भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड से पंजाब का प्रतिनिधित्व खत्म करने के विरोध में रोष प्रदर्शन

लुधियाना (एजेंसी)। मजदूर-नौजवान संगठनों ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से भाखड़ा-ब्‍यास प्रबंधन बोर्ड से पंजाब का प्रतिनिधित्‍व खत्म करने के विरोध में मंगलवार को रोष प्रदर्शन किया गया। रोष प्रदर्शन को टेक्सटाइल-हौजरी कामगार यूनियन के अध्यक्ष राजविंदर, पेंडू मजदूर यूनियन (मशाल) के अध्यक्ष सुखदेव भूँदड़ी, नौजवान भारत सभा की राज्य कमेटी की मेंबर बिन्नी, कारखाना मजदूर यूनियन के अध्यक्ष लखविंदर, लोक एकता संगठन के अध्यक्ष गल्लर चौहान ने संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब और अन्‍य राज्‍यों के हकों का, उन्‍हें मिली सीमित खुदमुख्तियारी का लगातार हनन किया जा रहा है और इसी कड़ी में 23 फरवरी को केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर भाखड़ा-ब्‍यास प्रबंधन बोर्डझ्रबी.बी.एम.बी. से पंजाब के स्‍थायी प्रतिनिधित्‍व को खत्म कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र का यह फैसला भी पंजाब के हकों पर बड़ा हमला है।

उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब पहले से ही देश की सरकारों की केंद्रवादी धौंस का शिकार होता आया है, जिसके कुछ उदाहरण हैं, पानी का हक खोना, राजधानी चंडीगढ़ का खोना, पंजाबी बोलने वाले इलाकों को उससे तोड़कर और पंजाबी भाषा को उसके अपने ही प्रदेश में बेगाना बनाकर उस पर हिंदी-अंग्रेजी थोपना आदि। संगठनों ने कहा कि दरियाई पानी के मसले को हल करने के लिए दुनिया-भर में सर्व प्रमाणित और जनवादी रिपेरियन कानून के मुताबिक इस पानी पर पंजाब का ही हक बनता है। इसलिए इसके दरियाओं, डैमों आदि के प्रबंधन का हक भी पंजाब का है और इसलिए मजदूर-नौजवान संगठनों की मांग है कि भाखड़ा-ब्‍यास प्रबंधन बोर्ड का पूरा नियंत्रण पंजाब को सौंपा जाए।

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