पुण्यतिथि : अहिंसा के पुजारी को पीएम मोदी सहित कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

Mahatma Gandhi, Death, Anniversary

बापू के असहयोग आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई जागृति प्रदान की | Mahatma Gandhi

Edited By Vijay Sharma

नई दिल्ली(एजेंसी)। आज महात्मा गांधी की 72वीं पुण्यतिथि (Mahatma Gandhi ) है। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह , कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और लाल कृष्ण आडवाणी ने राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि अर्पित की। देश को आजादी दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले बापू को आज सच कहूँ परिवार भी श्रद्धांजलि अर्पित करता है वहीं पाठकों को उनके जीवन से अवगत कराते हुए देश के लिए दिए गए योगदान याद दिला रहा है।

नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को की थी  महात्मा गांधी की हत्या | Mahatma Gandhi

नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला हाउस में प्रार्थना सभा के लिए जाते हुए महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई थी। विडम्बना देखिए कि अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाकर अंग्रेजों को देश से बाहर का रास्ता दिखाने वाले महात्मा गांधी खुद हिंसा का शिकार हुए।  अपने जीवनकाल में अपने विचारों और सिद्धांतों के कारण चर्चित रहे मोहन दास करमचंद गांधी का नाम उनकी मृत्यु के बाद दुनियाभर में कहीं ज्यादा इज्जत और सम्मान से लिया जाता है।

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर में हुआ था| Mahatma Gandhi

दुनिया को सत्य और अहिंसा की राह पर ले जाने वाले महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था। जिस दिन नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को गोली मारी, उस दिन शुक्रवार था। उस वक्त शाम के 5.17 बज रहे थे जब नाथूराम गोडसे ने सफेद धोती पहने गांधीजी पर तीन बार गोलियां दागी । गोडसे ने बापू के साथ खड़ी महिला को हटाया और अपनी सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल से एक बाद के एक तीन गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। आज गांधी जी की पुण्यतिथि है और उनकी पुण्यतिथि को शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं

गांधी जी के 5 आंदोलन, जिन्होंने बदल दी देश की तस्वीर | Mahatma Gandhi

असहयोग आंदोलन

1920 से महात्मा गांधी तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन चलाया गया था। इस आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई जागृति प्रदान की। गांधी जी का मानना था कि ब्रिटिश हाथों में एक उचित न्याय मिलना असंभव है इसलिए उन्होंने ब्रिटिश सरकार से राष्ट्र के सहयोग को वापस लेने की योजना बनाई और इस प्रकार असहयोग आंदोलन की शुरुआत की गई।

नमक सत्याग्रह –

  • महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए अनेकों आंदोलनों में से नमक सत्याग्रह सबसे महत्वपूर्ण था।
  • बता दें कि महात्मा गांधी ने 12 मार्च, 1930 में साबरमती आश्रम जो कि अहमदाबाद स्थित है, दांडी गांव तक 24 दिनों का पैदल मार्च निकाला था।
  • महात्मा गांधी ने यह मार्च नमक पर ब्रिटिश राज के एकाधिकार के खिलाफ निकाला था।

दलित आंदोलन-

  • महात्मा गांधी जी ने 8 मई 1933 से छुआछूत विरोधी आंदोलन की शुरुआत की थी।
  • जबकि गांधी जी ने अखिल भारतीय छुआछूत विरोधी लीग की स्थापना 1932 में की थी।

भारत छोड़ो आंदोलन –

  • अगस्त 1942 में गांधी जी ने ”भारत छोड़ो आंदोलन” की शुरुआत की । 
  • तथा भारत छोड़ कर जाने के लिए अंग्रेजों को मजबूर किया। 
  • एक सामूहिक नागरिक अवज्ञा आंदोलन ”करो या मरो” आरंभ करने का निर्णय लिया।

चंपारण सत्याग्रह –

चंपारण आंदोलन भारत का पहला नागरिक अवज्ञा आंदोलन था जो बिहार के चंपारण जिले में महात्मा गांधी की अगुवाई में 1917 को शुरू हुआ था। इस आंदोलन के माध्यम से गांधी ने लोगों में जन्में विरोध को सत्याग्रह के माध्यम से लागू करने का पहला प्रयास किया जो ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आम जनता के अहिंसक प्रतिरोध पर आधारित था।

Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।