ऐलनाबाद उपचुनाव: -भाजपा, जजपा और हलोपा मिलकर लड़ सकती है चुनाव

BJP, JJP and Halopa sachkahoon

गोबिंद कांडा पर दांव खेल सकती है भाजपा

सच कहूँ/सुनील वर्मा, सरसा। ऐलनाबाद उप चुनाव का शंखनाद हो चुका है। ऐलनाबाद विधानसभा में 30 अक्तूबर को उपचुनाव होना है। इसको लेकर सरसा सहित पूरे हरियाणा में राजनीतिक माहौल गर्माने लगा है। शुक्रवार एक अक्तूबर से नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हालांकि पहले शुक्रवार को किसी भी पार्टी के उम्मीदवार ने अपना नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है। सरसा सहित पूरे हरियाणा के लोगों की निगाहें अब भाजपा, कांग्रेस पर है कि वह ऐलनाबाद में किसे अपना उम्मीदवार बनाती है।

वीरवार को चंडीगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की ओर उपचुनाव को लेकर आयोजित बैठक में साफ हो गया है कि ऐलनाबाद उपचुनाव भाजपा ही लड़ेगी, लेकिन चुनाव गठबंधन मिलकर लड़ेगा। हालांकि उम्मीदवार का नाम अभी स्पष्ट नहीं है। वहीं सूत्रों की माने तो ऐलनाबाद उपचुनाव भाजपा, जजपा व हलोपा मिलकर लड़ सकती है और गोबिंद कांडा इन तीनों पार्टियों की ओर से सांझे उम्मीदवार हो सकते हैं। वहीं गत दिनों गोबिंद कांडा अपने कार्यालय में पत्रकार वार्ता आयोजित कर ऐलनाबाद से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि भाजपा किसे अपना प्रत्याशी बनाती है।

पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को बनाया गया है उपचुनाव प्रभारी

भारतीय जनता पार्टी ने ऐलनाबाद उपचुनाव को लेकर पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को चुनाव का प्रभारी बनाया है। जबकि डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, कृष्ण पंवार, कमल गुप्ता, कर्ण देव कंबोज को उनका सहयोगी बनाया गया है। वहीं जजपा की ओर से पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सरदार निशान सिंह को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है। राज्य मंत्री अनुप धानक, दिग्विजय सिंह चौटाला को जजपा ने चुनाव का सहप्रभारी बनाया गया है। वहीं पूर्व विधायक कृष्ण कंबोज, रामबीर पटौदी व सुमित राणा को सहयोगी बनाया गया है।

भाजपा बना रही रणनीति, 3 को स्थिति होगी साफ

इस क्षेत्र में 181518 कुल मतदाताओं में से 67162 (37 प्रतिशत) सर्वाधिक जाट मतदाता हैं। ऐसे में इस बार भाजपा जाट और गैरजाट की बिसात बिछाकर गैरजाट को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतार सकती है। अन्य मतदाताओं को साथ लेकर भाजपा इनेलो को उसके ही गढ़ में मात देने की रणनीति तय कर रही है। अगर भाजपा गैरजाट को अपना उम्मीदवार बनाती है तो सबसे पहले उसकी नजर सरसा के विधायक, पूर्व गृहराज्यमंत्री एवं हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा के भाई गोबिंद कांडा पर जाकर ठहरती है क्योंकि गोबिंद के अलावा कोई गैरजाट उम्मीदवार दिखाई नहीं दे रहा है। हालांकि गोबिंद कांडा की अपनी अलग पार्टी हलोपा है। पर भाजपा उन्हें उम्मीदवार बनाने के लिए भाजपा में शामिल कर सकती है। हलोपा भाजपा सरकार का सहयोगी दल है। बहरहाल भाजपा प्रदेशकार्यकारिणी की 3 अक्तूबर को होने वाली बैठक में स्पष्ट हो पाएगा कि पार्टी की ओर से उम्मीदवार कौन होगा।

ये है वोटों का समीकरण

इस क्षेत्र में 181518 कुल मतदाता है। जिसमें 67162 (37 प्रतिशत) सर्वाधिक जाट मतदाता है। जाट मतदाताओं का बंटवारा होता आया है पर अन्य बिरादरी के वोट ही निर्णायक साबित होते है। इस क्षेत्र में ब्राहमण 5446, पंजाबी 4992, बनिया 5083,मुस्लिम 1815, राजपूत 2178, सिख 12706, बिश्रोई 908, सैनी 1815,खाती 7261, कुम्हार 9076, नाई 3630, कंबोज 7265 सुनार, 1820, दर्जी 2269, अहेडी/नायक 5900, चमार 17244, वाल्मीकि 3630, धानक 7261, बाजीगर 3665, मजहबी 1820 वोटर है। ऐसा नहीं है कि किसान आंदोलन को लेकर सारे जाट भाजपा से नाराज है, कट्टर भाइपाई जाट आज भी भाजपा से जुड़ा हुआ है।

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