कलियुग में इन्सान बनना बड़ी बात है
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान जब तक इन्सानियत से नहीं जुड़ता, तब तक परमपिता परमात्मा का रास्ता उसके अंत: करण से नहीं खिलता। अगर आप अपने अंदर उस रास्ते को महसूस करना चाहते हैं, परमपिता तक जाना चाहते ह...
डेरे की छान-बीन करने आए पुलिस वाले को मस्ताना जी ने कैसे हैरान कर दिया?
‘‘भाई! जिस जगह पर प्रेम बैठा है उत्थे परमेश्वर आप हुंदा है क्योंकि मालिक और प्रेम में कोई भेद नहीं है। मालिक प्रेम है और प्रेम मालिक है। अज असीं बारां साल नोट, सोना, चांदी, कपड़े, लत्ते, कुत्तों को सोना और खोतों (गधों) को बूंदी, बैलों को, सांडों को, इ...
सत्संगी के अनमोल गहने हैं सेवा और सुमिरन
सरसा (सकब)। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि सेवा और सुमिरन दो ऐसे गहने हैं जो भी मनुष्य इन्हें पहन लेता है, जीते-जी उसके सभी गम, चिंता, परेशानियां दूर हो जाती हैं, और मरणोपरांत आवागमन का चक्कर जड़ से खत्म हो जाता है। पू...
बेपरवाह जी के इलाही वचन: यह डेरा किसी चंदे, फंड या धोखे की दौलत से नहीं बना
सरसा। धन-धन संतों के न्यारे राम, अलमस्त मौला परम संत शाह मस्ताना जी बिलोचिस्तानी जी, जिन्होंने जंगल बीआबान में डेरा सच्चा सौदा स्थापित कर जंगल में मंगल किया। इसलिए इस न्यारे राम को कोई देखे तो पता चले कि संतों वाला राम क्या-क्या काम करता है।
परम पूज...
‘यहां सैंकड़े गुरू बनना चाहते हैं’ बेपरवाह जी ने ऐसे निकाला एक डेरा प्रेमी का वहम!
सरसा (सच कहूँ डेस्क)। बेपरवाह साईं जी के एक पावन करिश्में को प्रेमी चरण दास पुत्र श्री गंगा सिंह गांव ढढ्डी कदीम तह. जलालाबाद एक अद्भुत करिश्में के विषय में इस प्रकार बयान करता है। ‘‘ पहले मैं गांव कबर वाला तह. अबोहर जिला फिरोजपुर में रहता था। उस समय...
बेपरवाह मस्ताना जी की रहमत से चार के चौदह बने
सरसा। प्रेमी गोबिन्द मदान सरसा शहर (हरियाणा) से परम पूजनीय बेपरवाह मस्ताना जी महाराज के एक अद्भुत करिश्मे का इस प्रकार वर्णन करता है:-
मार्च 1960 में होली वाले दिन की बात है बेपरवाह जी ने मुझे हुक्म फरमाया, नानक लांगरी को साथ लेकर तीन हजार रुपया डेर...
अनमोल वचन : खुदगर्ज हैं ज्यादातर दुनियावी रिश्ते-नाते
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा के अरबों नाम हैं, करोड़ों पहचान हैं, उस परमपिता परमात्मा का प्यार-मोहब्बत जीव हासिल कर ले तो जीते-जी गम, चिंता, टेंशन, परेशानियों से निजात मिल ज...
सतगुरू जी के वचनों से पूरे परिवार व गांववालों ने लिया गुरूमंत्र
शाह मस्ताना जी धाम सरसा के साथ लगते गांव नटार की बहन सभरो डेरा सच्चा सौदा की ख्याति सुनकर आश्रम में सत्संग सुनने पहुंची। सत्संग में राम-नाम की ही चर्चा हुई। पूजनीय बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज के शाही सुसज्जित स्टेज पर पधारते ही चारों ओर मस्ती छा गई...
‘पूजनीय परम पिता जी की लाठी’, किराये दार ने छोड़ दी शराब
सरसा। यह बात सन् 1985 की है। मैं पूजनीय परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज के दर्शन करने के लिए सरसा आश्रम पहुंचा। उस समय मजलिस के दौरान पूजनीय परम पिता जी स्टेज पर विराजमान थे। मैं जाकर मजलिस में बैठ गया। कुछ देर के बाद पूजनीय परम पिता जी ने मुझसे पू...
साईं जी ने दिया प्रसाद और बीमारी हो गई दूर
एक बार पूजनीय बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने सरसा शहर के लोगों की सत्संग की माँग को पूरा करने हेतु सत्संग करने आना था। आप जी का उतारा बहन विद्या देवी मदान के निवास पर था। बहन विद्या देवी आप जी के प्रति बहुत श्रद्धा-विश्वास रखती थी। उससे यह सुन...
साईं जी ने दी राम-नाम की संजीवनी: पूज्य गुरू जी
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि जो इन्सान इस दुनिया से चले गए आप उनको कितना याद करते हैं? यह याद सिर्फ सपना सा बनकर रह जाती है। जो हर समय दिलो-दिमाग में छाया रहता है, ऐसा तो सिर्फ वो सच्चा मुर्शिदे-कामिल होता है।...
पीर-फकीर के वचनों पर अमल करो: पूज्य गुरू जी
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि परमात्मा का जो ध्यान लगाया करते हैं, वो तमाम छल-कपट, बुराइयों से दूर हो जाते हैं। अगर इन्सान प्रभु का ध्यान करता है तो प्रभु भी उनका ध्यान रखते हैं। पर ये घोर कलियुग है, यहां लोग ब...
नेक कार्यों में समय लगाओ
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि आजकल इन्सान के जीवन का उद्देश्य एक ही है, शारीरिक व पारिवारिक सुख हासिल करना, जिसको पाने के लिए सारा दिन झूठ, ठग्गी, बेईमानी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार का सहारा लेता है। इंसान दुनियाद...
मालिक पर दृढ़ यकीन रखो
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि जब जीव सत्संग में चलकर आता है, तो उसके अंत:करण की सफाई होती है। जितनी भी बुरी बातें सोचता है, साफ हो जाती हैं। सत्संग का ये असर है कि वो इन्सान सुमिरन, सेवा करके परमात्मा को भी पा ...
अनमोल वचन : परमात्मा से कभी मुंह न मोड़ो: पूज्य गुरू जी
सरसा। पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि उस प्रभु को अपना साथी बनाना है तो यह जरूरी है कि इन्सान नेकी-भलाई के रास्ते पर चले, उस परमात्मा का नाम जपे। तड़प कर उस अल्लाह, मालिक को अपना बना लो और एक बार जब वह आपका हो गया तो कभी भी...