गुरुग्राम मात्र 7 एमएम बरसात से ही खुली प्रशासन की पोल

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गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस-वे के पास भरा बरसाती पानी व रेलवे रोड पर भरे बरसाती पानी में से गुजरते वाहन।

प्रवेश के कई रास्ते ब्लॉक, जलभराव के कारण रहा जाम | Rain

  • लोग समय से ना दफ्तर पहुंच पाए ना अपने काम-धंधों पर

गुरुग्राम (सच कहूँ/संजय मेहरा)। सरकारी विभाग की तरफ से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार गुरुग्राम में गुरुवार की सुबह 8 बजे तक मात्र 7 एमएम ही बरसात (Rain) हुई। इसी बरसात में इतना जलभराव हो गया कि गुरुग्राम चारों तरफ से जाम हो गया। गुरुग्राम में प्रवेश के हर रास्ते पर लंबा जाम रहा। लोगों को एक किलोमीटर की दूरी तय करने में करीब एक घंटा लगा। एक बार फिर से बरसात के प्रबंधों की पोल खुलती नजर आई।

गुरुग्राम की अलसुबह से ही बरसात (Rain) शुरू हो गई थी। कहीं कम तो कहीं ज्यादा बारिश हुई। आंकड़ों के अनुसार सुबह 8 बजे तक गुरुग्राम तहसील क्षेत्र में 6एमएम, कादीपुर सब-तहसील में 3एमएम, हरसरू सब-तहसील में 3एमएम, तहसील वजीराबाद क्षेत्र में 32एमएम, सब-तहसील बादशाहपुर में 20एमएम, सोहना तहसील में शून्य, मानेसर तहसील क्षेत्र में 12एमएम, पटौदी तहसील में शून्य और फरूखनगर तहसील क्षेत्र में 3एमएम बरसात हुई।

जयपुर हाईवे की तरफ से गुरुग्राम में प्रवेश करने के दौरान हाईवे पर और सर्विस लेने में जलभराव हो गया। वहां वाहनों का लंबा जाम लग गया। झज्जर से गुरुग्राम में प्रवेश के दौरान द्वारका एक्सप्रेस-वे के पास बसई फ्लाईओवर से ठीक पहले व फ्लाईओवर उतरकर बसई गांव के बीच से गुजर रही मुख्य सड़क पानी से लबालब रही। द्वारका एक्सप्रेस-वे से बसई में पूरा जाम लगा रहा। काफी समय तक वाहन एक ही जगह पर फंसे रहे। इससे आगे रेलवे स्टेशन से पहले दौलताबाद फ्लाईओवर पर भी भयंकर जाम रहा। द्वारका एक्सपे्रस-वे से लेकर रेलवे रोड तक जाम में वाहन फंसे रहे। ऐसे में इन स्थानों से शहर में प्रवेश करना चुनौती बन गया। Gurugram News

सार्वजनिक स्थानों पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नदारद | Rain

वैसे तो प्रशासन और सरकार बरसात के पानी को सहेजने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने पर जोर देते हैं। जिन स्थानों पर प्रशासन द्वारा यह सिस्टम लगाए जाने चाहिए, वहां पर भी नहीं लगाए गए हैं। शहर में कई ऐसे प्वायंट हैं, जहां पर काफी जलभराव होता है। अगर वहां पर ये सिस्टम हो तो हजारों लीटर पानी की बर्बादी होने की बजाय उसे भूमि को रिचार्ज किया जा सकता है।

इस जमीनी हकीकत को जानकर सकारात्मक प्रयास करने के लिए शायद ही कोई अधिकारी काम करता हो। अगर काम किया जाता तो हजारों लीटर पानी की बर्बादी ना होती। नाले गंदगी के कारण अटे पड़े हैं। सफाई के दावे तो किए गए लेकिन सफाई नहीं की गई। इसलिए वहां से पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों, गलियों में ही बहता नजर आया।

बसई के नए फ्लाईओवर को कर दिया बंद

बसई गांव और सेक्टर-9ए के साथ बनाए गए नए फ्लाईओवर को बैरिकेट लगाकर बंद किया गया है। यह फ्लाईओवर सेक्टर-9ए से द्वारका एक्सप्रेस-वे से जुड़ा है। कुछ दिन पहले तो यहां से वाहनों का आवागमन था, लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है। इसके बंद करने के कारण वाहनों का दबाव बसई के पुराने फ्लाईओवर और दौलताबाद के फ्लाईओवर पर पड़ रहा है। अगर नए फ्लाईओवर को वाहनों के लिए खोल दिया जाता है तो जाम से काफी मुक्ति मिले। ऐसा ना करके वाहन चालकों को परेशानी में डाला जा रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस फ्लाईओवर का उद्घाटन भी कर चुके हैं।

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