हरियाणा में 28 से रोडवेज बसों का चक्का जाम

Roadways buses sachkahoon

हड़ताल पर एकजुट हुईं 10 कर्मचारी यूनियनें

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा में 28 और 29 मार्च की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में 10 रोडवेज (Roadways Buses) कर्मचारी यूनियनें एकजुट हो गई हैं। वहीं, एससी इंप्लाइज संघर्ष समिति और हरियाणा वर्कशॉप यूनियन ने हड़ताल से किनारा कर लिया है। अधिकतर यूनियनों के हड़ताल में शामिल होने से बसों का संचालन बाधित होना तय है, जिससे यात्रियों की परेशानी बढ़ सकती है। हड़ताल को सफल बनाने के लिए साझा मोर्चा ने कड़ा फैसला लिया है कि यदि कोई पदाधिकारी व कर्मी चक्का जाम में शामिल नहीं होता है तो उसे यूनियनों से बर्खास्त किया जाएगा।

हरियाणा रोडवेज (Roadways Buses) कर्मचारी वर्कर्स यूनियन के राज्य प्रधान इंद्र सिंह बधाना ने आरोप लगाया कि सरकार रोडवेज का निजीकरण करने की ओर कदम बढ़ा रही है। रोडवेज की सभी यूनियनें एकजुटता के साथ निजीकरण के विरोध में खड़ी हैं। सभी यूनियनें राज्य व डिपो स्तर पर कमेटियां गठित कर हड़ताल को सफल बनाने में जुटी हैं। राज्य महासचिव शरबत सिंह पूनिया ने कहा कि मुख्य मांग निजीकरण पर रोक लगाने और पुरानी पेंशन की बहाली है। इसके अलावा करीब एक दर्जन दूसरी मांगों पर भी सरकार गोलमाल रवैया अपना रही है।

उन्होंने कहा कि स्टेट कैरेज स्कीम, किलोमीटर स्कीम व एबीसी श्रेणी के तहत बड़े पैमाने पर रूट परमिट देने के लिए निजीकरण के अलग-अलग तरीके अपनाए जा रहे हैं। निजीकरण की नीति के चलते आठ वर्षों में बसों का बेड़ा 4250 से घटकर 2600 पर पहुंच गया है। इससे आमजन को सफर करने में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

हड़ताल को लेकर सर्व कर्मचारी संघ ने पूरी ताकत लगा दी है। संघ के राज्य प्रधान सुभाष लांबा और वरिष्ठ उप प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने दावा किया कि हड़ताल में सरकारी और अर्द्ध सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों, टीचिंग एंड नान टीचिंग स्टाफ, यूनिवर्सिटी, पालिकाओं, परिषदों, नगर निगमों व अग्निशमन विभाग व विभिन्न केंद्रीय योजनाओं में काम करने वाले लाखों वर्कर शामिल होंगे।

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