कार्रवाई नहीं, किसानों ने कलेक्ट्रेट के समक्ष शुरू किया बेमियादी धरना

मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

  • खातेदारी भूमि में काश्त से वंचित करने के मामले में कार्रवाई की कर रहे मांग

हनुमानगढ़। राजनीतिक दबाव बना झूठी रिपोर्ट के आधार पर तहसीलदार से झूठा मुकदमा दर्ज करवा एकतरफा स्थगन आदेश प्राप्त कर किसानों को खातेदारी भूमि में काश्त से वंचित करने के मामले में कार्रवाई न होने से नाराज चक 45 एनजीसी के कुछ किसानों ने सोमवार को जिला कलक्ट्रेट के समक्ष बेमियादी धरना शुरू कर दिया। इससे पहले इस संबंध में ग्राम पंचायत सतीपुरा के चक 45 एनजीसी के किसानों ने राजस्थान किसान सभा के बैनर तले मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। किसान सभा के रामकुमार चन्देल व सरपंच प्रतिनिधि उम्मेदसिंह राजावत ने बताया कि हनुमानगढ़ तहसील के चक 45 एनजीसी में अंग्रेजसिंह, बूटासिंह, गुरजिन्द्र सिंह, परविन्द्र सिंह, गीतादेवी की 0.911 हैक्टेयर कृषि भूमि है। इस भूमि की सीमा के पास वाणिज्यिक गोदामों की भूमि की सीमा लगती है। यह गोदाम पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप के पुत्र अमित व परिवारजनों के हैं।

डॉ. रामप्रताप के पुत्र अमित ने अपने राजनीतिक प्रभाव के कारण गोदाम के पास के खेतों के किसानों पर नाजायज दबाव बनाने के जुलाई 2021 में अवैध मिट्टी खनन करने करने का एक झूठा प्रार्थना पत्र तहसीलदार के समक्ष पेश किया। तहसीलदार की ओर से अधिशाषी अभियंता खान एवं भू-विज्ञान विभाग के नाम पत्र जारी कर जांच कर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया। विभाग ने जांच कर रिपोर्ट तहसीलदार को प्रेषित की। जांच के समय पटवारी हल्का भी उनके साथ थे। उन्होंने अपनी जांच में स्पष्ट लिखा कि उक्त भूमि में पुराने मिट्टी के गड्ढे किए हुए पाए गए। मौके पर उबड़-खाबड़ भूमि पर घास व झाडिय़ां उगी हुई पाई गई।

मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

मौके पर किसी भी प्रकार का ताजा खनन कार्य होता हुआ नहीं पाया गया। न ही कोई भी मशीनरी या औजार मौके पर खनन करता हुआ पाया गया। अर्थात खनन विभाग ने अपनी जांच में यह माना कि खनन का कार्य कर मिट्टी नहीं उठाई गई है। परन्तु पूर्व मंत्री के पुत्र अमित की ओर से किसानों पर यह दबाव बनाया गया कि वे उनके गोदामों के पास 15-20 फीट भूमि छोड़ दें और वहां काश्त न करें। अन्यथा वह उन्हें भूमि काश्त नहीं करने देगा। लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी तो अमित ने अपने राजनीतिक प्रभाव के कारण तहसीलदार पर दबाव बनाकर किसानों के खिलाफ उपखण्ड अधिकारी के न्यायालय में जनवरी 2022 में झूठा मुकदमा पेश करवाकर एकतरफा यह स्थगन आदेश जारी करवा दिया कि मौका की यथास्थिति बनाई रखी जाए।

किसानों को उक्त भूमि पर काश्त करने से रोक दिया। किसानों ने पंचायत भी की व पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप से भी मिले। पूर्व मंत्री ने भी अपने पुत्र की बात का ही समर्थन किया। किसानों के अनुसार वे करीब 2 सालों से अपनी भूमि को काश्त करने से वंचित रह रहे हैं। इस कारण उन्हें काफी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पूर्व में प्रशासनिक अधिकारियों को मांगपत्र सौंपा गया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने इस मामले में पीड़ितों को न्याय दिलाने की गुहार लगाई। इस मौके पर बूटासिंह, अंग्रेजसिंह, प्रभुदयाल पचार, सुखजीवन सिंह, रवि स्वामी, विनोद कुमार, अनिल कुमार, आदित्य आदि मौजूद थे।

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