प्रतिबंध न हटने पर क्रैश हो सकता है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन, रूस ने दी धमकी

International Space Station sachkahoon

स्जिद पर रूस ने गिराए बम, 86 लोगों ने ली है पनाह

मास्को (एजेंसी)। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग में अब अंतरिक्ष स्‍पेस स्‍टेशन पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। रूस लगातार अपने ऊपर लगे कड़े प्रतिबंधों को लेकर न सिर्फ आगाह कर रहा है बल्कि वो अब धमकी तक देने लगा है। रूस इस जंग को जीतने और पश्चिमी देशों समेत अमेरिका पर दबाव बनाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार दिखाई दे रहा है। इसी कड़ी में उसने धमकी दी है कि उसके खिलाफ लगे पश्चिमी देशों और अमेरिका के प्रतिबंध अंतरराष्‍ट्रीय स्‍पेस स्टेशन (International Space Station) के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण बन सकते हैं।

रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के प्रमुख ने चेतावनी दी, दंडात्मक उपायों को उठाने का आह्वान किया है। आपको बता दें कि जब से रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू हुई है तभी से अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्‍टेशन (International Space Station) को लेकर सवाल उठ रहे हैं। वहीं महायुद्ध की मार झेल रहे यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर जानकारी दी, ‘मारियुपोल में सुल्तान सुलेमान द मैग्निफिकेंट और उनकी पत्नी रोक्सोलाना (हुर्रेम सुल्तान) की मस्जिद पर रूसी आक्रमणकारियों ने गोलाबारी की। जिसमें तुर्की के नागरिकों सहित 80 से ज्यादा लोग पनाह लिए हैं, जिनमें वयस्क और बच्चे भी शामिल हैं।”

दो हिस्सों में बंटा है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) को दो हिस्से में डिवाइड किया गया है। एक हिस्से को रूस ऑपरेट करता है, तो दूसरे को अमेरिका। 1998 में रूस और अमेरिका के एस्ट्रोनॉट ने एक साथ इस स्पेस स्टेशन में कदम रखा था। तब से ही दोनों की बीच साझेदारी जारी है।

यूक्रेन से भारत लाए गए छह नेपाली नागरिक

भारत ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन से अब तक छह नेपाली नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया है। काठमांडू पोस्ट के अनुसार चार नेपालियों को शनिवार को यूक्रेन से वापस लाया गया जबकि दो को पहले भारत ने निकाला था। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने आज भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी को नेपालियों की मदद करने के लिए धन्यवाद दिया।

देउबा ने ट्विटर पर लिखा, ‘ऑपरेशन गंगा के माध्यम से नेपाली नागरिकों को वापस लाने में सहायता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार को धन्यवाद। जर्मनी में नेपाल के राजदूत राम काजी खड़का के अनुसार, जिन्हें यूक्रेन की देखभाल के लिए भी मान्यता प्राप्त है, यूक्रेन से नेपाली नागरिकों की निकासी लगभग समाप्त हो गई है।

खडका ने कहा कि रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से अब तक कुल 580 नेपाली नागरिक यूक्रेन से बाहर आ चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘लेकिन किसी ने भी उनके प्रत्यावर्तन के लिए नहीं कहा है। अब तक हमारे पास 466 नेपाली पोलैंड पहुंच चुके हैं, 78 स्लोवाकिया, 88 रोमानिया और आठ हंगरी पहुंच चुके हैं।

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