सत्य अहिंसा व वैश्विक शांति के प्रणेता थे महात्मा गांधी: बहन हनीप्रीत इन्सां

Honeypreet Insan

सरसा। आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 153वीं जयंती है। पूरी दुनिया गांधी जी के आदर्शों का पालन करती है। उनका सबसे बड़ा हथियार था अहिंसा। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास कर्म चन्द गांधी था। इनका जन्म 2 अक्तुबर सन 1869 में गुजरात के पोरबन्दर में हुआ। इनके पिता करम चन्द गांधी पंसारी जाति से सम्बन्ध रखते थे व माता पुतली बाई परनामी वैश्य समुदाय से थी। पुतली बाई करमचन्द गांधी की चौथी पत्नी थी क्योंकि इनकी तीन पत्नियों की प्रसव के दौरान मौत हो गई थी। माता-पिता के धार्मिक विचारों का गांधी जी पर बचपन से ही प्रभाव था। मात्र साढ़े तेरह वर्ष की आयु में ही गांधी जी का विवाह 14 वर्षीय कस्तूर बाई मकन जी से हुआ जिनको कस्तुरबा नाम से पहचान मिली और लोग प्यार से उन्हें ‘बा’ कहकर बुलाते थे। गांधी जी के चार पुत्र हुए हरीलाल गांधी, मणीलाल गांधी, रामदास गांधी और देवदास गांधी। वहीं राष्टÑपति, प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी ने बापू को श्रद्धाजंलि दी। वहीं बहन हनीप्रीत इन्सां ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। बहन हनीप्रीत इन्सां ने ट्वीट कर कहा, महात्मा गांधी जी, अहिंसा के प्रणेता और शांति और सद्भाव के पैरोकार, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता की ओर निर्देशित किया, को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि! उनका जीवन और महान सिद्धांत हमारे देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करते रहेंगे!

सोनिया, राहुल ने दी बापू को श्रद्धांजलि

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खडगे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रीमती गांधी ने प्रात: राजघाट जाकर राष्ट्रपिता की समाधि पर पुष्प अर्पित किए और गांधी जी को श्रद्धांजलि दी। राजघाट पर सर्वधर्म सभा में भी शामिल होकर उन्होंने बापू को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। भारत जोड़ो यात्रा की अगुवाई कर रहे राहुल ने ट्वीट कर गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा “बापू ने हमें सत्य और अहिंसा के पथ पर चलना सिखाया। प्रेम, करुणा, सद्भाव और मानवता का अर्थ समझाया। आज गांधी जयंती पर हम प्रण लेते हैं, जिस तरह उन्होंने देश को अन्याय के खिलाफ एकजुट किया था वैसे ही अब हम भी अपना भारत जोड़ेंगे।” खडगे ने भी श्रीमती गांधी के साथ राजघाट पहुंचकर बापू की समाधि स्थल पर पुष्प अर्पित किए।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी।

धनखड़ सुबह महात्मा गांधी की समाधि राजघाट गए और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। बाद में उन्होंने एक ट्वीट में राष्ट्रपिता का स्मरण करते हुए कहा कि आधुनिक भारत की सर्वाधिक प्रभावशाली विभूतियों में से एक, महात्मा गांधी, आज भी आहत मानवता के लिए नैतिकता का प्रमाणिक मानदंड तथा उम्मीद की किरण हैं। अन्याय के विरुद्ध उनके सत्याग्रह, उनके अहिंसक आंदोलन ने विश्वभर में असंख्य लोगों को प्रेरणा दी। मनुष्य की स्वाभाविक अच्छाई पर उनके विश्वास, सत्य पर उनकी जैसी आस्था की आज कहीं अधिक आवश्यकता है। उप राष्ट्रपति ने कहा कि हर पीढ़ी को चाहिए कि वह अपने अनुसार महात्मा गांधी का अध्ययन करे, उन्हें फिर से खोजे। गरीबी हो या जलवायु परिवर्तन या फिर युद्ध, गांधी जी द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों का पालन करने से, विश्व के सामने उपस्थित इन खतरों का सफलतापूर्वक समाधान निकाला जा सकता है। विद्वेष से भरे आज के विश्व में, गांधी जी की यह वाणी कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है, मानवता का मार्गदर्शन करती है। धनखड़ ने कहा, “राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंती पर मैं हूं ही श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।” उन्होंने कहा कि गांधी जयंती के अवसर पर हिंसा, अतिवाद, आतंकवाद तथा हर प्रकार के भेदभाव से मुक्त, एक शांतिपूर्ण विश्व के लिए प्रार्थना की जानी चाहिए।

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