Railway: मान के आश्वासन पर जालंधर में रेल यातायात बहाल

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Bhagwant Mann: हम पूंजीपतियों को लाभ देने के लिए नहीं, हमारी प्राथमिकता आम जनता है: मान

जालंधर/चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) द्वारा किसानों की जायज मांगे मानने के आश्वासन पर शुक्रवार को किसानों ने जालंधर में रेल यातायात को बहाल कर दिया है। इसके साथ ही सड़क परिवहन भी जल्दी ही शुरू होने की उम्मीद है। पंजाब में जालंधर-लुधियाना राष्ट्रीय राजमार्ग के जालंधर-फगवाड़ा खंड पर धानोवाली गांव के पास गन्ने का समर्थन मूल्य 380 रुपये से बढ़ाकर 450 रुपये प्रति क्विंटल करने और चीनी मिलों को चालू करने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य मंगलवार से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। Chandigarh News

गन्ना किसानों के साथ बैठक के पश्चात मीडिया को जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, ‘सभी किसान संगठनों से बहुत अच्छे माहौल में बातचीत हुई। हम कल गन्ना मिल मालिकों के साथ बैठक करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक दौरान विशेषकर रेल रोको, सड़क रोको जैसी प्रवृत्तियों को खत्म करने पर भी बहुत अच्छी चर्चा हुई, ताकि ऐसी प्रवृत्तियों से भविष्य में लोगों को कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि अगर किसानों को किसी प्रकार की कोई शिकायत है, तो वह धरना देने की बजाय उनसे सीधे बातचीत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों ने भी इस बात पर सहमति दी है और आज रेलवे लाइनों से धरना हटा लिया है और सड़क पर भी सर्विस लाइनों के माध्यम से यातायात बहाल कर दिया जायेगा।

मान ने कहा कि उनकी सरकार कभी भी अपने लोगों से कोई पैसा नहीं छिपाती है। हम लोगों का पैसा लोगों पर लगाने से नहीं हिचकिचाते। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में गन्ना किसानों को बड़ी खुशखबरी सुनने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब में 16 चीनी मिलें हैं जिनमें से नौ मिलें सरकारी क्षेत्र और सात निजी क्षेत्र से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछली सरकारों द्वारा छोड़ा गया चीनी मिलों का सात सौ करोड़ रुपये का बकाया चुकता किया है। उन्होंने कहा कि अब सिर्फ दो मिलों का बकाया बाकी है। Chandigarh News

उन्होंने कहा कि फगवाड़ा की चीनी मिल की संपत्ति जब्त कर ली गयी है और इसे बेच कर किसानों का सारा बकाया देय किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब एक कृषि प्रधान प्रदेश है और गन्ने का मूल्य देश में सबसे अधिक पंजाब सरकार द्वारा 380 रुपये प्रति क्विंटल दिया जा रहा था लेकिन गत वर्ष हरियाणा की सरकार ने कुछ बढ़ोतरी की है। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में पंजाब सरकार भी गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी करेगी। इसके साथ ही और भी कई अच्छी घोषणायें की जाएंगी।

मान ने कहा कि चीनी मिलें गन्ने से चीनी के अतिरिक्त और भी उत्पाद तैयार करती हैं। इसलिये चीनी मिलों को होने वाले फायदे से किसानों को भी लाभ होना चाहिये। उन्होंने कहा कि मामले पर वह शनिवार को चीनी मिल मालिकों से भी बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब को नंबर वन राज्य बनाने के लिये हम सभी को मिलकर काम करना होगा। पंजाब में पराली जलाये जाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल पंजाब की ही समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की समस्या उत्तरी भारत के साथ-साथ अन्य प्रदेशों की भी है। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कदम उठाना चाहिये। पंजाब में धान की फसल पर केन्द्र द्वारा एमएसपी खत्म करने के मामले पर उन्होंने कहा कि ऐसी धमकियों से समस्या का हल नहीं हो सकता। Chandigarh News

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने उच्चतम न्यायालय में यह ड्राफ्ट दिया है कि धान की तरह अन्य फसलों पर भी केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य दे। उन्होंने कहा कि धान की बजाय अन्य फसलें उगाने पर किसानों को नुकसान नहीं होना चाहिये। उन्होंने कहा कि फसल विविधिकरण से किसानों को होने वाले नुकसान का पंजाब सरकार भरपाई करने के लिये तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत हर वर्ष बहुत बड़ी धनराशि की दालें कोलम्बिया से आयात करता है। अगर पंजाब के किसानों को दालों पर एमएसपी दी जाये तो यहां के किसान धान की बजाय दालों की खेती कर यह मांग पूरी कर सकते हैं। राज्यपाल द्वारा विधेयकों पर निर्णय लेने में देरी करने के संबंध में भगवंत मान ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में लिखा है कि पंजाब के राज्यपाल विधेयकों पर जल्द अपना फैसला लें।

उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि राज्यपाल जल्द ही कोई निर्णय लेंगे ताकि जनता द्वारा चुनी गयी सरकार अपने विधायी और संवैधानिक अधिकार का प्रयोग कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा में पंजाब के लोग हमेशा अग्रणी रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम अपने युवाओं को सेना में भर्ती करते हैं और अगर हमें कभी मदद की जरूरत होती है तो केंद्र सरकार सेना उपलब्ध कराने के लिये हमसे शुल्क लेती है। लेकिन जब पंजाब के अग्निवीर शहीद हुये तो उन्हें शहीद का सम्मान नहीं दिया गया। केंद्र सरकार को पंजाब को यूं ही नहीं छोड़ना चाहिये। Chandigarh News

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