दिल्ली के गाज़ीपुर और टीकरी बॉर्डर से पुलिस ने हटाई बैरिकेडिंग

सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद हरियाणा सरकार ने बनाई थी समिति

  • समिति ने किसानों के साथ बातचीत कर निकाला रास्ता

बहादुरगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। आखिर 11 महीने बंद रहने के बाद टीकरी बॉर्डर आज शुक्रवार से खुलने जा रहा है। 3 कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के चलते इसे बंद किया गया था। दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। किसानों को रोकने के लिए बॉर्डर पर गाड़ी गई कीलें और कांटे उखाड़ दिए गए है। सड़क पर डाले गए बड़े-बड़े बैरिकेड्स भी हट गए। जल्द ही वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। दिल्ली-रोहतक नेशनल हाईवे-9 का एक तरफ का रास्ता साफ हो चुका है।

दिल्ली और बहादुरगढ़ आने-जाने वाले लोग अब सुचारू रूप से हाईवे का इस्तेमाल कर सकेंगे। हालांकि, सड़क के एक तरफ काफी लंबी दूरी पर किसानों के टेंट लगे हैं। इसलिए एक तरफ की सड़क ही खुलेगी। केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन चल रहा है। दिल्ली की सीमा से सटे हरियाणा के सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान डेरा डाले हुए हैं।

हाई पावर कमेटी की मीटिंग रंग लाई

किसान आंदोलन के चलते बंद दिल्ली के रास्तों को खुलवाने के लिए कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट की शरण में गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल दिया तो हरियाणा सरकार ने पिछले महीने ही उच्च स्तरीय कमेटी गठित की। इस कमेटी में हरियाणा के गृह सचिव राजीव अरोड़ा, डीजीपी पी.के. अग्रवाल, सीआईडी चीफ आलोक मित्तल सहित उन अफसरों को लिया गया था, जो किसानों के साथ बातचीत करके रास्ता खुलवा सकें। कमेटी को 3 दिन पहले 26 अक्टूबर को बहादुरगढ़ में गौरेया पर्यटन केंद्र में हुई मीटिंग में 4 घंटे चले मंथन के बाद टीकरी बॉर्डर के एक तरफ के रास्ते को खोलने को लेकर सहमति बन गई।

 

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