पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने मांगी थी एक करोड़ 16 लाख की रिश्वत, ओएसडी करता था फोन

Bribe Case

भ्रष्टाचारियों पर सीएम भगवंत मान की पैनी नजर, खुद के मंत्री को भी दिखाया आईना

  • अधिकारी राजिन्द्र सिंह ने दर्ज करवाया था केस
  • पंजाब भवन के कमरा नंबर 203 को बनाया था रिश्वत लेने का अड्डा
  • डॉ. विजय सिंगला को 27 मई तक रिमांड पर भेजा

चंडीगढ़(सच कहूँ/अश्वनी चावला)। पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे विजय सिंगला ने अपने ही विभाग के एसई राजिन्द्र सिंह से एक करोड़ 16 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। रिश्वत के इस मामले का पूरा भंडाफोड़ करने के लिए सीएम भगवंत मान ने खुद गुप्त तरीके से कमान संभाली और अधिकारी से ही इसका स्कैम करवाया। रिश्वत लेने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने पंजाब भवन के कमरा नंबर 203 में राजिन्द्र सिंह को ओएसपी प्रदीप कुमार के साथ बातचीत करने के लिए कहा था। स्वास्थ्य मंत्री के इशारे पर ही ओएसडी प्रदीप कुमार ने एक करोड़ 16 लाख रुपए की शुरूआती रिश्वत मांगी थी, जबकि भविष्य में होने वाले हर तरह के काम पर एक प्रतिशत कमीशन देने की मांग की थी। मोहाली थाने में दर्ज करवाई गई एफआईआर में राजिन्द्र सिंह ने बताया कि वह पंजाब हैल्थ व्यवस्था निगम फेज -8 में बतौर निगरान इंजीनियर तैनात हैं।

एक महीने पहले स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला ने पंजाब भवन के कमरा नंबर 203 में बुलाया तो जब मैं वहां पहुंचा तो खुद मंत्री विजय सिंगला और ओएसडी प्रदीप कुमार मौजूद थे। मंत्री विजय सिंगला ने उन्हें कहा कि प्रदीप कुमार जो भी बातचीत करेगा, वह समझ लेना कि वह कर रहे हैं, उनको कहीं जाने की जल्दी है। इसलिए प्रदीप कुमार ही उनके साथ डील करेंगे। प्रदीप कुमार ने मुझे कहा कि आपकी तरफ 41 करोड़ रुपए का विकास कार्य अलॉट हुआ है और मार्च में ठेकेदारों को 17 करोड़ रुपए की अदायगी की गई है, जिस कारण कुल 58 करोड़ रुपए की 2 प्रतिशत से कमीशन 1 करोड़ 16 लाख रुपए दी जाये। इस पर एसई राजिन्दर सिंह ने कहा कि वह रिश्वत नहीं दे सकते हैं, इसलिए उनको अपने विभाग में काम करवाने के लिए वापिस भेज दिया जाये, क्योंकि वह तो डैपूटेशन पर यहां आए हुए हैं। जिसके बाद प्रदीप कुमार का 8 मई, 10 मई, 12 मई, 13 मई और 23 मई को फोन आया और बार-बार बुलाकर रिश्वत के पैसे माँगे गए।

उनकी तरफ से इन्कार करने पर उनको धमकी दी गई कि यदि रिश्वत के पैसे नहीं दिए तो उनका पूरा सरकारी कैरियर खराब कर दिया जाएगा, जिस पर उन्होंने विनती की कि उनकी 30 नवंबर को रिटायरमेंट है और उनका कैरियर खराब न किया जाये और उनको वापिस विभाग में भेज दिया जाये। इसके साथ ही, जो आपको रिश्वत दे सके, उस अधिकारी को आप डैपूटेशन पर ले आओ। फिर उन्होंने कहा कि आप 20 मई को 10 लाख रुपए लेकर आना और भविष्य में अलॉट होने वाले हर काम पर 1 प्रतिशत कमीशन देना पडेÞगा। राजिन्द्र सिंह ने बताया कि उन्होंने 10 लाख रूपये और 1 प्रतिशत कमीशन देने से भी इन्कार कर दिया। राजिन्दर सिंह की शिकायत पर विजय सिंगला और ओएसडी प्रदीप कुमार पर भ्रष्टाचार की धारा 7 और 8 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।

भगवंत मान की कार्रवाई सराहनीय: अनिज विज

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा अपने ही स्वास्थ्य मंत्री पर कमीशन मांगने के आरोप सिद्ध होने पर बर्खास्त किए जाने के सााथ साथ गिरफ्तार करवाने पर हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने प्रतिक्रिया दी। अनिल विज ने कहा कि बेईमानी को खत्म करने के लिए अगर ईमानदारी से काम किया है तो यह सराहनीय कदम है। उन्?होंने कहा कि ईमानदार से काम किया है तो यह सराहनीय कदम है।

भगवंत मान ने खुद करवाया स्टिंग आॅपरेशन

अधिकारी राजिन्द्र सिंह ने मुख्य मंत्री भगवंत मान को 10 दिन पहले मिल कर पूरे मामले की जानकारी दे दी थी, इस पर भगवंत मान इस मामले में ठोस सबूत चाहते थे, जिस कारण उनकी तरफ से स्टिंग आॅपरेशन करवाने का फैसला लिया गया। भगवंत मान की तरफ से राजिन्दर सिंह को कहा गया कि वह रिश्वत लेने वाली सारी बातचीत फोन में रिकॉर्डिंग कर लें और वह रिकॉर्डिंग उन तक पहुंचाएं। जिसके बाद अधिकारी राजिन्दर सिंह ने रिश्वत लेने की सारी बातचीत फोन के द्वारा करते हुए सारी रिकॉर्डिंग कर ली और यह सुबूत मुख्यमंत्री तक पहुंचा दिए।

स्वास्थ्य मंत्री को बुलाकर सीएम ने सुनाई रिकॉर्डिंग

मुख्यमंत्री भगवंत मान के पास रिकॉर्डिंग रिकॉर्डिंग आने के बाद भगवंत मान ने इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को बुलाया गया और उन्होंने रिश्वत लेने की रिकॉर्डिंग स्वास्थ्य मंत्री को सुनाई, जिसके बाद विजय सिंगला ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी गलती मानते हुए स्वीकार कर लिया कि उन्होंने रिश्वत मांगी थी।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।