ओमिक्रोन नए खतरे की आहट

Omicron Variant

कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रोन पूरी दुनिया के लिए चिंता का सबब बन गया है। सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पहचाने गए इस वैरिएंट में कुल 50 म्युटेशन यानी बदलाव हुए हैं। कोरोना वायरस में यह अब तक का सबसे बड़ा म्युटेशन है। यह चिंता की बात है कि वीरवार को भारत के कर्नाटक में भी दो मामले सामने आए। कोरोना के इस नए वेरिएंट ओमीक्रॉन ने तमाम देशों की नींद उड़ा दी है। अब सवाल उठने लगे कि यह कितना संक्रामक है और वैक्सीन लगाने के बावजूद यह कितनी तेजी से फैल सकता है। साथ ही इससे बचाव के लिये क्या कदम उठाये जाने चाहिए। कह सकते हैं कि इस वायरस को लेकर अभी कयास ज्यादा हैं पुख्ता जवाब कम हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी हरकत में आया है और राज्यों को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्ड़ों पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये हैं। जाहिर बात है इसके तीव्र प्रसार वाले बहुरूपिया स्वरूप ने दुनिया की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस समय एमएसपी गारंटी का मामला भी चर्चा में है। फिलहाल तो हम स्वयं को खुशकिस्मत कह सकते हैं कि ओमिक्रोन अभी भारत में नियंत्रण में है और हमारे पास इस बार तैयारी करने का काफी समय है।

अपनी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने के लिए हमें इस अवसर को गंवाना नहीं चाहिए। ऐसी भरी-पूरी आशंका है कि तमाम प्रतिरोध और सावधानी बरतने के बावजूद ओमिक्रोन भारत की सीमा में दाखिल हो सकता है। इस दौरान अगर हमने इससे निपटने की तैयारी कर ली तो हम उसकी आशंकित लहर पर अंकुश लगा सकेंगे, इसके लिए कार्रवाई आवश्यक है। सरकार को तत्काल सभी अस्पतालों का आक्सीजन आडिट कराना चाहिए। हमें ग्रामीण अस्पतालों में भी आॅक्सीजन आपूर्ति की निगरानी के लिए डिजिटल डैशबोर्ड बनाना ही होगा। यूं तो हम पहले ही आॅक्सीजन के व्यापक उत्पादन और आपूर्ति की चेन तैयार कर चुके हैं। इस व्यवस्था को परखा जाए कि अगर मरीजों की संख्या अचानक बढ़ी तो यह तैयारी कितनी कारगर होगी। जब तक इस नये वेरिएंट के बारे में स्वास्थ्य वैज्ञानिकों के पास पर्याप्त जानकारी नहीं है, हमारी सजगता, सावधानी व सतर्कता ही प्राथमिक उपचार है।

चिंता है कि वैज्ञानिकों व सरकारों ने कोरोना संक्रमण के खिलाफ जो प्रतिरोधकता हासिल की है कहीं उस पर नये वेरिएंट से पानी तो नहीं फिर जायेगा? सरकार को विदेश से आने वाले यात्रियों की आवाजाही को पूरी तरह खोलने पर भी भारत को सतर्क रहना होगा। ओमिक्रोन आएगा तो दूसरे देशों से ही आएगा। ऐसे में अगर हम बाहर से आने वालों की सख्त निगरानी करते हैं तो शायद इस वैरिएंट के आने को कुछ समय तक टाल सकते हैं। अगर यह वैरिएंट हमारे देश में आता है तो हमें वैक्सीन की मांग में बढ़ोतरी के लिए तैयार रहना होगा। यह सुनिश्चित करना होगा कि वैक्सीन का पर्याप्त स्टाक समय से कर लिया जाए। ओमिक्रोन को पूरी गंभीरता से लेना होगा। महामारी कम हुई है, लेकिन खत्म नहीं हुई है और भारत को सतर्क रहना चाहिए।

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