बोगस नामों से धोखाधड़ी करके ऑनलाइन मोबाइल खरीदकर दिल्ली में बेचने वाले शातिर अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़

Mobile Selling Fraud

स्पैशल साईबर अपराध शाखा ने पकड़े रैकेट के 2 सदस्य

  • 872 नए स्मार्ट मोबाइल फोन व 15 लाख 15 हजार रुपए नकदी बरामद

कैथल (सच कहूँ)। आपराधिक षड्यंत्र के तहत बोगस नामों की मार्फत धोखाधड़ी व जालसाजी से ऑनलाइन मोबाइल फोन खरीदकर दिल्ली में बेचने वाले शातिर अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए स्पैशल साईबर अपराध शाखा ने रैकेट से जुड़े 2 सदस्य गिरफ्तार किए। आरोपियों के कब्जे से 872 नए स्मार्ट मोबाइल फोन व 15 लाख 15 हजार रुपए नकदी सहित कुल 86 लाख 56 हजार 439 रुपए मूल्य की संपत्ति बरामद की गई है। दोनों आरोपी शनिवार 26 जून को अदालत में पेश किए जाएंगे, जहां से रैकेट से जुड़े अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी सहित व्यापक पूछताछ के लिए दोनों आरोपियों का पुलिस रिमांड हासिल किया जाएगा।

ऐसे करते थे गौरख धंधा

एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि स्पेशल साईबर अपराध शाखा कैथल पुलिस के एसआई सुरेन्द्र कुमार की टीम को सूचना मिली की अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अमेजन, फ्लिपकार्ट ऑनलाइन प्लेटफार्म की एप्प को थर्ड़ पार्टी क्लोनिंग एप्प से क्लोनिंग करके एक मोबाईल फोन में सैकड़ों एप्प बनाकर फर्जी नाम पतों पर अलग से एक कोड डालकर अवैध तरीके से बार-बार आर्डर लगाकर सैकड़ों की संख्या में फर्जी आई.डी./पते पर भिन्न-भिन्न आॅनलाईन कंपनियों से मोबाईल फोन मंगवाए जाते हैं। उक्त गिरोह के सदस्यों द्वारा जीएसटी पोर्टल से जीएसटी नंबर चुराकर फर्जी अमेजन बिजनैस आईडी बनाकर फर्जी नाम पत्तों पर एक कोड के साथ डिलिवरी करवाई जाती है।

इसके उपरांत इन अज्ञात व्यक्तियों से रजत कुमार पुत्र पवन कुमार निवासी बैंक कॉलोनी कैथल तथा सुधीर नारंग पुत्र कृष्ण लाल निवासी अमरगढ़ गामड़ी, कैथल व अन्य साथियों द्वारा उक्त सभी मोबाईल फोन अवैध तरीके से खरीद लिए जाते हैं। इसके उपरांत अज्ञात व्यक्तियों द्वारा मंगवाए गए अलग-अलग कंपनियों के मोबाईल फोनों को बिना बिल के ही रजत व सुधीर नारंग व अन्य व्यक्तियों द्वारा दिल्ली गफ्फार मार्किट में अवैध तरीके से नकद रुपयों में बेचकर आरोपी अमेजन गिफ्ट वाउचर खरीदकर बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से रुपए अर्जित करते हैं और अज्ञात व्यक्तियों से अलग से कमीशन भी कमाते हैं। जिनके पास अलग-अलग जिलों व राज्यों से लोग फोन बेचने व खरीदने के लिए आते हैं। पुलिस को सूचना मिली थी कि रजत अपने घर से भारी मात्रा में फोन लेकर कहीं बेचने के लिए जाने वाला है।

यहां से हुई बरामदगी

एसपी ने बताया कि रजत के मकान पर दबिश दी गई। जहां पिट्ठू बैग लगाकर अपने दोनों हाथों में लिए बैग सहित अपने मकान से बाहर निकले संदिग्ध रजत को पुलिस द्वारा काबू किया गया। पुलिस द्वारा मौके पर की गई जांच के दौरान रजत के बैग से 15 लाख 15 हजार रुपए नकदी तथा दोनों बैगों से 100 नये मोबाईल फोन बरामद हुए।

इसके उपरांत जांच के दौरान रजत के मकान, अंदर गेट के पास रखे प्लास्टिक कट्टों से रियलमी, रेडमी, इन्फीनीक्स, सैमसंग, पोक्को, वन प्लस, ओप्पो, एमआई, नार्जो सहित विभिन्न कंपनियों के 772 अन्य मोबाईल फोन सहित करीब 71 लाख 41 हजार 439 रुपए मुल्य के कुल 872 मोबाईल फोन बरामद हुए। प्राप्त हुए मोबाईलों के बारे में संदिग्ध रजत कोई बिल या इनवॉयस तथा प्राप्त रकम बारे कोई मलकियती अथवा अन्य दस्तावेज पुलिस को नहीं दिखा सका। पुलिस द्वारा उपरोक्त मोबाईलों व नकदी सहित कुल 86 लाख 56 हजार 439 रुपए मूल्य की संपत्ति जब्त करके थाना सिविल लाईन में मामला दर्ज कर दिया गया।

आरोपियों पर केस दर्ज

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले की आगामी जांच स्पेशल साईबर अपराध शाखा कैथल प्रभारी इंस्पेक्टर मुकेश कुमार द्वारा करते हुए आरोपी रजत कुमार तथा उसके साथी सुधीर नारंग को भादसं. तथा आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है।

 

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