साम्प्रदायिक राजनीति की बजाय भारतीय पहचान पर हो जोर
अब भाजपा घर-घर जाकर लोगों को समझाएगी कि कानून आखिर है क्या,
लेकिन इस बिल को जब कानून बनाया जा रहा था तब भाजपा घर-घर क्यों नहीं गई?
आत्महत्या न करें, जीवन शैली बदलें मध्यम वर्ग
फाइनैंस की सुविधा और शब्दावाली की हेरफेर ने लोगों की जेबें खाली करने का जादूगरी की तरह काम किया है।
मध्यम वर्गीय लोगों को खुदकुशी जैसे कदम उठाने की बजाय अपने आर्थिक स्रोतों और खर्चों का तालमेल बनाकर चलना होगा।
























