गुरु जी राम-नाम से रोजगार कैसे मिलेगा?

Gurmeet Ram Rahim Singh

बरनावा (सच कहूँ न्यूज)।  बरनावा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने मंगलवार को शाह सतनाम जी आश्रम, बरनावा, जिला बागपत (उत्तर प्रदेश) से आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से रूहानी सत्संग फरमाया। इस अवसर पर पूज्य गुरु जी ने जहां भारी तादाद में लोगों की बुराइयां और नशे छुड़वाए। वहीं जिज्ञासुओं के सवालों के जवाब देकर उनकी जिज्ञासा को भी शांत किया।

सवाल : आपजी के द्वारा बहुत अच्छे-अच्छे लाइफ टिप्स दिये जा रहे हैं जी। सिर दर्द, माइग्रेन, हाई बीपी, शुगर, थॉयराइड, एलर्जी जैसी बीमारियों के लिए भी नुस्खे जरूर बताएं जी।

जवाब : सबसे जरूरी है कि आपका कर्म करने का क्षेत्र कौन सा है। अगर आप कस्सी, फावड़ा नहीं चलाते, खेती-बाड़ी आदि जोर का काम नहीं करते, दफ्तर में काम करते हैं या पढ़ते हैं तो उसके लिए जरूरी है कि आप गेहूँ का सेवन कम करें, मोटा अनाज कम करके आप अपनी डाइट में फ्रूट एड करो, अगर कर सकते हो। नहीं तो सलाद ले लो यानी 12 बजे तक आपके वजन के अनुसार फ्रूट ले सकते हैं दो-तीन-चार तरह का, जो भी आपको ठीक लगता है। दो-तीन बार में खा सकते हैं, जैसे सुबह उठकर खाया, फिर बाद में खा लिया। इसके बाद एक-डेढ़ बजे आप खाना लेते हैं, उसमें कोशिश करें 50-50 हिस्सा लें। 50 पर्सेंट सलाद आधा घंटा पहले खाएं और उसके बाद बाकी 50 पर्सेंट खाना खाएं, लेकिन तला हुआ न खाएं तो ज्यादा अच्छा है। उबाल कर खाएं वो भी वैसा ही बन जाता है। लेकिन अगर तल कर भी खाना है तो शाकाहारी भोजन ही लें। और इसी तरह शाम को आप जो चाय आदि लेते हैं, वो ले सकते हो। थोड़ी पत्ती डालें, कम उबालें। चाय का असली सवाद, जायका लेना हो तो कम से कम उबालना चाहिए। आजकल हमने देखा कि हमारे देश में तो ये है कि जितनी उबाल के बनाओ, उतनी स्वाद बनती है। ये आपका भ्रम है, ये उतनी ही एसिडिक हो जाती है, उतना ही तेजाब बनाती है, पेट में आने वाले टाइम में बहुत तरह की बीमारियां पैदा करती है। लेकिन अभी पता नहीं चलता। हमारे ख्याल से चाय का टेस्ट लेना है तो एक उबाला या दो उबाले दें या फिर ब्लैक टी पी सकते हैं। चलो आप जैसी भी चाय लेते हैं, उसके साथ हल्का-फुल्का कुछ खाएं और शाम को फिर रिपीट करें तो बहुत सारी चीजें इससे ही नियंत्रण में आ जाएंगी। अब नहाने की बात करें तो नहाते समय अगर हो सके तो नीम का पानी यानी नीम की टहनी और पत्तों को पानी में डालकर घंटा-डेढ़ घंटा उबलता रहे, जब वो पूरी तरह गहरा हरा हो जाए तो फिर उसको जैसे पानी से आप नहाते हैं उसमें मिलाकर स्नान करें तो वो काफी लाभ देगा। रोजाना ऐसा करने से कई तरह की एलर्जी से भी बचाव करेगा। इसके साथ ही राम के नाम का जाप भी करें। वो ऐसा उपाय है जो बिना पैसा के मिलता है।

