रूहानियत: पूज्य गुरू जी की 7वीं चिट्ठी पाकर खुशी से विभोर हुई साध-संगत

बोली : वचनों की करेंगे दृढ़ता से पालना

सच कहूँ/राजू
ओढां। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा साध-संगत के नाम लिखी गई 7वीं चिट्ठी 9 जनवरी को शाह सतनाम जी धाम में आयोजित नामचर्चा में साध-संगत के बीच पहुंची। अपने प्रीतम प्यारे की चिट्ठी पाकर साध-संगत खुशी से फू ले नहीं समाई। चिट्ठी में पूज्य गुरु जी ने सभी देशवासियों को कोरोना से बचने व वैक्सीनेशन करवाने हेतु आह्वान किया है। चिट्ठियों में सभी को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने व कोरोना से बचने हेतु जरूरी टिप्स भी दिए थे। ये टिप्स न केवल साध-संगत के लिए अपितु आम लोगों के लिए भी लाभदायक सिद्ध हुए। अपने गुरु की इस 7वीं चिट्ठी को साध-संगत ने पूर्व की भांति दिल से लगाया और उसे कई-कई बार पढ़कर अपने सतगुरु का आभार जताया।

पूज्य गुरु जी की ये केवल चिट्ठी नहीं अपितु एक रूहानी संदेश है। पूज्य गुरु जी ने इस संदेश के माध्यम से सारी साध-संगत के लिए जो अपना प्यार भरा आशीर्वाद भेजा है, उसका लिख या बोलकर वर्णन नहीं किया जा सकता। पूज्य गुरु जी ने चिट्ठी में कोरोना वैक्सीन लगवाने व सतर्कता बरतने के अलावा लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक करने के जो वचन फरमाए हैं, उन पर हम शत-प्रतिशत अमल करेंगे। हम अपने सतगुरु का ऋण कभी नहीं उतार सकते।

 भगवान दास इन्सां, मंडी कालांवाली।

मुर्शिद की प्रेमपाति ने साध-संगत में नई उर्जा भर दी है। नामचर्चा में साध-संगत के बीच चिट्ठी पढ़कर सुनाई गई। चिट्ठी पढ़कर रूह को एक अलग ही तरह की खुशी मिली। हम अपने मुर्शिद का सैकड़ों जन्म लेकर भी ऋण नहीं उतार सकते। सतगुरु की 7वीं चिट्ठी पढ़कर जो खुशी छाई उसका वर्णन अकथनीय है। हम अपने मुर्शिद द्वारा चलाए जा रहे 137 मानवता भलाई कार्यांे को बढ़-चढ़कर गति देंगे। पिताजी के इस संदेश के बाद साध-संगत में एक नया उत्साह है। हमें उस दिन का इंतजार है, जब हमारे मुर्शिद देह स्वरूप में आकर हमसे ये पूछेंगे कि बेटा आप सब ठीक हो। सतगुरु की प्रेमपाति को हमनें दिल में उतार रखा है।

 रजनी इन्सां, नुहियांवाली।

पूज्य गुरु जी की चिट्ठी को मैंने कई बार पढ़ा। पिताजी ने सारी साध-संगत को जो अपना पावन आशीर्वाद भेजा है, उसका लिख-बोलकर वर्णन नहीं किया जा सकता। साथ ही उन्होंने एकता रखने, निंदकों से दूर रहने तथा सेवा-सुमिरन करने सहित अनेक वचन किए हैं, जिन पर हम पूरा अमल करेंगे। हम पूज्य गुरु जी का कोटि-कोटि आभार व्यक्त करते हैं। इस प्रेमपाति को बार-बार पढ़ने को जी करता है।

शुभकरण इन्सां, खजूरी।

मेरे मुर्शिद की चिट्ठी बेशकीमती है। हमारा कितना ख्याल रखते हैं हमारे मुर्शिद। सतगुरु ने चिट्ठी में आशीर्वाद व मानवता भलाई कार्यांे को गति देने सहित अनेक बातें बताईं हैं। हम उनकी बातों पर शत-प्रतिशत अमल कर रहे हैं और भविष्य में भी करते रहेंगे। हम डेरा सच्चा सौदा के साथ थे, हैं और आखिरी सांस तक रहेंगे। पूज्य गुरु जी के वचनों व काढ़े ने हमारे लिए सुरक्षा कवच का कार्य किया। अब तो बस यही प्रतिक्षा है कि हमारे मुर्शिद देह स्वरूप में जल्द से जल्द हमारे बीच पधारें।

