नायब तहसीलदार की शब्दावली पर भड़के लोग, नारेबाजी

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शब्दावली को लेकर नायब तहसीलदार के साथ उलझते लोग

पीला पंजा लेकर पहुंचा प्रशासन, कब्जाधारी बोले : बड़े लोगों ने सरेआम कब्जे कर इमारतें बना रखी हैं, पहले उन्हें तोड़ो | Sirsa News

  • लोग चढ़े छत पर, बोले : समान रूप से करो कार्रवाई

ओढां (सच कहूँ/राजू)। गांव ओढां (Odhan) में करीब 7 एकड़ सरकारी भूमि पर कुछ लोगों द्वारा कूड़ा-कर्कट डालकर अवैध रूप से कब्जा किए जाने के मामले में बुधवार को कब्जा कार्रवाई की गई। इस दौरान शिक्षा विभाग के बीईओ विनोद श्योराण को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था। कब्जाधारियों द्वारा विरोध करने की चेतावनी के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। लोगों ने स्पष्ट कहा कि अगर प्रशासन को कब्जा कार्रवाई करनी है तो समान रूप से हटाए। Sirsa News

प्रशासन की ओर से जब जेसीबी बुलाई गई तो काफी संख्या में महिलाओं व अन्य लोग छत पर चढ़ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। इस कार्रवाई के दौरान नायब तहसीलदार अजय मलिक की शब्दावली के कारण लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी जिसके बाद नायब तहसीलदार ने माहौल को देखते हुए अपनी गलती स्वीकार की। वर्ष 2002 में तत्कालीन पंचायत ने गांव ओढां में कालांवाली रोड पर जेबीटी की इमारत बनाने के लिए 9 एकड़ भूमि शिक्षा विभाग के नाम की थी।

लेकिन विभाग ने इस पर जब कोई इमारत नहीं बनाई तो वर्ष 2021 में इसकी मलकियत सरकार के नाम हो गई, जबकि इसकी गिरदावरी अभी भी शिक्षा विभाग के नाम दर्ज है। खाली पड़ी करीब 7 एकड़ भूमि पर गांव के कुछ लोगों ने कूड़ा-कर्कट डालकर अवैध रूप से कब्जा कर लिया। पंचायत की शिकायत के बाद बुधवार को कब्जा कार्रवाई निश्चित की गई थी। प्रशासन को आशंका थी कि इस कार्रवाई के दौरान विवाद हो सकता है। जिसके चलते अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था। Sirsa News

हमने सरकारी जमीन पर पक्के मकान नहीं बनाए, बल्कि सिर्फ कूड़ा-कर्कट डाला है। प्रशासन व पंचायत उन लोगों के कब्जे क्यों नहीं छुड़वाता जो सरेआम क ब्जे कर इमारतें बना रहे हैं। पंचायत खुद कब्जे करवा रही है। हमारे लिए कूड़ा-कर्कट डालने के लिए पंचायत जगह दे दे और जिन लोगों ने अवैध निर्माण कर रखें हैं, पहले उन्हें तोड़ा जाए।
                                                            – करनैल सिंह ओढां, राष्ट्रीय प्रभारी (जनता अधिकार मोर्चा)।

प्रशासन के आदेश पर करीब 9 एकड़ भूमि पर कब्जा कार्रवाई की गई थी। जिसमें कुछ जगहों पर मकान बने हुए थे और कुछ जगह खाली थी। प्रथम तौर पर कुछ निर्माण तोड़े गए हैं। कब्जाधारियों को एक सप्ताह का नोटिस देकर जगह खाली करवाई जाएगी। जिसके बाद निर्माण पूरी तरह से तोड़ दिया जाएगा।
                                                                              – विनोद श्योराण, ड्यूटी मजिस्ट्रेट (बीईओ)।

नायब तहसीलदार की शब्दावली पर भड़के लोग | Sirsa News

कब्जाधारी पक्ष के लोगों व अधिकारियों के बीच काफी समय तक बातचीत चली। इस दौरान नायब तहसीलदार अजय मलिक ने जनता अधिकार मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष एवं जिला परिषद के चुनाव के प्रत्याशी रहे जसविंदर सिंह बब्बू से कहा कि उसने वोट बेचे हैं। जिसके बाद लोग भड़क गए और नायब तहसीलदार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। करनैल सिंह ने कहा कि नायब तहसीलदार कार्रवाई की बजाय राजनीतिक भाषा बोल रहे हैं। वे उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएंगे। जिसके बाद नायब तहसीलदार व लोगों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए। वहीं माहौल को देखते हुए नायब तहसीलदार ने अपनी गलती स्वीकार की।

2 घंटे पहले ही धरना लगाकर बैठ गए लोग

कब्जाधारी पक्ष के काफी लोग जनता अधिकार मोर्चा के राष्ट्रीय प्रभारी करनैल सिंह ओढां, प्रदेशाध्यक्ष जसविंदर सिंह बब्बू व महासचिव सुरेन्द्र टोनी के नेतृत्व में कब्जा कार्रवाई से 2 घंटे पहले ही कब्जास्थल के निकट धरना लगा बैठ गए। उन्होंने कहा कि बड़े लोग सरेआम सरकारी भूमि पर कब्जे कर मकान बना रहे हैं। प्रशासन उन्हें कुछ नहीं कहता। लेकिन गरीब तबके के लोगों ने सरकारी भूमि पर कूड़ा-कर्कट क्या डाल दिया कि प्रशासन कब्जे का नाम लेकर पीला पंजा व पुलिस फोर्स लेकर पहुंच गया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर कब्जा कार्रवाई करनी है तो समान रूप से करो।

पीला पंजा चलने लगा तो महिलाएं चढ़ गईं छत पर

कब्जा कार्रवाई के तहत ड्यूटी मजिस्ट्रेट बीईओ विनोद श्योराण व नायब तहसीलदार अजय मलिक पुलिस फोर्स व पीला पंजा लेकर मौके पर पहुंच गए। प्रशासन ने जब वहां पर बनी एक बड़ी दुकान की तरफ जेसीबी चलानी चाही कुछ महिलाएं व अन्य लोग छत पर चढ़ गए तो कुछ दुकान के अंदर घुस गए और बोले कि पहले समान रूप से कब्जे हटाओ अन्यथा वे नहीं हटेंगे। जब शुरू से मकान तोड़े जाएंगे तब वे भी वहां से हट जाएंगे। Sirsa News

काफी देर तक चले बातचीत के दौरान उपरांत प्रशासन ने दुकान से पूर्व बने निर्माण पर जेसीबी चलाई। जिसके बाद प्रशासन ने सर्वप्रथम सरकारी भूमि पर बने एक धार्मिक स्थल के सेवक के घर की चारदीवारी, गौवंश के लिए बनाई गई जगह की चारदीवारी व ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन का शैड तोड़ने के बाद बड़ी दुकान का ऊपरी हिस्सा तोड़ डाला।

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