सवाल : गुरु जी आजकल विश्वास किस पर करें और कैसे करें, समझ नहीं आता जी, क्योंकि लोग बहुत मतलबी हैं।
पूज्य गुरु जी का जवाब : बेपरवाह जी का एक वचन हमेशा याद रखो कि ‘‘रहणा मस्त ते होणा होशियार चाहिदा’’। यकीन तो करना ही पड़ेगा, क्योंकि काम धंधे के लिए यकीन तो करना पड़ता है। लेकिन मस्ती के साथ होशियारी भी जरूरी है। ये ध्यान रखिएगा।

सवाल : गुरु जी पिछले जन्म का इन्सान को जब कुछ याद ही नहीं तो इस जन्म में उसका फल क्यों भोगना पड़ता है? चाहे वो इस जन्म में अच्छा ही कर्म क्यों ना कर रहा हो।

पूज्य गुरु जी का जवाब : इस जन्म का लेखा-जोखा आपके साथ जुड़ गया है। पिछले जन्मों के संचित कर्म के बारे में धर्मानुसार मिलता है कि काल-महाकाल ने वचन लिए भगवान से जब सृष्टि की रचना हुई तो उसमें ये भी वचन था कि कोई भी उसके कर्मों के दायरे से बाहर ना निकल पाए। अंत में भगवान ने मनुष्य शरीर बनाया था, जब देखा कि आत्माएं तो फंस गई हैं तो फिर वो शरीर बनाकर कहा था कि इसमें ये सारे कर्मों का खात्मा करके मेरे को यानी भगवान को पा सकती हैं, ये भगवान ने बोला। तो कहने का मतलब बाकी शरीरों में कर्म तो कर सकता है, लेकिन शरीर इतने ताकतवर नहीं होते कि उसका फल झेल सकें तो वो संचित यानी जुड़ते चले जाते हैं पाप कर्म और ये शरीर क्योंकि भगवान ने बहुत मजबूत बनाया तो सारे कर्मों का बोझ इस शरीर पर आता है ताकि ये दुनियादारी में ही खोया रहे, राम की तरफ जाए ही ना। पर भगवान ने इतनी शक्ति दे रखी है कि अगर आप भक्ति कर लोगे तो वो संचित कर्म ही नहीं, इस जन्म के कर्म भी कट जाएंगे और भगवान के दर्शन मृत्यु लोक में आप कर सकते हैं।
गुरु जी अगर कोई सच्चे दिल से प्यार करता हो, लेकिन माता-पिता शादी के लिए नहीं मान रहे हों तो क्या करें?

पूज्य गुरु जी का जवाब : जरूरी है माँ-बाप की राय लेना। और अगर सच्चे दिल से रूहानी यानी आत्मिक प्यार है आपका, शारीरिक नहीं है तो आप पूरी कोशिश कीजिए कि परिवारों को सहमत कर लें, सुमिरन कीजिए, भक्ति कीजिए। अगर आप सीमा में हैं, सीमा रेखा नहीं लांघी है, आत्मिक प्यार ही है तो हो सकता है भगवान भी उसमें आपकी मदद करें।

सवाल: गुरु जी राम-नाम से रोजगार कैसे मिलेगा?

पूज्य गुरु जी का जवाब : राम-नाम ही जपते रहने से रोजगार नहीं मिलता। धर्मों में लिखा है कि आप जो भी काम करना चाहते हो या नौकरी करना चाहते हो तो उसमें मेहनत करो। अगर नौकरी नहीं मिल रही तो काम करने के लिए मजदूरी भी बुरी नहीं है। खेती बाड़ी आदि का काम है वो करना चाहिए, कोई भी काम छोटा नहीं होता। हाँ, राम का नाम ये जरूर कर देगा कि आप मेहनत 10 पर्सेंट करते हैं वो 100 पर्सेंट का फल दे सकता है, ये पक्का है। पर कर्म तो करना पड़ेगा। कर्म योगी और ज्ञानयोगी ही सफल होते हैं।

सवाल: प्रैग्नेंसी के दौरान खून की कमी हो जाती है, इसको कैसे बढ़ाया जाए?

