जल संरक्षण के लिए जरूरी कदम
पंजाब सरकार ने जल बचत व जल स्रोतों के संरक्षण के लिए विधान सभा में एक बिल पास कर दिया है। सरकार ने सभी पार्टियों की एक बैठक भी बुलाई है, यह कदम बहुत पहले उठाया जाना चाहिए था क्योंकि राज्य में भू-जल स्तर बहुत गहराई तक जा चुका है। दूसरी तरफ राज्य की नद...
कट्टरता व नफरत में पहले भी बांटा है देश
पता नहीं क्यों, हमारे नेताओं को 1947 का बंटवारा कैसे भूलता जा रहा हे। यदि देश का बंटवारा केवल भौगोलिक होता तब शायद इतनी बड़ी त्रासदी घटित न होती। बदकिस्मती से यह बंटवारा धार्मिक था, जिसे कट्टरता ने बर्बरता में बदल दिया। विश्व का सबसे बड़ा नरसंहार 1947 ...
विरोधी राजनीति में दब रहे जनता के मुद्दे
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018 में बेरोजगारी के कारण औसतन 35 व्यक्तियों ने रोजाना खुदकुशी की, दूसरे शब्दों में हर दो घंटों बाद 3 बेरोजगार आत्महत्याएं कर रहे हैं।
पंचायतों की सराहनीय पहल
हरियाणा की 700 से ज्यादा पंचायतों ने अपने गांवों से शराब के ठेके बंद करने की मांग की है। पहले भी इस राज्य में शराब पर प्रतिबंध के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान चला था। पुरूषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी शराब के ठेके बंद करने के लिए प्रदर्शन तक किए थे। शराब ...
महंगाई पर नियंत्रण जरूरी
यहां बात केवल सब्जियों की नहीं बल्कि संपूर्ण कृषि उत्पादों की है। यदि किसान से लेकर उपभोक्ता तक को मुख्य रखकर कृषि नीतियां नहीं बनाई जाएंगी, तब तक खुदरा वस्तुओं में महंगाई की मार से बचा नहीं जा सकता।
राजनीति, धर्म और आतंकवाद
जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के साथ संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार एक पुलिस अधिकारी के मामले में राजनीति बहस छिड़ गई है। कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। यही चर्चाएं आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने में सबसे बड़ी रुकावट बन रही...
दिल्ली ‘आप’, भाजपा व कांग्रेस के लिए बनी चुनौती
दिल्ली में कांग्रेस अपनी स्थिति सुधार सकती है, वह भाजपा को तो पछाड़ सकती है परन्तु आम आदमी पार्टी ने जिस तरह की राजनीतिक विचारधारा चलाई है उसके चलते अभी कांग्रेस को बहुत मेहनत की जरूरत है। दिल्ली चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी यदि अच्छा बहुमत हासिल कर लेती है
राष्ट्रीय कलाकारों की दुर्दशा क्यों
यह भी बात नहीं कि देश में कला की संभाल के लिए कोई मार्गदर्शक इतिहास नहीं है। प्राचीन से लेकर मध्यकाल तक कलाकारों/साहित्यकारों को समय के शासकों द्वारा जागीरें देकर सम्मान देने की परंपरा रही है तब पुरुस्कार कम व आवश्यकता की वस्तु जैसे पैसे व जायदाद को अधिक महत्व दिया जाता था।
वनों को आग से बचाने के लिए बने ठोस नीति
वनों के बिना धरती दिवस मनाने का कोई महत्व नहीं रह जाएगा। वनों की तबाही के होते विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। बेहतर हो यदि अमीर देश व अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं वनों को बचाने के लिए कोई ठोस मुहिम चलाएं, हर घटना पर चुप रहने से समस्या का निराकरण नहीं हो सकता।
अमन के लिए युद्ध
इस दौर की दिलचस्प बात यह भी है कि अमेरिका की राजनीति से ज्यादा विश्व में घटित अन्य घटनाएं भी अधिक महत्व रख रही हैं। ट्रम्प इस वर्ष फिर राष्ट्रपति चुनाव लड़ रहे हैं। अमेरिका के नेता चुनाव जीतने के लिए युद्ध को भी चुनावी रणनीति में रखते हैं।
राजनीतिक हिंसा व विद्यार्थी
राजनीति व शिक्षा के आपसी सम्बधों से इनकार नहीं लेकिन शिक्षा को राजनीतिक रंग देना देश के साथ सरासर खिलवाड़ है। बेहतर हो यदि राजनीतिक पार्टियां अपने हितों को साधने की बजाए जनता के हितों को संसद /विधान सभा या राजनीतिक सभाओं तक सीमित रखें।
ननकाना साहिब में आतंकवादियों का हंगामा
दोनों देशों के बीच टकराव के बावजूद दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने कॉरीडोर खोलने के समारोह में भाग लिया था। ऐसे निर्णय पाक में बैठे कट्टरपंथियों व आतंकवादियों को हजम होना, मुमकिन नहीं।
गैर जिम्मेवार हो विश्वसनीयता खो रहा मीडिया
पिछले माह पंजाब की एक प्रसिद्ध निजी यूनिवर्सिटी में किसी छात्रा के साथ दुराचार होने व पीड़िता के खुदकशी की अफवाह उड़ गई।
लेकिन किसी शव के बिना कैसे खबर चली कि किसी ने खुदकुशी की है?
स्वास्थ्य सेवाओं का निकला जनाजा
यही कारण है कि उपचार करवाने के लिए सरकारी अस्पताल की बजाए निजी अस्पतालों में लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। हालांकि कुछ ऐसे अधिकारी व कर्मचारी भी हैं जो ईमानदारी व निष्ठा भाव से ड्यूटी करते हैं, लेकिन चंद लोग व्यवस्था को नहीं बदल सकते। देश में मशीनरी या फंड की कमी नहीं।
सार्थक प्रयासों से ही बचेंगी बेटियां
पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने बेटियों के वास्ते कई मुहिमें चलाई हैं जिनमें ‘कुल का क्राउन' के द्वारा रूढ़िवादी विचारधारा को बदलने का बीड़ा उठाया गया है। इस मुहिम के तहत अब बेटी से भी वंश चलने लगा है। आमतौर पर वंश चलाने का जिम्मा बेटों पर ही था।