देश-विदेश में श्रद्धा भाव से मनाया महापरोपकार दिवस

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पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की ओर से 123 जरूरतमंद परिवारों को दिया गया राशन

  • ब्लॉकों ने चार जरूरतमंद परिवारों को पूरे बनाकर दिए गए घरों की चाबियां सौंपी

  • 15 दिव्यांगजनों को मिली ट्राइसाइकिलें

सच कहूँ/सुनील वर्मा
सरसा/बरनावा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का पावन गुरगद्दीनशीनी दिवस (महापरोपकार दिवस) वीरवार को देश-विदेश में श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया। शाह सतनाम जी धाम (सरसा), शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा (यूपी), शाह सतनाम जी रूहानी धाम, सलाबतपुरा (पंजाब), राजस्थान के साथ-साथ राष्टÑीय राजधानी दिल्ली सहित देश के विभिन्न राज्यों कोरोना नियमों का पालन करते हुए मनाया गया। डेरा सच्चा सौदा ने एक बार फिर मानवता भलाई कार्यों को नई गति देते हुए आगे बढ़ाया।

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इस शुभ अवसर पर शाह सतनाम जी धाम, सरसा में फूड बैंक मुहिम के तहत पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की नेक, मेहनत की कमाई में से 123 परिवारों को राशन की किटें दी गई। इसके साथ ही आशियाना मुहिम के तहत विभिन्न ब्लॉकों ने चार जरूरतमंद परिवारों को बनाकर दिए गए पूरे घर की चाबियां सौंपी। वहीं ‘साथी मुहिम’ के तहत 15 जरूरतमंद दिव्यांगों को ब्लॉकों की तरफ से ट्राइसाइकिलें दी गई। इस अवसर पर गुरु महिमा को दर्शाती एक डॉक्यूमेंट्री भी चलाई गई, जिसे आई हुई साध-संगत ने एकाग्रचित होकर देखा।

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वहीं शाह सतनाम जी आश्रम, बरनावा में 35 जरूरतमंदों को राशन दिया गया

बता दें कि 23 सितंबर 1990 को पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को डेरा सच्चा सौदा की तीसरी पातशाही के रूप में गुरगद्दी की बख्शिश कर अपना रूप बनाया। इस दिन को डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत पावन महापरोपकार दिवस के रूप में मनाती है। पावन महापरोपकार दिवस के शुभ अवसर पर शाह सतनाम जी धाम में वीरवार को सुबह 11 बजे से 1 बजे तक नामचर्चा का आयोजन किया गया। नामचर्चा की शुरूआत ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ नारे के रूप में पूज्य गुरु जी को बधाई के साथ हुई। इसके बाद कविराजों ने गुरु महिमा का गुणगान किया। कोरोना महामारी के मद्देनजर नामचर्चा का आॅनलाइन प्रसारण भी किया गया, जिसे देश-विदेश की साध-संगत ने अपने घरों में रहकर श्रवण किया।

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इस अवसर पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के रिकॉर्डिड वचन भी बड़ी स्क्रीन पर चलाए गए। रिकॉर्डिड वचनों में पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आज वो दिन है जब हमारा अपने मुर्शिद-ए-कामिल, दाता रहबर से मिलाप हुआ। वो वर्णन से परे है। जन्म से ही उनका रहमोकर्म रहा। 1972 में शाह मस्ताना जी आश्रम में हाल और गुफा के बीच की जगह पर उन्होंने हमें नाम शब्द से नवाजा। बेपरवाह जी ने हमें अपने पास बैठाकर नाम दिया, वो यादें आज भी ज्यों की त्यों ताजा हैं। मुरीद कभी अपने सतगुरु को नहीं भूलता, मक्खियां-मच्छर तो उड़ जाया करते हैं। आपजी ने फरमाया कि भगवान से आशिकी कमानी इस कलियुग में बहुत मुश्किल है, भगवान का आशिक कहलाना आसान है।

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इस शुभ अवसर पर शाह सतनाम जी नगर (सिरसा) की ओर से आठ, दिल्ली से निधि इन्सां की ओर से 1, आस्ट्रेलिया से ममता इन्सां की ओर से 1, यमुनानगर से सुरेखा इन्सां की ओर से 3, निर्मला इन्सां कल्याण नगर की ओर से 1, सुमन इन्सां अबोहर की ओर से 1 दिव्यांग जनों को ट्राइसाइकिलें दी गई। इसके साथ ही आशियाना मुहिम के तहत मानसा ब्लॉक की साध-संगत ने मनजीत कौर पत्नी बलविन्द्र सिंह गाँव चोटियां, तहसील सरदूलगढ़ (मानसा), लुधियाना ब्लॉक की साध-संगत ने बलविन्द्र कौर पत्नी बलदेव सिंह गांव लोहारा वेडा, जिला लुधियाना ब्लॉक कल्याण नगर, सरसा की साध-संगत ने देशराज पुत्र बुद्धिराम और ब्लॉक पुण्डरी जिला कैथल की साध-संगत ने एक जरूरतमंद महिला को बनाकर दिए मकानों की चाबियां इन ब्लॉकों के जिम्मेवारों ने सौंपी।

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