Rajasthan: आदिवासी वोटर्स को साधने के लिए राहुल गांधी करेंगे यात्रा

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राहुल गांधी

9 अगस्त को बांसवाड़ा के मानगढ धाम में जनसभा

जयपुर (सच कहूं न्यूज/गुरजंट सिंह धालीवाल)। Rajasthan: पांच राज्यों में चुनावी माहौल को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने इन प्रदेशों में सत्ता हासिल करने के लिए अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। पार्टी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से मिली सफलता के बाद अब चुनावी राज्यों के हिसाब से भारत जोड़ो यात्रा का पार्ट-2 शुरू करने की तैयारी में है। खास बात यह है कि इस बार भी यात्रा राजस्थान से होकर निकलेगी। राजस्थान में सत्ता रिपीट करने के इरादे से कांग्रेस पार्टी वोटर्स को अशोक गहलोत के नेतृत्व में हर सरकारी सुविधा उपलब्ध करवाने की कोशिश कर रही है। प्रत्येक वोटर्स को उनकी जरूरत के मुताबिक सुविधा का लाभ मिले इसके लिए राज्य सरकार अपनी योजनाओं को धरातल पर उतार रही है, वहीं संगठन स्तर पर राजस्थान में इतिहास रचने की पूरी तैयारियां है।

10 लोकसभा व 60 विधानसभा क्षेत्र करेंगे कवर

चुनावी माहौल को देखते हुए राहुल गांधी आदिवासी वोटर्स को साधने का प्रयास करेंगे। उनका यह दौरा राजस्थान की 10 लोकसभा और 60 के करीब विधानसभा क्षेत्रों पर फोकस करते हुए फाइनल किया जा रहा है। यह यात्रा 15 अगस्त या 2 अक्टूबर से शुरू होने की संभावना है। पूरी यात्रा का रूट करीब 3,400 से 3,600 किलोमीटर लंबा होगा। राजस्थान में यह कम से कम तीन से चार जिलों के करीब 300 किलोमीटर का एरिया कवर करेगी। माना जा रहा है कि यात्रा के फाइनल रूट पर जल्द ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के स्तर पर पूरा ब्यौरा जारी किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक यात्रा पोरबंदर (गुजरात) से शुरू होकर दक्षिण राजस्थान के सिरोही, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, झालावाड़, बारां से होकर गुजरेगी। एक संभावना यह भी है कि अहमदाबाद के बाद यात्रा उदयपुर, चित्तौड़गढ़, कोटा, झालावाड़ होते हुए मध्यप्रदेश में प्रवेश करेगी।

आदिवासी वोटर्स पर अधिक फोकस

माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने अपनी पिछली यात्रा में आदिवासियों और पिछड़ों की समस्याओं और राजनीतिक आकांक्षाओं पर बहुत बात की थी। वे अक्सर कहते थे कि आदिवासियों को भाजपा वनवासी (वन में रहने वाले) कहती है, जबकि वे उस स्थान के मूल निवासी (आदिकाल से रहने वाले) होते हैं। ऐसे में राहुल गांधी राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाकों- सिरोही, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, बारां आदि को छूना चाहते हैं, ताकि वे राजस्थान की राजनीति पर अपनी बात भी कह सकें और आदिवासियों के प्रति अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता भी दोहरा सकें। इसके लिए राहुल गांधी विश्व आदिवासी दिवस (9 अगस्त) को बांसवाड़ा जिले के विश्व प्रसिद्ध मानगढ़ धाम पर जनसभा करेंगे। इस दौरान वे राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित जनसभा को सम्बोधित करेंगे तथा आदिवासियों के बीच विश्व आदिवासी दिवस मनायेंगे। Rajasthan

आदिवासी जिलों की 60 सीटों पर फोकस

राजस्थान में उदयपुर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, अलवर, टोंक-सवाईमाधोपुर, बांसवाड़ा-डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़, कोटा-बूंदी, धौलपुर-करौली, जालोर-सिरोही जैसे 10 लोकसभा क्षेत्रों में आदिवासी पहले, दूसरे या तीसरे नंबर के सबसे बड़े मतदाता हैं। ऐसे ही करीब 60 विधानसभा सीटों पर भी आदिवासी प्रभावशाली हैं। ऐसे में राहुल गांधी इन सीटों को आदिवासी दिवस की जनसभा व भारत जोड़ो यात्रा के जरिए सीधे प्रभावित कर सकते हैं। राजस्थान में कांग्रेस 2014 और 2019 में इन सीटों सहित सभी 25 लोकसभा सीटें हार चुकी हैं। ऐसा राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में पहली बार हुआ था। अब राहुल गांधी चाहते हैं कि राजस्थान में विधानसभा व लोकसभा चुनाव में तस्वीर बदल जाए।

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