रोडवेज कर्मचारियों ने बस स्टेंड किया बंद

आउटसोर्स भर्ती का विरोध, बोले-चोर दरवाजे से अनट्रेंड स्टाफ भरा जा रहा

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब में रोडवेज-पनबस कॉन्ट्रैक्ट यूनियन ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सरकारी बसों के चक्का जाम के साथ ही रोडवेज-पनबस के चालकों-परिचालकों ने बस अड्डे पर धरना भी लगा दिया है। कर्मचारियों ने दो घंटे के लिए बस अड्डे को बंद कर दिया है। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार अपने वादे से भी मुकर रही है और आउटसोर्स से अनट्रेंड स्टाफ को भर्ती करके आमजन की जिंदगी से खिलवाड़ भी कर रही है।

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परिवहन विभाग ने 28 चालकों को आउटसोर्स के माध्यम से पत्र देकर राज्य के विभिन्न डिपुओं में भेजा था, लेकिन कर्मचारी संगठनों ने इसका विरोध शुरु कर दिया। कर्मचारियों ने प्रबंधकों के दफ्तर के आगे प्रदर्शन किया और चक्का जाम की धमकी दी तो महकमे के उच्चाधिकारियों ने तुरंत प्रभाव से आदेश दिया कि जिन 28 चालकों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से जॉइनिंग लेटर दिए गए हैं उन्हें फिलहाल नियुक्ति न दी जाए। बावजूद इसके रोपड़ और नंगल दो डिपुओं में चालकों को नियुक्ति दे दी गई। इसके विरोध में कर्मचारियों ने चक्का जाम कर दिया है। हालांकि पहले रोडवेज के कर्मचारियों ने जब नियुक्त ना करने के आदेश आए तो अपनी चक्का जाम की काल वापस ले ली थी, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि उनके साथ धोखाधड़ी हो रही है तो देर शाम को चक्का जाम का फैसला हो गया।

पंजाब रोडवेज-पनबस ठेका मुलाजिम यूनियन के नेताओं ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि वह आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती करनी बंद करें। प्रधान चानण सिंह ने कहा कि आउटसोर्स पर रखे जा रहे कर्मचारियों के पास ना तो कोई तजुर्बा है और ना प्रशिक्षण। बसों में लोगों के जान-माल की जिम्मेदारी चालक परिचालक की होती है। चोर दरवाजे से भर्ती करके सबकी जान को खतरे में डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन चालकों को भर्ती किया जा रहा है ना तो इनका कोई टेस्ट लिया गया और ना ही इन्हें प्रशिक्षित किया गया और सीधे बस में चढ़ाने के फरमान जारी कर दिए।

रोडवेज-पनबस कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के चक्का जाम धरना प्रदर्शनों को देखते हुए सरकार हरकत में आ गई है। कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने बताया कि सरकार ने उन्हें मांगों पर विचार के लिए शाम को चार बजे का टाइम दे दिया है। मुलाजिमों की मांगें पूरी न होने के चलते यह एक्शन लिया गया है। ट्रांसपोर्ट मंत्री और सेक्रेटरी के साथ होने वाली इस मीटिंग में यदि कोई हल ना निकला तो कल से संघर्ष तेज किया जाएगा।

प्रधान चानण सिंह ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वादा किया था कि राज्य में ठेका प्रथा और आउटसोर्सिंग व्यवस्था को बंद किया जाएगा। परिवहन विभाग के साथ-साथ सभी विभागों में अब सीधी और पक्की भर्ती होगी, लेकिन पंजाब सरकार अब अपने वादे से मुकर रही है। सरकार चोर दरवाजे से आउटसोर्स से भर्तियां कर रही है। इन्हें कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार जिन कर्मचारियों को आउटसोर्स से रख रही है उन्हें 9100 रुपए तनख्वाह दे रही है। महंगाई के इस युग में इतने कम पैसों में वह अपने घर का गुजारा कैसे करेंगे। सरकार से हमारी यह मांग है एक तो इनको पक्के तौर पर भर्ती किया जाए और साथ में इनकी तनख्वाह भी बढ़ाई जाए। ताकि यह अपने घरों का गुजारा कर सकें।

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