हरियाणा में भर्तियों में जमकर चल रहा है लखी-करोड़ी का सिक्का: हुड्डा

Bhupendra-Singh-Hudda sachkahoon

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकारी भर्तियों में एक के बाद एक सामने आ रहे घोटालों को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पर सभी भर्तियों में लखी-करोड़ी का सिक्का चलने का आरोप लगाया है। हुड्डा ने आज यहां जारी एक बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य में एचसीएस से लेकर ग्रुप-डी तक हर नौकरी का रेट तय है। एचएसएससी के बाद अब एचपीएससी की भर्तियों में हुए महाघोटालों के खुलासे से स्पष्ट है कि मौजूदा सरकार में हर नौकरी बिकाऊ है। सरकारी नौकरियों के धंधे में लिप्त लोग लखी और करोड़ी बनाए जा रहे हैं।

सरकार किसी एक आरोपी को बचाने की कोशिश

उन्होंने दावा किया कि गत कई सालों से सरकार लगातार भर्तियों में जारी घोटालों को छिपाने की कोशिश कर रही है। लेकिन, घोटालों की भरमार इतनी है कि सरकार चाहकर भी उस पर पर्दा नहीं डाल पा रही। सरकार एक घोटाले को छिपाने की कोशिश करती है तो दूसरा सामने आ जाता है। सरकार किसी एक आरोपी को बचाने की कोशिश करती है तो दूसरा फंस जाता है। विपक्ष के नेता ने कहा कि कांग्रेस लगातार सड़क से लेकर सदन तक प्रदेश में युवाओं के भविष्य के साथ हो रहे इस खिलवाड़ के खिलाफ आवाज उठा रही है। उनकी तरफ से बार-बार तमाम भर्तियों, कैश फॉर जॉब, पेपर लीक, खाली ओएमआर शीट जैसे घोटालों की जांच न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग की गई। यहां तक कि प्रदेश के गृहमंत्री ने भी विपक्ष की इस मांग का समर्थन किया। लेकिन, सरकार ने न तो विपक्ष की मांग मानी और न ही अपने गृहमंत्री की। उसका नतीजा आज प्रदेश की जनता के सामने है।

सरकार असली गुनहगार का नाम सामने क्यों नहीं लाती?

हुड्डा ने कहा कि जो भर्तियां पूरी हो चुकी हैं, उनमें ताबड़तोड़ घोटालों के सबूत अखबारों की सुर्खियां बन रहे हैं। साथ ही, जिन भर्तियों की प्रक्रिया फिलहाल चल रही है, उसमें गड़बड़झाले के साक्ष्य भी सार्वजनिक हो चुके हैं। जाहिर है जो भर्तियां भविष्य में होंगी उसके लिए भी पहले से ही सेटिंग हो चुकी है। इतने सालों से बड़े पैमाने पर एचएसएससी और एचपीएससी के दफ्तरों में बैठे हुए लोग नौकरियों का कारोबार कर रहे हैं। लेकिन, हैरानी की बात है कि सरकार की तरफ से बार-बार इन लोगों को क्लीन चिट दे दी जाती है। क्या इससे स्पष्ट नहीं हो जाता कि भर्ती माफिया को सरकार का संरक्षण प्राप्त है? अगर ऐसा नहीं है तो सरकार असली गुनहगार का नाम सामने क्यों नहीं लाती?

सरकार की नीतियों के चलते प्रदेश में रोजगार और काम धंधे खत्म हो रहे है

सरकार पूरे मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच क्यों नहीं कराना चाहती? आखिर सरकार किसको बचाना चाहती है? उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहे हरियाणा जैसे प्रदेश के युवाओं लिए भर्तियों में घोटाला बेहद गंभीर मुद्दा है। क्योंकि, इस सरकार की नीतियों के चलते प्रदेश में रोजगार और काम धंधे खत्म हो रहे हैं। साथ ही सरकारी नौकरियों को भी लगातार खत्म किया जा रहा है। 2014 में कांग्रेस कार्यकाल के दौरान प्रदेश में लगभग चार लाख सरकारी कर्मचारी थे। जो इस सरकार के दौरान घटते-घटते महज 2.80 लाख रह गए हैं। सरकार इतनी भर्तियां भी नहीं कर पा रही, जितने कर्मचारी हर साल रिटायर हो जाते हैं। इस सरकार में जो इक्का-दुक्का भर्तियां हुई हैं उनमें भी सिर्फ घोटाले, लखी, करोड़ी की डील और रुपयों की अटैची चलती है।

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