मालदीव में भारत के लिए चुनौती

Challenge, India, Maldives, Constitutional Crisis

संवैधानिक संकट में घिरा मालदीव कूटनीतिक मोर्चे पर भारत के लिए नई चुनौती बन गया है। मालदीव ने क्षेत्रीय देशों की समुद्री सेना के अभ्यास में शामिल होने के लिए भारत के न्यौता को ठुकरा दिया है। चाहे मालदीव ने स्पष्ट तौर पर न्यौता न ठुकराने का कोई कारण नहीं बताया, लेकिन हालातों से स्पष्ट है कि मालदीव ने चीन को खुश करने और भारत को चिढ़ाने के लिए ही ऐसा किया है।

यामीन सरकार द्वारा आपातकाल का घोषणा करने और इसे एक महीने के लिए आगे बढ़ाने के खिलाफ भारत ने सख्त टिप्पणी की थी। भारत की इस टिप्पणी से मालदीव सहित चीन भी सकते में था। चीन द्वारा कहा गया था कि भारत मालदीव के आतंरिक मामलों में दखल न दे और मालदीव सरकार भी संकट से उभरने के लिए समर्थ है।

दरअसल चीन और मालदीव की गिटमिट भारत के लिए चुनौती बन गई है। चीन पाकिस्तान और नेपाल में पहले ही अपनी जड़ें मजबूत कर चुका है। श्रीलंका और बांग्लादेश में उसकी कोशिशें अवश्य नाकाम हो रही हैं लेकिन इन देशों में चीन ने अपनी मुहिम जारी रखी हुई है। डोकलाम विवाद का कुछ हद तक समाधान होने के बावजूद चीन भूटान में अपने पैर पसारने की कोशिश कर रहा है।

चीन का सरकारी मीडिया निरंतर भारत के खिलाफ तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहा है। दूसरे तरफ अरूणाचल प्रदेश में भारतीय शासन-प्रशासन की सरगर्मियों पर चीन किंतु-परंतु करने से गुरेज नहीं कर रहा। भारत के लिए इन हालातों से निपटने और शक्ति संतुलन कायम रखने में बड़ी रुकावट दो विरोधी ताकतें अमेरिका और रूस के साथ बराबर दोस्ती वाली कूटनीति है।

इस असमंजस्य के कारण ही कभी अमेरिका भारत के प्रभाव में पाक की खिंचाई करता है और कभी रूस-भारत की मित्रता के मद्देनजर पाकिस्तान से नरमी ईस्तेमाल करता है। नि:संदेह हमारी गुट निर्पेक्षता कमजोर पड़ी है, इसके बावजूद हम अमेरिका से अपेक्षित समर्थन प्राप्त करने में समर्थ नहीं हुए। अब मालदीव में चीन का बढ़ रहा प्रभाव काफी मुश्किल भरा है।

मालदीव का बाद में हमदर्द बना चीन उसका सबसे बड़ा घनिष्ठ मित्र होने का दावा कर रहा है। छोटे व गरीब देशों में चीन के पैसे और तकनीक की ताकत का मुकाबला करने के लिए भारत को मजबूत ठोस कूटनीति बनाने की जरूरत है, ताकि नेपाल की तरह कहीं भूटान और मालदीव भी हमारे हाथों से न निकल जाएं।

 

Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।