खास शख्सियत। मिलिए इस शख्स से, जिसने गंदगी की जगह पर बना डाला सुंदर पार्क

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कड़ी मेहनत, संघर्ष व आमजन के सहयोग से शहर को मिला साफ वातावरण

  • शहर को सौंप दिया गुलजार पार्क

सच कहूँ/राजमीत इन्सां डबवाली। इस भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां लोग अपने कार्यों में व्यस्त रहते हैं। वहीं कुछ लोगों में समाजसेवा का जज्बा खूब भरा होता है। वो लोग समाज के हर कार्य में अपनी दिलचस्पी दिखाते हैं। इसलिए समाज के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन जाते हैं। शहर के रेलवे रोड रामलीला ग्राउंड में बना पार्क एकमात्र ऐसा पार्क है जो भीषण गर्मी में अब भी हरा-भरा है। यह सब शहर के समाजसेवी की कड़ी मेहनत की बदौलत ही संभव हो पाया है। शहर के लोग सुबह शाम रामलीला ग्राउंड में बने पार्क में घूमने आते हैं। लेकिन पार्क के पीछे के संघर्ष को बहुत कम लोग जानते हैं। जिसके लिए संघर्ष करने वाले समाजसेवी वासदेव मेहता एक ऐसी शख्सियत हैं जो किसी पहचान के मोहताज नहीं है। आज सच कहूँ संवाददाता आज आपको ऐसी ही समाज सेवक से परिचत करा रहा है।

Vasdev Mehta Social Worker

गंदगी के ढेर देख दु:खी होता था दिल

शहर के वार्ड-13 निवासी 62 वर्षीय समाजसेवी वासदेव मेहता ने बातचीत करते हुए बताया कि हर रोज जब भी वह कॉलोनी रोड से होते हुए नई अनाज मंडी की ओर जाते तो देखते की खाली जगह में गंदगी के ढेर लगे होते। गंदगी को देख उनका दिल बेहद दु:खी होता। जिसको देखकर कई बार खाली जगह को साफ करने और एक पार्क का निर्माण को मन करता था। जिसके बाद इसके लिए संघर्ष शुरू किया और आज आलम यह है कि शहरवासी गंदगी के ढेरों की जगह सुंदर पार्क में घूमने आते हैं।

26 जुलाई, 2013 से शुरू किया था पार्क बनाने का अभियान

समाजसेवी वासदेव ने बताया कि खाली जगह देखकर लोग ही गंदगी के ढेर लगा देते थे। उन्होंने कहा कि हर वर्ष रामलीला के कार्यक्रम के लिए उन्हें गंदगी के ढेरों को उठवाने के लिए 25 से 30 हजार रुपए खर्च करने पड़ते थे। जिस कारण उन्होंने एक दिन शहर के कुछ लोगों से मीटिंग की और उन्होंने बीड़ा उठाया और 26 जुलाई, 2013 को रेलवे ग्राउंड में पार्क बनाने का संघर्ष शुरू किया। उन्होंने कहा कि इसके बाद वह रेलवे की डीआरएम मंजू गुप्ता को मिले और उन्हें इस जगह की साफ सफाई कर पार्क बनाने के बारे में चर्चा की। जिसके बाद उन्होंने शहरवासियों के सहयोग से लगभग 7 लाख रुपए खर्च कर गंदगी के ढेरों की जगह एक सुंदर पार्क का निर्माण करवाया। जिसमें शहर की कई संस्थाओं जिसमें वरच्युस क्लब (इंडिया), मां जगदंबा वेल्फेयर क्लब, प्रैस क्लब डबवाली, सिटीजन जागृति मंच के सदस्यों का खास योगदान रहा है।

शहरवासी घूमने आते हैं हर रोज

पार्क में सुबह शाम घूमने के लिए शहरवासी महिलाएं, पुरुष, बुजुर्ग व बच्चे आते हैं। जिसमें लोग सुबह शाम योगा, सैर भी करते हैं। जबकि शाम के समय बच्चे पार्क में पहुंच कर पार्क में लगे झूलों का आनंद उठाते हंै और फुटबाल आदि खेल भी खेलते हैं जबकि पार्क में हर साल रामलीला के साथ अन्य सरकारी कार्यक्रम के आयोजन भी होते रहते हैं। विश्व योग दिवस पर योगा कार्यक्रम का आयोजन भी इसी पार्क में किया जाता है।

हर रोज स्वयं करते हैं पार्क की देखरेख

वासदेव ने बताया कि वह हर रोज सुबह 4 बजे उठते हैं और घूमने के लिए पार्क में जाते हैं और पार्क की साफ-सफाई व देख-रेख का कार्य भी वह स्वयं करते हैं। जिसमें पौधों व घास की कटिंग करना, पानी देना जैसे सभी कार्य खुद करते हैं। उन्हें ये अच्छा लगता है।

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