पूज्य गुरु जी का जवाब : पालक और पत्ते वाली सब्जियां बहुत अच्छी हैं। इसके लिए टैबलेट भी आती हैं उनको आप लगातार लें। हमारे ख्याल से लोहे की कढ़ाई में अगर पत्तेदार सब्जियां बनें और खासकर साग वाली जैसे पालक है, सरसों का साग है तो उनमें काफी आयरन पाया जाता है। इसके सेवन से हो सकता है ब्लड की कमी दूर हो जाए।

सवाल : गुरु जी कई लोग अंडे को शाकाहारी समझते हैं, उनको कैसे समझाया जाए?

पूज्य गुरु जी का जवाब : ऐसे तो किसी भी चीज को कोई भी शाकाहारी बता सकता है। खरड़ ज्ञान को कौन सा ज्ञान काट सकता है। इसे हमारी भाषा में कहते हैं खरड़ ज्ञान। एक बात आपको सुनाते हैं। एक जमींदार था, इगोइस्ट (अहंकारी) था। वो घोड़े पर छाटी रखकर चने डाल रहा था। एक तरफ एक तसला चने का डालता और दूसरी तरफ एक रेत का डालता था। तो दूर कोई खड़ा देख रहा था। उसने किसान के पास आकर कहा कि ये क्या कर रहा है? किसान कहता कि भार को बराबर कर रहा हूँ। वो आदमी कहने लगा कि इसमें तो बात ही कुछ नहीं, दो मण चने लेकर जाने हैं और चार मण भार ढोएगा। ऐसा कर तू चने का एक तसला इधर डाल और एक उधर वाले हिस्से में डाल, इस तरह दो मण ही भार ढोना पड़ेगा, क्यों घोड़े को बेवजह भार से मार रहा है। तो आगे से वो किसान कहता कि घोड़ा किसका? आदमी कहता तेरा। किसान कहता चने किसके? आदमी कहता तेरे। किसान कहता कि मैं तो रेता डालूंगा, तेरे बाप का क्या जाता है? तो भाई कई ऐसे भी होते हैं जो कहते हैं कि मैं तो अंडे को शाकाहारी मानूंगा। अब मानेगा तो क्या कह सकते हैं। वैसे अंडा शाकाहारी नहीं हो सकता, हमारे ख्याल से तो बिल्कुल भी नहीं।

सवाल : पूज्य गुरु जी, जिनको नाम शब्द का मतलब नहीं पता, वो कैसे जान सकते हैं?

पूज्य गुरु जी का जवाब : इसका एक ही मतलब है कि ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, ख़ुदा, राम सच था, सच है और सच रहेगा। वो निराकार है। संत, पीर-फकीर के रूप में दर्शन देता है। और जहां तक निगाह जाती है और जहां तक निगाह नहीं जाती वो वहां पर भी है। कण-कण, जर्रे-जर्रे में वो रहता है। उसको बाइनेम बुलाने को ही गुरुमंत्र कहा जाता है।

सवाल : गुरु जी हमसे पहले जाने-अनजाने में कोई पाप कर्म हो गया तो कैसे उसके दुष्परिणाम से खुद को बचाएं?
पूज्य गुरु जी : सुमिरन कीजिये और उस पाप के विपरीत पुण्य का कर्म करो। मान लो आपने किसी पर कोई जुल्म कर दिया, किसी का बुरा कर दिया, तो हो सके तो उससे सॉरी फील करो, उसका भला कर दो। उसका भला नहीं कर पाते तो किसी और दीन-दुखिया का भला कर दो तो मालिक हो सकता है आपको माफ भी कर देंगे और खुशी भी बख्श देंगे।
सवाल : गुरु जी बच्चे बात बहुत कम मानते हैं क्या करें?

