गुरु-शिष्य परंपरा की अद्भुत मिसाल पेश कर गया गुरुग्राम सफाई महा अभियान

Gurugram Cleanliness Campaign sachkahoon

सच कहूँ/देवीलाल बारना, कहते हैं संतों के चरण जहां भी टिकते हैं, उस धरा के लिए वो वरदान बन जाते हैं। इसी की बदौलत गुरु द्रोण नगरी गुरु और शिष्य परंपरा की मिसाल बन गई। मौका रहा डेरा सच्चा सौदा के 33वें सफाई महा अभियान का। 7 फरवरी को पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां गुरुग्राम (Gurugram Cleanliness Campaign) के साउथ सिटी-2 स्थित नाम चर्चा घर में पहुंचे और 21 दिनों तक यहां निवास किया।

अपने सतगुरु के चरणों की धूल पाने और उस स्थान को निहारने के लिए उत्सुक शिष्यों ने सफाई महाअभियान चलाकर नगर का कायाकल्प कर अपना प्रेम भाव दर्शाया। साथ बता दिया कि गुरु सर्वसमाज हिताय ही शिक्षा देते हैं।

गुरु जी की चरण स्थली में पहुंचकर डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत ने पहले नमन किया और गुरु जी के पधारने की खुशी में पूरे शहर को चकाचक कर दिया। पूरे शहर को चार जोनों में बांटा गया और 59 सेक्टर बनाकर साध-संगत सुबह 7 बजते ही पहुंचनी शुरू हो गई। हालांकि दूर-दराज से साध-संगत देर रात्रि ही घर से निकल पड़ी थी। पूरे 9:45 बजे जैसे ही पवित्र नारा ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ के साथ सफाई अभियान की शुरूआत हुई तो डॉक्टर, इंजीनियर, वकील सहित अच्छे सरकारी ओहदों पर सेवाएं देने वाले सेवादार सफाई के इस महाभियान रूपी यज्ञ में आहुति डालने में जुट गए।

शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों का पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के प्रति प्रेम और समर्पित सेवा भाव देख शहरवासी अचंभित नजर आए। जैसे ही सेवादारों का काफिल हाथों में झाड़ू, तंगली, कसी व अन्य सफाई का समान लेकर सड़कों से निकल रहा था तो गुरुग्राम वासी (Gurugram Cleanliness Campaign) अपने घरों के दरवाजों पर खड़े होकर खड़े होकर सेवादारों को निहार रहे थे।

जहां से भी सेवादार सफाई करते हुए निकले सड़कों का नजारा अलग ही प्रकार का था। चकाचक हुई सड़कें मुंह बोल रही थी, जैसे वे अपनी नुहार पर इतरा रही हों। आम लोगों की जुबां से बरबस ही निकला-इन सेवादारों के जोश, ज़ज्बे और जुनूनी सेवा भाव को हमारा दिल से सलाम है।

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