सच्चे सतगुरु जी ने प्रेमी के ट्रक को चोर-लुटेरों से बचाया
20 मई 2003 का जिक्र है कि मैंने अपने ट्रक को अगले दिन अमेरिका लेकर जाना था। मेरा ट्रक घर से बाहर खड़ा था, जिसमें सामान भरा हुआ था। रात का समय था। मैं अपने घर में अर्द्ध निद्रा की अवस्था में लेटा हुआ था। परम पूजनीय दयालु सतगुरू जी ने मुझे एक दृष्टांत द...
महाराणा प्रताप जिन्होंने नहीं झुकाया कभी अन्याय के आगे सिर
महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। उनके पिता महाराणा उदयसिंह और माता जयवंत कंवर थीं। महाराणा प्रताप को बचपन में 'कीका' के नाम से पुकारा जाता था। राजपूताना राज्यों में मेवाड़ का अपना एक विशिष्ट स्थान है जिस...
प्यार की भूख रोटी की भूख से कहीं बड़ी है
लिहाजा आज का दिन भारत के लिए बेहद खुशी का दिन है। अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा में लगाने वाली मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को एक अल्बेनीयाई परिवार में उस्कुब, ओटोमन साम्राज्य में हुआ था। 5 सितंबर 1997 के दिन मदर टैरेसा की मृत्यु हुई थी। जिन्हें स...
व्यंग्य: वक्त की हेराफेरी
दक्षिण अफ्रीका की अंग्रेज सरकार की इससे खासी बदनामी हुई। उसने भारतीय सरकार और ब्रिटिश सरकार के दबाव के तहत एक समझौते को स्वीकार किया।
भतीजे दलीप के नाम शुरू हुई ‘दलीप ट्रॉफी’
दलीप सिंह का जन्म 13 जून 1905 में गुजरात के काठियावाड़ में हुआ था। दिलीप सिंह एक इंग्लिस क्रिकेटर थे। दलीप सिंह की प्रारंभिक पढ़ाई राजकोट के राजकुमार कॉलेज में हुई। इसके बाद वो इंग्लैंड के शेल्टनहेम कॉलेज से अपनी बाकी की पढ़ाई की। दलीप सिंह को क्रिकेट क...
रूहानी सवाल-जवाब
(Spiritual Questions and Answers)
पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में सन् 1960 से 1991 तक बहुत से सत्संग फरमाए और इस बीच सत्संगगियों ने समय समय पर पूजनीय परम पिता जी से अनेक प्रश्न पूछे। जो कुछ प्रश्न व...
विज्ञान और आविष्कार की ताकत थे नरसिम्हा
20 जुलाई, 1933 को जन्मे, प्रो नरसिम्हा (Prof. Roddam Narasimha) ने एयरोस्पेस के क्षेत्र में द्रव डायनामिस्ट के रूप में एक पहचान बनाई। वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के वैज्ञानिकी सलाहकार भी रहे थे। प्रो. नरसिम्हा का लड़ाकू विमान लाइट कॉम्बैट एयरक्र...
फोन के डायलिंग पैड का आविष्कार
आज ही के दिन 1963 में दुनिया ने पहली बार जाना कि बटन वाला फोन क्या होता है। आज हम बटन वाले फोन से टच स्क्रीन तक पहुंच गए हैं। वैज्ञानिक कोशिश में लगे हैं कि टच की भी जरूरत न पड़े, फोन बस उंगली के इशारे पर काम करने लगे। लेकिन यह बहुत पुरानी बात नहीं जब...
मेहनत और संघर्ष है होंडा की सफलता का राज
होंडा मोटर कंपनी की स्थापना सोइचिरो होंडा ने 24 सितंबर 1948 में जापान के शहर टोकियो में की थी। वे एक ऐसे इंसान से जिनको बचपन से ही गाड़ियों में मतलब ऑटोमोबाइल में बहुत ज्यादा रूचि थी। इसलिए वह अपने दोस्त के गैरेज में गाड़ियों को खुद बनाते थे और गाड़ियों...
आंखें खोलकर भी सो सकता है खरगोश
दुनियाभर में सबसे ज्यादा यूरोपियन खरगोश को ही पाला जाता हैं। 2 किलो का खरगोश 9 किलो के कुत्ते के बराबर पानी पी सकता है। धरती पर पालतू खरगोश की लगभग 305 प्रजातियां और जंगली खरगोश की लगभग 13 प्रजातियां हैं। 1912 से पहले खरगोश को रोडेंट्स यानी चूहे, गिल...
पांच हजार वर्ष पूर्व चीन में हुई थी ‘चाय’ की खोज
आविष्कार शब्द के पीछे गहन अध्ययन और कड़ी मेहनत होती है, तभी किसी नयी चीज की खोज संभव हो पाती है लेकिन जब कोई बहुत बड़ा आविष्कार अनजाने में हो जाये तो इसे किसी रोमांचक चमत्कार से कम नहीं समझना चाहिए और आज ऐसे ही एक दिलचस्प आविष्कार की बात करते हैं जिसने...
बिजली के अविष्कार में माइकल फैराडे का अहम योगदान
बिजली का महत्वपूर्ण अविष्कार करने वालो में माइकल फैराडे का बड़ा उच्च स्थान है। वह लन्दन के के लुहार का पुत्र था। फैराडे को पाठशाला की कुछ अधिक शिक्षा भी नहीं मिली थी। वह केवल साधारण पढ़ा और लिख सकने और मामूली गणित के अतिरिक्त कुछ अधिक नही पढ़ सका था। वह...
पानी में खून की एक-एक बूंद सूंघ सकती है ‘शार्क’
शार्क की सुनने की शक्ति उत्कृष्ठ होती है। वे 500 मीटर दूर पानी में कूदती हुई मछली की आवाज सुन सकती है। यदि एक शार्क को एक बड़े स्विमिंग पूल में डाल दिया जाता है, तो वह पानी में खून की एक-एक बूंद को सूंघ सकती है। हालांकि शार्क की अधिकांश प्रजातियां एक ...
जब अस्तित्व बचाने में नाकाम रहा सोवियत संघ
19 नवंबर 1985 को पहली बार विश्व की दो महाशक्तियों- पूर्व सोवियत संघ और अमेरिका के बीच स्विट्जरलैंड शिखर वार्ता की शुरूआत हुई थी। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और सोवियत संघ के तत्कालीन राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव के बीच यह बातचीत 6 साल ...
मानवता के लिए वरदान सतगुरू जी के पवित्र वचन
सत्संग की महिमा
भक्ति मार्ग से संबंधित श्री राम चन्द्र जी फरमाते हैं कि भक्ति स्वतंत्र है। इसे किसी भी प्रकार के सहारे की आवश्यकता नहीं है। भक्ति सब सुखों का खजाना है, लेकिन इस पवित्र भक्ति को मनुष्य बिना सत्संग (बिना संत-महात्मा की संगत) के प्राप्त...