पूज्य गुरु जी का जवाब : शुरुआत से ही आपने बच्चे की हर जिद पूरी की होगी। बच्चों की जब वो छोटा है तब से ही सिर्फ जायज जिद मानो, नाजायज नहीं। बड़े होकर बच्चे कभी गलत काम नहीं करेंगे। कई बार देखने में आया लोग बच्चे को खुशी-खुशी कहते हैं कि गाली देकर दिखा, मारकर दिखा। बताइए दिखाने को क्या ये फिल्म बन रही है? आप ही तो बिगाड़ते हैं अपने बच्चों को। इसलिए बच्चे की शुरूआत ही सही होनी चाहिए। अब ये कौन सा तरीका है कि अंकल आए हैं देकर दिखा गाली या कुछ और गलत। बच्चे से बड़ी अजीबो-गरीब हरकतें करवाते हैं तो बड़ा होकर वो अच्छी हरकतें कैसे करेगा? तो जायज मांग बच्चे की बचपन में शुरू से ही माननी चाहिए। जब वो लुढ़कने लगता है या चलने लगता है तो उस वक्त ही उसे पता लगना चाहिए कि उसकी सही बात मानी जाएगी और गलत बात नहीं मानी जाएगी। हम गारंटी देते हैं कि वो बड़ा होकर गलत नहीं बनेगा। सोहब्बत, संग को जरूर देखते रहो, गलत सोहब्बत ना हो।

सवाल : गुरु जी डिलीवरी के बाद फेस पर डार्क धब्बे हो जाते हैं, बहुत सी महिलाएं इससे परेशान हैं, कोई परमानेंट हल बताएं?

पूज्य गुरु जी का जवाब : शुद्ध एलोवेरा जैल, जिसमें कैमिकल कम हो और कोल्ड प्रोसेस वाली हो। उस जैल का चेहरे पर दिन में तीन बार लेप लगाएं। जैल 10-20 मिनट में सूख जाए और फिर तीन-चार घंटे चेहरे पर लगी रहने दें और फिर धो दें। इसके बाद चेहरे को एक घंटा खाली छोड़ दें। एक घंटे बाद फिर पोर ओपन हो जाते हैं और फिर चेहरे को धोकर जैल लगा लें। चार-पाँच घंटे जैल लगा रहने दें और फिर धो दें। इसके पश्चात एक घंटे तक चेहरे पर कुछ ना लगाएं। फिर चेहरे को धो लो, क्योंकि धोते ही पोर ओपन हो जाते हैं। एलोवेरा जैल लगाओ दिन में तीन बार। सुमिरन करते रहो। भगवान ने चाहा तो फायदा होगा।

सवाल : गुरु जी नाम लेने के बाद 99.9 पर्सेंट लोग तो तुरंत नशा छोड़ देते हैं और अगर कोई 1 पर्सेंट फिर भी ना छोड़े तो कैसे छुड़वाएं?
पूज्य गुरु जी : आप कोई भी लॉन्ग इलायची अपने पास रख लीजिए और राम का नाम जपकर नशा करने वाले को दीजिए और उससे कहिये कि जब भी तलब लगे बीड़ी या जर्दे की जगह इलायची को चबाकर थोड़ी देर मुंह में रख लो। ऐसा करने से सारे मसूड़ों में भी फायदा होगा और लत भी चली जाएगी और हाज़मा भी दुरुस्त हो जाएगा।

सवाल : गुरु जी सुबह जल्दी उठने का कोई तरीका बताएं?

पूज्य गुरु जी का जवाब : आप रात को थोड़ा जल्दी सोने की कोशिश कीजिये और टाइमपीस पर ध्यान दीजिये। मान लीजिए आप 10 बजे या 11 बजे सो रहे हैं और आप 4 बजे उठना चाहते हैं। इसके लिए आप टाइमपीस में 10 की सुई देखें और फिर 4 की, और ये सोचें कि ये जब वहां पहुंचेगी तो मैंने जागना ही जागना है और इमेज दिमाग में बैठा लीजिये तीन-चार बार उसको देख-देखकर और सोच-सोचकर, आप जरूर जाग पाएंगे।

सवाल: गुरु जी काम वासना की भावना पर काबू कैसे पाएं?

