हरियाणा में महज 30 फीसदी घोषणाओं पर अमल, ऐसे कैसे खिलेगा कमल

Only 26 percent announcements in Karnal

-गुरुग्राम की 187 घोषणाओं में से मात्र 44 ही क्रियान्वित

-सीएम मनोहर लाल के हल्का करनाल में मात्र 26 फीसदी घोषणायें पूरी

-सबसे अधिक 42 फीसदी घोषणायें पूरी होने वाले जिला भिवानी

गुरुग्राम सच कहूँ/संजय मेहरा। वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में विकास का तो खूब ढोल पीटा गया, लेकिन विकास उतना हुआ नहीं। मतलब साफ है कि जिस तरह से ताबड़तोड़ मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के सभी जिलों में शिलान्यास के पत्थर रखे, वे उनके कार्यकाल के 50 महीने बीत जाने के बाद भी उद्घाटन तक नहीं पहुंचे हैं। प्रदेश में सीएम की मात्र 30 फीसदी घोषणायें ही पूरी हो पाई हैं।

-सबसे कम पलवल जिला में 12 फीसदी घोषणायें हुई पूरी

सबसे अधिक काम भिवानी में तो सबसे कम काम पलवल जिला में हुए हैं। आपको बता दें कि 2 नवम्बर 2014 से 30 नवम्बर 2018 के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पूरे हरियाणा में कुल 7306 घोषणाएं की जिनमें मात्र 2113 घोषणाएं (29.82 प्रतिशत) ही कियान्वित हो पाई है। 219 घोषणाओं के बारे में यह कह दिया गया है कि इन्हें क्रियान्वित करना सम्भव नहीं है और 11 घोषणाओं को स्थगित कर दिया है। जबकि 2926 घोषणाएं लम्बित है। और 2037 घोषणाओं पर काम चल रहा है। यह सब खुलासा मानव आवाज संस्था के संयोजक एडवोकेट अभय जैन द्वारा सूचना का अधिकार के तहत हासिल की गई जानकारी में हुआ है।

गुरुग्राम में 187 में से मात्र 144 घोषणाओं पर काम

प्रदेश को राजस्व का सबसे अधिक हिस्सा देने वाले और हरियाणा के ताज कहलाने वाले गुरुग्राम जिले में 187 में से मात्र 44 घोषणाएं (24.72 प्रतिशत) ही क्रियान्वित हो पाई। मुख्यमंत्री के अपने निर्वाचन क्षेत्र करनाल में भी आंकड़ा चिंताजनक है। वहां 484 घोषणाओं में से केवल 123 (26 प्रतिशत) ही पूरा की जा सकी है। विकास सम्बन्धित घोषणाओं को पूरा न करने के मामले में पलवल जिला सबसे फिसड्डी रहा। वहां 243 में से केवल 29 (12.18 प्रतिशत) घोषणाएं ही पूरी की जा सकी। सबसे अधिक घोषणाओं को पूरा करने में भिवानी जिले ने बाजी मारी जहां 606 घोषणाओं में से 245 (42.31 प्रतिशत) घोषणाएं क्रियान्वित की गई।

वर्ष अनुसार इस तरह से हुए काम

अगर वर्ष के अनुसार बात करे तो पिछले साढ़े 4 वर्षों में (जबसे भाजपा सरकार हरियाणा में काबिज) है वर्ष 2018 सबसे खराब रहा, जिसमें नवम्बर तक की गई 2649 घोषणाओं में से मात्र 69 (2.62 प्रतिशत) घोषणाएं ही पूरी हो पाई। वर्ष 2017 में 1052 घोषणाओं में से महज 245 (24.16 प्रतिशत), वर्ष 2016 में 2445 में से 1105 (47.36 प्रतिशत), वर्ष 2015 में 1057 में से 642 (63.31 प्रतिशत) तथा वर्ष 2014 में 103 में से 52 (54.17 प्रतिशत) घोषणाएं पूरी हो पाई।

 

 

 

Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें