पिता के निधन पर पुत्र ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

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जिले में राजस्थान की सीमा से सटे गांव नथोर के एक पुत्र ने अपने पिता के मरणोपरांत उन्हें अनोखे तरीके से श्रद्धांजलि दी।

ग्रामीणों व समाजसेवियों ने सराही बेटे की अनोखी मुहिम | Sirsa News

  • नथोर में 78 वर्षीय पिता जंगीर सिंह के संस्कार के तुरंत बाद बेटे आत्माराम ने रोपित किया बस स्टैंड पर फलदार पौधा | Sirsa News

खारियां (सच कहूँ/सुनील कुमार)। जिले में राजस्थान की सीमा से सटे गांव नथोर के एक पुत्र ने अपने पिता के मरणोपरांत उन्हें अनोखे तरीके से श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि देने का ये तरीका अपने आप में अनोखा था। पिता के मरणोपरांत उनकी अंतिम विदाई के तुरंत बाद बेटे ने गांव के बस स्टैंड पर अपने पिता की याद में जामुन का फलदार पौधा रोपित किया। इतना ही नहीं भविष्य में गांव में सार्वजनिक स्थलों पर पौधारोपण अभियान चलाने और उनकी नियमित देखभाल करने की संकल्प कराया। हम बात कर रहे है कि नथोर निवासी आत्मा राम सरां की। जिन्होंने अपने 78 वर्षीय पिता जंगीर सिंह के निधन होने पर संस्कार की रस्म के तुरंत बाद घर लौटते समय बस स्टेण्ड पर पिता की याद में जामुन का फलदार पौधा रोपित किया। Sirsa News

उनके इस काम की हर जगह तारीफ हो रही है। लोगों ने कहा कि पितृपक्ष में लोग दान, तर्पण आदि करते हैं, लेकिन आत्मा राम ने अपने पिता की याद में पौधारोपण की अनुकरणीय परंपरा शुरू करके मिसाल कायम की है। अन्य लोगों को भी इससे सीख लेनी चाहिए। पौधा रोपण के अवसर पर आत्मा राम ने बताया कि उनके पिता हमेशा ही पर्यावरण हितेषी रहे थे। उन्होंने अपने जीवन में गलियों, गांव की खाली जगहों, घर व खेतों में अनेकों पेड़ लगाए, जो आज सभी को फल, फूल, ठण्डी छाया व ताजा आक्सीजन नि:स्वार्थ प्रदान करते हैं। प्रकृति के प्रति पिता की सेवाओं व समर्पण से प्रेरणा पाकर मैंने रविवार से ही अपने पिता की हर पुण्यतिथि पर पौधा रोपण करने की शुरूआत की है। इस अवसर पर शोकाकुल परिवार से बेटा आत्मा राम व कृष्ण लाल, पौत्र रवि व अमित सहित परिजन, रिश्तेदार व ग्रामीण मौजूर रहे।

जंगीर सिंह एक पर्यावरण प्रेमी व समाजसेवी व्यक्तिव का धनी था। जिसने अपने जीवन में पर्यावरण संरक्षण से संबंधित अनेक कार्य किए। मैं नमन करता हुए ऐसे व्यक्तिव को जिसने अपने परिवार को प्रकृति सौंदर्यकरण में पौधा रोपण व संरक्षण की सीख दी। जिसका परिणाम आज समाज के सामने है।
                                                                                   – सुभाष झोरड़, पूर्व सरपंच प्रतिनिधि नथोर।

आत्माराम द्वारा पिता के संस्कार उपरांत पौधा रोपण की इस नई पहल ने समाज को नया मोड़ दिया है। गांव के युवाओं के लिए आत्माराम एक प्रेरणास्रोत बन गया है। आज प्रत्येक इन्सान पौधा रोपण व संरक्षण में आगे आना चाहिए ताकि भविष्य में प्राकृतिक संतुलन व सौदर्यकरण का भरपूर आंनद उठा सके। Sirsa News

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