पूज्य गुरु जी का जवाब : सुमिरन कीजिये, संयम बहुत जरूरी है। पति-पत्नी का रिश्ता जायज है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन हद से ज्यादा कोई भी चीज अच्छी नहीं होती। हद से ज्यादा ना धूप अच्छी है, हद से ज्यादा ना बरसात अच्छी है। तो जिंदगी में संयम अपनाना जरूरी है और वो सुमिरन के द्वारा ही संभव है।

गांव में ना घुसने दें नशे रूपी दैत्य को

इससे पहले पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने ऑनलाइन गुरुकुल के माध्यम से जुड़ी देश-विदेश की साध-संगत को नशा छुड़वाने की मुहिम में शामिल होने और मानवता भलाई कार्यो में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। शाह सतनाम जी आश्रम, बरनावा उत्तर प्रदेश से ऑनलाइन गुरुकुल के माध्यम से पूज्य गुरु जी ने हरियाणा के कैथल स्थित शाह सतनाम जी राम ए खुशबू आश्रम कैथल, राजस्थान के घड़साना नामचर्चा घर व हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर बाला सुंदरी पैलेस कालाअंब सहित अन्य स्थानों पर हजारों लोगों की सामाजिक बुराइयां छुड़ाते हुए उन्हें गुरु मंत्र प्रदान किया।

इस अवसर पर ऑनलाइन जुड़ी साध-संगत व गणमान्यजनों को संबोधित करते हुए पूज्य गुरु जी ने कहा कि सभी अपने-अपने एरिया में नशे रूपी दैत्य को गांव में घुसने ना दें। इसके लिए अगर गांव में ठीकरी पहरा लगाने की भी जरूरत पड़े तो गणमान्यजन आगे आए। पूज्य गुरु जी ने कहा कि पुराने समय में जब एरिया में कोई गिरोह आ जाता था, तो उसे रोकने के लिए गांव में नौजवान ठीकरी पहरा लगाते थे। ताकि कोई शरारती आंसर गांव में ना घुस पाए। उसी प्रकार अब भी युवाओं को नशे से बचाने के लिए गांव में ठीकरी पहरा शुरू करना चाहिए। ताकि नशा गांव में घुसने ना पाए, इसमें गांव व एरिया के गणमान्य लोग सहयोग करें।

पूज्य गुरु जी ने कहा कि हमारा एक ही उद्देश्य है कि सभी ओम,हरि, अल्लाह, वाहेगुरु के नाम से जुड़े। वहीं पूज्य गुरु जी ने नशा छुड़ाने की मुहिम में जुटी साध-संगत का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि साध-संगत जो नशा छुड़ाने के लिए समाज में जाकर लोगों को प्रेरित कर रही है औैर घर-घर जाकर नशे के खिलाफ अलख जगा रही है, यह भी एक बहुत बड़ी बात है। जितने भी सेवादार इसमें लगे है उन्होंने दिन-रात एक की हुई है। भगवान आपके घरों में बरकतों के ढेर लगा दे, हम भगवान से यही प्रार्थना करते है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि जितने नशे छुड़ाएंगे और जितनी भी बुराइयां समाज से हटाएंगे, उतना ही भगवान आपकी झोलियां खुशियों से भरेंगे। पूज्य गुरु जी ने कहा कि सभी को मालिक के नाम से जोड़ना है। हमारा काम राम-नाम के बारे में बताना है और जो उसको सुनकर ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब से जुड़ जाते है, वो भाग्यशाली बन जाते है और आने वाले समय में उनके भाग्य बदल जाते है। यह हमने करोड़ों लोगों में देखा है।

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