत-नशा जड़ तों पटणा…लिख-गाकर युवाओं को नशे से दूरी बनाने का प्रभावी संदेश दिया। पूज्य गुरूजी ने इस दौर में नशों पर चोट करते हुए देशवासियों से आह्वान किया कि वे अपने घरों में नशा रूपी दैत्य घुसने ना दें।

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