राजकुमार इन्सां, नुहियांवाली।

प्यारे सतगुरु की 7वीं चिट्ठी पढ़कर मेरा दिल भर आया। मैं कैसे उनका अहसान चुका दूं। मैं अगर हर श्वास उनका धन्यवाद करता रहूं वो भी कम है। पिता जी ने ‘जनवरी में आए शाह सतनाम जी खुशियों का भरके झोला, सबकी भरेंगे झोलियां पूरी आके रू-ब-रू एमएसजी मौला’ के वचन फरमाकर इन 2 लाइनों में बहुत कुछ कह दिया। हम लोगों की कितनी फिक्र करते हैं, हमारे मुर्शिद ये लिख-बोलकर नहीं बताया जा सकता। चिट्ठी मिलने के बाद जो खुशी आई थी वो कहने-सुनने से परे है।

मुकेश इन्सां, मंडी कालांवाली।

धन्य है, हमारे पूज्य गुरु जी जो अपने करोड़ों बच्चों का ख्याल रखते हैं। चिट्ठी पढ़कर मुझे कितनी खुशी हुई उसको मैं ब्यां नहीं कर सकती। पिताजी ने सभी चिट्ठियों के माध्यम से साध-संगत के लिए अपना प्यार व आशीर्वाद भेजा है। हमारे मुर्शिद हमारी संभाल तो उसी दिन से करने लग गए जब हम उनके शिष्य बने। वो हमारी संभाल जिस तरह से कर रहे हैं, वो शायद ही कोई पिता अपने बच्चों की करता होगा। कोरोना काल में पिताजी के पावन वचन हमारे लिए कवच बने। हम पूज्य गुरु जी के वचनों पर शत-प्रतिशत अमल करते हुए मानवता भलाई कार्यांे को गति देंगे।

 निर्मला इन्सां, नागोकी।

आदरणीय,
माता जी, प्यारे बच्चों व ट्रस्ट प्रबंधक सेवादारों,
धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा
माता जी व हमारे करोड़ों प्यारे बच्चों, आप सब को ‘अवतार महीने’ व नए साल की बहुत-2 बधाईयाँ व आर्शीवाद। हम परम पिता परमात्मा से प्रार्थना करते हैं कि वो आपकी जायज माँग पूरी करे व आपके घरों में बरकत डाले और रूह तन में खुशियाँ भर दें।
‘‘जनवरी में आए शाह सतनाम जी, खुशियों का भरके झोला।
सबकी भरेंगे झोलियाँ पूरी, आके रू-ब-रू MSG मौला।।’’
हम परम पिता जी से आपके गुरू व पिता जी होने के नाते, आप सबके लिए यह प्रार्थना करते हैं कि इस घोर कलियुग में वो आप सबको दृढ़ यकीन, वचनों के पक्के बनाए रखें व हर परेशानी, गम, बीमारी व टैन्शन’ से बचाएं। सेवा, सुमिरन व परमार्थ के लायक आप सबको दाता जी जरूर बनाएं।
हमारे प्यारे बच्चों, हमने कोरोना की वैक्सीन ‘कोवीशील्ड’ लगवा ली है और हम चाहते हैं कि हमारे ‘करोड़ों’ बच्चे, जिन्होेंने अभी तक ‘वैक्सीन’ नहीं लगाई वो लगवा लें। इस कार्य को मानवता भलाई के 136वें कार्य के रूप में निम्न प्रण करें:-
‘‘सारे कोरोना वैक्सीन लगवाऐंगे व दूसरों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करेंगे व लगवाएंगे’’ अपने हाथ खड़े करें, नारा लगाएं, सतगुरु आपको बहुत-2 खुशियां दें। आर्शीवाद।
हम आपके गुरू परम पिता जी ने बनाएं हैं, गुरू थे, गुरू हैं और गुरू रहेंगे। गुरू रूप में आपको वचन कर रहे हैं मानना जरूर (1) हमेशा एक बनके रहें (2) ऊँच नीच जात धर्म का भेद न करें (3) निंदा ना करें ना निंदा में किसी का साथ दे (4) ‘तीन वचनों’ पर पक्के रहें (5) ईर्ष्या, नफरत व चुगली निंदा रोकें व खुद इनसे बचें (6) सेवा, सुमिरन व परहित परमार्थ करें (7) ‘अखण्ड’ सुमिरन व ‘नामचर्चा’ करते रहें तो मालिक जल्द से जल्द आपकी ‘जायज माँग’ पूरी जरूर करेंगे।
137वां कार्य:- ‘‘मास्क लगाएंगे, लगवाएंगे व जरूरतमंदों को फ्री में मास्क देंगे व 7 फुट की दूरी बनाके रखेंगे।’’ नारा, आर्शीवाद
‘‘हमारे बहुत ही प्यारे आँखों के तारे, भलाई करते हैं वो सारे।
सतनाम जी मसतान जी ऐसी कृपा करें, हो जाएं सबके वारे न्यारे।।’’
हमें हर पल हमारे प्यारे करोड़ों बच्चों का ख्याल है व उनमें ख्याल है। आशीर्वाद।
दासन दास
गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां
08-01-2022
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